ज्योतिरादित्य सिंधिया और शिवराज सिंह चौहान की फोटो वायरल, 43 साल बाद MP में इतिहास दोहराने की तैयारी

By लोकमत न्यूज़ डेस्क | Published: March 10, 2020 12:20 PM2020-03-10T12:20:21+5:302020-03-11T10:28:29+5:30

सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म ट्विटर पर ज्योतिरादित्य सिंधिया, #MadhyaPradeshCrisis और #MPPoliticalCrisis ट्रेंड कर रहा है. मध्य प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान और ज्योतिरादित्य सिंधिया की पुरानी तस्वीर भी लोग शेयर कर रहे हैं.

Jyotiraditya Scindia and Shivraj Singh Chauhan photo goes viral | ज्योतिरादित्य सिंधिया और शिवराज सिंह चौहान की फोटो वायरल, 43 साल बाद MP में इतिहास दोहराने की तैयारी

सोशल मीडिया में सिंधिया-चौहान की तस्वीर वायरल है (ट्विटर से साभार)

Highlightsमीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार बीजेपी ज्योतिरादित्य सिंधिया को मध्य प्रदेश से ही राज्यसभा भेज सकती है, मध्य प्रदेश में तीन सीटों पर राज्यसभा चुनाव होने वाला है.इसके अलावा ज्योतिरादित्य सिंधिया को केंद्रीय मंत्रिमंडल में शामिल किया जा सकता है, सिंधिया पहले भी केंद्रीय मंत्री रह चुके हैं.

कांग्रेस नेता ज्योदिरादित्य सिंधिया सुर्खियों में चल रहे हैं। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से मुलाकात के बाद सिंधिया का हाथ का साथ छोड़कर बीजेपी में जाने की अटकलें तेज हो गई हैं। राज्यसभा चुनाव से पहले मध्य प्रदेश में उपजे सियासी संकट में ज्योदिरादित्य सिंधिया अहम किरदार बनकर उभरे हैं। पिछले चार दिनों से मध्य प्रदेश में कमलनाथ सरकार गिरने की चर्चा तेज है। इस बीच सिंधिया ने पीएम मोदी के साथ ही केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह से भी मुलाकात की है। मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार प्रधानमंत्री निवास में तीनों नेताओं की बैठक करीब एक घंटे चली है।

43 साल पहले पिता माधवराव सिंधिया ने छोड़ा था जनसंघ

ज्योतिरादित्य सिंधिया के पिता माधवराव सिंधिया ने अपनी राजनीति की शुरुआत जनसंघ से 1971 से शुरू की थी। इंदिरा गांधी लहर में भी ग्वालियर क्षेत्र में सिंधिया राजघराने का दबदबा कायम रहा। 1971 के लोकसभा चुनाव में भिंड से ज्योतिरादित्य की दादी विजयाराजे सिंधिया, ग्वालियर से पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी और गुना से 26 वर्षीय माधवराव सिंधिया ने जीत हासिल की।

हालांकि छह वर्षों में ही माधवराव सिंधिया का मोहभंग जनसंघ से हो गया।  आपातकाल के बाद 1977  में हुए चुनाव में माधवराव सिंधिया निर्दलीय ही जीत हासिल की। इसके बाद 1980 में माधवराव सिंधिया कांग्रेस के टिकट से लड़कर जीत हासिल की। माधवराव सिंधिया ने बीजेपी के गठन के बाद अटल बिहारी वाजपेयी को 1984 लोकसभा चुनाव में ग्वालियर सीट से मात दे चुके हैं। अगर ज्योतिरादित्य सिंधिया बीजेपी में जाते हैं तो 43 साल बाद पूरा परिवार एक बार फिर बीजेपी में होगा। 

ज्योतिरादित्य सिंधिया की दोनों फुआ बीजेपी में

सिंधिया परिवार की वसुंधरा राजे और यशोदरा राजे सिंधिया दोनों ही भारतीय जनता पार्टी में हैं। वसुंधरा की सियासी जमीन जहां राजस्थान है तो वहीं यशोदरा राजे सिंधिया मध्य प्रदेश से बीजेपी विधायक हैं। यशोदरा राजे सिंधिया शिवराज सिंह चौहान सरकार में मंत्री भी रह चुकी हैं। ज्योतिरादित्य सिंधिया के फुफेरे भाई दुष्यंत सिंह राजस्थान के झालावाड़ से बीजेपी सांसद हैं।

चार बार लोकसभा चुनाव जीत चुके हैं ज्योतिरादित्य सिंधिया

ज्योतिरादित्य सिंधिया अपनी पिता की तरह ही कम उम्र में राजनीति में आ गए थे। पिता के अचानक निधन के बाद 2002 में गुना सीट से ज्योतिरादित्य सिंधिया ने लोकसभा उप चुनाव लड़ा था। इसके बाद 2004, 2009 और 2014 में लगातार वह इस सीट से सांसद बने। मनमोहन सिंह सरकार में ज्योतिरादित्य सिंधिया केंद्रीय राज्यमंत्री रह चुके हैं। लोकसभा चुनाव 2019 में उनके पुराने सहयोगी ने ही मात दी है।

Web Title: Jyotiraditya Scindia and Shivraj Singh Chauhan photo goes viral

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