CAA Protest: ट्विटर पर उलझे राणा अय्यूब और यूपी पुलिस, अय्यूब ने कहा, टाइमलाइन देख लो, पुलिस ने कहा, देख ली
By पल्लवी कुमारी | Published: December 23, 2019 12:33 PM2019-12-23T12:33:35+5:302019-12-23T12:33:35+5:30
नागरिकता संशोधित कानून (CAA) और प्रस्तावित राष्ट्रीय नागरिक पंजी (NRC) को लेकर पिछले हफ्ते उत्तर प्रदेश के कई जिलों में हिंसक प्रदर्शन हुए। स्थिति को काबू में करने के लिए पुलिस ने लाठीचार्ज और आंसू गैस छोड़े।
भारतीय खोजी पत्रकार राणा अय्यूब सोशल मीडिया पर फिर से चर्चाओं में है। ट्विटर के जरिए राणा अय्यूब पिछले कुछ दिनों से लगातार नागरिकता संशोधित कानून (CAA) और प्रस्तावित राष्ट्रीय नागरिक पंजी (NRC) को लेकर केंद्र की नरेंद्र मोदी सरकार की आलोचना कर रही हैं। इसी क्रम में यूपी पुलिस और उनके बीच ट्विटर पर बहस हो गई है। तकरीबन राणा के चार से पांच ट्वीट का यूपी पुलिस ने जवाब दिया और यूपी पुलिस के हर काउंटर का राणा जवाब दे रही थीं। राणा अय्यूब और यूपी पुलिस ट्विटर पर अपनी बहसबाजी को लेकर चर्चा में आ गए हैं।
राणा अय्यूब ने ट्वीट कर लिखा, ''मुजफ्फरनगर और कानपुर से दिल दहला देने वाली बात सुनने में आई है। स्थानीय लोग कह रहे हैं कि आरएसएस के सदस्य पुलिस में हैं और स्थानीय नेता मुस्लिम इलाकों पर हमला कर रहे हैं। परिवार सुरक्षित स्थानों के लिए रवाना हो रहे हैं। कारों और घरों को जलाया जा रहा है। गुजरात 2002 के शुरुआती दिनों को याद दिला रहे हैं।''
पत्रकार राणा अय्यूब के इस ट्वीट का रिप्लाई करते हुए यूपी पुलिस की अधिकारिक पेज ने इसका जवाब दिया। यूपी पुलिस के ट्विटर हैंडल के ओर से लिखा गया, ''यूपी पुलिस ऐसे किसी भी आरोपों से इनकार करती है। जिम्मेदार रिपोर्टिंग के लिए यह आवश्यक होगा कि आप सत्यापन योग्य साक्ष्य साझा करें जिसे हम देख सकते हैं।''
यूपी पुलिस के इस ट्वीट पर राणा अय्यूब ने फिर से जवाब देते हुए लिखा, ''यूपी पुलिस से सिर्फ इनकार की उम्मीद की जा सकती थी। मेरे टाइमलाइम पर सबूत हैं। ज्यादा सबूत जल्द ही प्रकाशित किया जाएगा।''
यूपी पुलिस ने राणा अय्यूब के इस ट्वीट का जवाब देते हुए फिर लिखा, आपके टाइमलाइन पर कोई सबूत नहीं है। लेकिन आपको पुलिस के एक्शन पर सवाल उठाना है। दूसरों के कमेंट पर ट्वीट करने के बजाए कोई विशिष्ट प्रमाण दिखाइए। आपके टाइमलाइन के मुताबिक , एक पुलिस चौकी और कई पुलिस वाहनों को भीड़ ने आग लगा दी।
यूपी पुलिस के इस ट्वीट का रिप्लाई करते हुए फिर से राणा ने ट्वीट किया, नीचे दिया लिंक आपकी कुछ मदद कर सकता है। अब जब आपने मदद करने का वादा किया है, तो आपको और भी ऐसे रिपोर्ट सबूत तौर पर भेजा जाएगा।
राणा ने इस ट्वीट के साथ अंग्रेजी वेबसाइट scroll.in की एक रिपोर्ट साझा की है। जिसका शीर्षक है- युवती ने आरोप लगाया कि पश्चिमी यूपी में पुलिस ने मुस्लिम के घर पर छापेमारी की और आग लगाने की धमकी दी है।
नागरिकता संशोधित कानून (CAA) और प्रस्तावित राष्ट्रीय नागरिक पंजी (NRC) को लेकर पिछले हफ्ते उत्तर प्रदेश के कई जिलों में हिंसक प्रदर्शन हुए। स्थिति को काबू में करने के लिए पुलिस ने लाठीचार्ज और आंसू गैस छोड़े। सोशल मीडिया पर लोगों ने यूपी पुलिस पर लोगों के साथ बर्बरता करने का भी आरोप लगाया था। हालांकि यूपी पुलिस ने सारे आरोपों से इनकार किया है। यूपी पुलिस का कहना है कि उन्होंने बस स्तिथि को नियंत्रित करने के लिए बल का प्रयोग किया। रिपोर्ट के मुताबिक यूपी में हिंसक प्रदर्शन में तकरीबन आधे दर्जन लोगों की मौत हो गई है। इसके साथ ही कई पुलिसकर्मी घायल भी हैं। यूपी पुलिस ने विरोध प्रदर्शन के बाद तकरीबन हजारों लोगों पर एफआईआर दर्ज किया है।