भारतीय रेलः बेंगलुरु-मैसुरु रेलमार्ग पर झटका रहित यात्रा, टेबल पर गिलास में भरा पानी, एक बूंद भी नहीं छलका, देखिए वीडियो
By सतीश कुमार सिंह | Published: October 31, 2020 06:13 PM2020-10-31T18:13:12+5:302020-10-31T18:13:12+5:30
रेलमंत्री पीयूष गोयल ने शुक्रवार रात को एक ट्वीट कर वीडियो साझा किया जिसमें दिख रहा है कि डिब्बे में बने टेबल पर गिलास में पानी भरकर रखा गया है लेकिन उससे एक बूंद पानी भी बाहर नहीं छलका।
बेंगलुरुः रेलमंत्री पीयूष गोयल ने कहा कि बेंगलुरु-मैसुरु रेलमार्ग पर पटरियों के मरम्मत के बाद तेज गति से यात्रा इतना आरामदायक हो गया है कि डिब्बे में उनकी टेबल पर गिलास में भरा पानी का एक बूंद भी छलक कर बाहर नहीं आया।
मंत्री ने शुक्रवार रात को एक ट्वीट कर वीडियो साझा किया जिसमें दिख रहा है कि डिब्बे में बने टेबल पर गिलास में पानी भरकर रखा गया है लेकिन उससे एक बूंद पानी भी बाहर नहीं छलका। उन्होंने लिखा, ‘‘यात्रा इतना आरामदायक है कि उच्च गति से ट्रेन के चलने के बावजूद गिलास से पानी का एक बूंद भी बाहर नहीं छलका।’’
मंत्री ने ट्वीट किया, ‘‘यह रेलवे द्वारा कर्नाटक में बेंगलुरु-मैसुरु के बीच पटरियों की मरम्मत का नतीजा है और यह सभी को देखना चाहिए।’’ रेलवे के अधिकारी ने बताया कि 130 किलोमीटर लंबे मार्ग पर छह महीने में 40 करोड़ रुपये की लागत से मरम्मत कार्य किया गया है।
The results of intensive track 🛤️ maintenance carried out between Bengaluru & Mysuru in Karanataka are there for everyone to see.
— Piyush Goyal (@PiyushGoyal) October 30, 2020
The journey has become so smooth that not even a single drop of water 💧 spilled out of the glass while the train was traveling at high speed. pic.twitter.com/r7aFp55gSA
मुंबई लोकल ट्रेनों के संबंध में राजनीति करने से बचें: देशमुख ने रेलवे से आम लोगों की यात्रा पर कहा
महाराष्ट्र के गृह मंत्री अनिल देशमुख ने शुक्रवार को कहा कि आम लोगों को उपनगरीय ट्रेन सेवा मुहैया कराने के लिए रेलवे प्रशासन को राजनीति को बीच में लाए बिना महाराष्ट्र सरकार के साथ सहयोग करना चाहिए। देशमुख ने यहां संवाददाताओं से बात करते हुए कहा कि सरकार ने कुछ निर्धारित समय-सारणियों का प्रस्ताव दिया है, जिसमें आम यात्री ट्रेन सेवा का लाभ उठा सकते हैं।
महाराष्ट्र सरकार ने बुधवार को रेलवे को प्रस्ताव दिया था कि मुंबई की लोकल ट्रेनों में आम लोगों को भी अब यात्रा की अनुमति दी जानी चाहिए। फिलहाल यह सेवा कोविड-19 के मद्देनजर सिर्फ अनिवार्य सेवा से जुड़े कर्मचारियों और चुनिंदा समूहों के लोगों के लिए उपलब्ध है। हालांकि रेलवे प्राधिकारियों ने इस पर एक तरह से उदासीनता दर्शायी और बृहस्पतिवार को कहा कि सामाजिक दूरी नियमों का पालन करते हुए सामान्य दिनों के मुकाबले अब सिर्फ 25 फीसदी से थोड़े ही ज्यादा यात्री सफर कर सकते हैं।
मुंबई की ‘जीवनरेखा’ कही जाने वाली मुंबई उपनगरीय लोकल ट्रेनों में कोविड-19 महामारी से पहले रोजाना करीब 80 लाख यात्री सफर करते थे। देशमुख ने कहा कि महाराष्ट्र सरकार ने आम यात्रियों के लिहाज से समय-सारिणी दी है और रेलवे प्रशासन को इसके अनुसार महाराष्ट्र सरकार का सहयोग करना चाहिए। उन्होंने कहा कि अगर रेलवे बेहतर ढंग से सहयोग करे तो लोगों को असुविधाएं नहीं होंगी इसलिए रेलवे प्रशासन को इसमें राजनीति को बीच में लाए बिना सरकार का सहयोग करना चाहिए।
सरकार ने रेलवे प्राधिकारियों के समक्ष प्रस्ताव रखा है कि मुंबई की लोकल ट्रेनों में कम भीड़-भाड़ वाले घंटों में आम यात्रियों को यात्रा की मंजूरी दी जाए। रेलवे को लिखे पत्र में राज्य सरकार ने सलाह दी है कि वैध टिकट रखने वाले किसी भी व्यक्ति को सुबह में सात बजकर 30 मिनट तक, इसके बाद 11 बजे से शाम चार बजे तक और फिर रात आठ बजे से दिन की समाप्ति तक यात्रा की मंजूरी दी जाए। वहीं सुबह आठ बजे से 10 बजकर 30 मिनट और फिर शाम पांच बजे से सात बजकर 30 मिनट तक अनिवार्य सेवाओं से जुड़े कर्मी यात्रा करें और प्रत्येक घंटे महिलाओं के लिए आरक्षित ट्रेनें चलनी चाहिए। भाषा स्नेहा माधव माधव