सीपीआई के नेता और जेएनयू के पूर्व अध्यक्ष कन्हैया कुमार ने ट्वीट कर कहा है कि मोदी सरकार को ये भ्रम हो गया है कि टैक्सपेयर्स के पैसे जेएनयू में बरबाद हो रहे हैं। एक टीवी चैनले से बातचीत का वीडियो शेयर कर हुए कन्हैया कुमार ने मोदी सरकार से कई गंभीर सवाल पूछे हैं। उन्होंने कहा है कि संसद में सांसदों को सब्सिडी मिली हुई है, वह फ्री में खाते हैं, उनके रहने पर सब्सिडी है तो सस्ती शिक्षा से इस सरकार को दिक्कत क्यों है?
इंडिया टूडे से बात करते हुए कन्हैया कुमार ने कहा है कि जहां तक देश के टैक्सपेयर्स की बात है तो जेएनयू की शिक्षा में लगे पैसे बरबाद नहीं हो रहे हैं। टैक्सपेयर्स के पैसे से हमारी सरकार तीन हजार करोड़ की मूर्ति बनवा सकती है तो शिक्षा पर सब्सिडी क्यों नहीं दे सकती है?
कन्हैया कुमार ने ट्वीट कर कहा, शिक्षा एक संवैधानिक अधिकार है। यह कोई विशेषाधिकार नहीं है। यह फ्रीलाडर चार्ज गरीब छात्रों के खिलाफ नफरत है।
कन्हैया कुमार ने कहा देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी हमेशा ये क्यों कहते रहते हैं कि हम 5 ट्रिलियन की इकोनॉमी बनाने जा रहे हैं, तो क्या देश में 5 हजार छात्रों को अच्छी और सस्ती शिक्षा नहीं दी जा सकती?
कन्हैया कुमार ने यह भी कहा कि जेएनयू के छात्र पर सरकार किसी तरह का कोई एहसान नहीं करती है। यहां पर सारे छात्र ऑल इंडिया लेवल पर परीक्षा पास कर लोग जेएनयू में एडमिशन लेते हैं। यह हास्यास्पद है जब लोग कहते हैं कि अनुसंधान पर पैसा बरबाद हो रहा है। किसी भी देश में विकास अच्छे शोध पर आधारित होता है।
लोकसभा चुनाव 2019 में कन्हैया कुमार ने भाकपा के टिकट पर बेगूसराय सीट से चुनाव लड़ा था। लेकिन वह हार गए थे। साल 2016 में जेएनयू में एक कार्यक्रम में कथित तौर पर राष्ट्रविरोधी नारे लगने के बाद उन पर राजद्रोह का मामला दर्ज हुआ था। जिसके बाद उनकी गिरफ्तारी भी हुई थी।
सोमवार को जेएनयू के हजारों छात्र अपने कैम्पस से संसद तक मार्च करने की कोशिश में जमा हुए लेकिन पुलिस ने उन्हें मेन गेट के पास ही रोक दिया था। लेकिन छात्रओं ने बैरिकेडिंग तोड़ने की कोशिश की जिसके बाद पुलिस ने लाठीचार्ज किया और छात्रसंघ अध्यक्ष आइशी घोष समेत करीब 100 जेएनयू छात्रों को हिरासत में लिया। पुलिस ने छात्रों को मार्च से रोकने के लिए रविवार देर रात से ही मेन गेट के दोनों तरफ भारी बैरिकेडिंग कर दी थी और इलाके में धारा 144 लगा दी थी।