छत्तीसगढ़ में सरकारी अधिकारी का कारनामा; जलाशय के पास सेल्फी लेने के दौरान गिरा फोन, खोजने के लिए 3 दिनों में निकाल डाला 21 लाख लीटर पानी
By अंजली चौहान | Published: May 26, 2023 03:56 PM2023-05-26T15:56:53+5:302023-05-26T16:11:49+5:30
अधिकारी को इस घटना को अंजाम देने के लिए जिला कलक्टर ने उन्हें उनके पद से निलंबित कर दिया और उन पर आरोप है कि उन्होंने अपने पद का दुरुपयोग किया।

photo credit: NDTV twitter
रायपुर: छत्तीसगढ़ में एक अजीबोगरीब घटना सामने आई है। जहां एक सरकारी अधिकारी ने कुछ ऐसा किया कि उसे अपने पद से निलंबित होना पड़ा।
मामला कांकेर जिले के कोलीबेड़ा ब्लॉक का है जहां एक सरकारी अफसर का मोबाइल फोन तलाब में गिरने के बाद उस फोन को ढूढ़ने के लिए तलाब का पूरा पानी खाली करा दिया गया। इस घटना के सामने आने के बाद सनसनी मच गई कि मात्र एक फोन के लिए अफसर ने तलाब का करीब 21 लाख लीटर पानी बर्बाद कर दिया।
अधिकारी को इस घटना को अंजाम देने के लिए जिला कलक्टर ने उन्हें उनके पद से निलंबित कर दिया और उन पर आरोप है कि उन्होंने अपने पद का दुरुपयोग किया। हालांकि, सरकारी अधिकारी का कहना है कि तलाब का पानी खराब और अनुपयोगी था और उन्हे स्थानीय उप मंडल अधिकारी से पूर्व मौखिक अनुमति मिली थी।
तीनों दिनों तक डीजल पंपों के जरिए निकाला गया पानी
मामला कांकेर जिले के कोलीबेड़ा ब्लॉक में एक खाद्य अधिकारी राजेश विश्वास से जुड़ा हुआ है। जिन पर आरोप है कि उन्होंने खेरकट्टा बांध में अपने फोन गिरने के बाद उसका 21 लाख लीटर पानी खाली करा दिया। गौरतलब है कि खाद्य अधिकारी खेरकट्टा बांध में अपनी छुट्टी का आनंद ले रहे थे।
तब उन्होंने गलती से 15 फीट गहरे पानी में अपना करीब 1 लाख का मूल्यवान फोन गिरा दिया। जिसके बाद स्थानीय लोगों ने पता लगाने की कोशिश की लेकिन काफी देर तक भी फोन नहीं मिला।
इसके बाद फोन को निकालने के लिए नई योजना बनाई गई। करीब 30HP डीजल पंप मांगए गए और जिनका तीन दिनों तक उपयोग किया गया। इसके बाद करीब 21 लाख लीटर पानी का खाली कर दिया जो 1,500 एकड़ खेत की सिंचाई के लिए पर्याप्त था, जिससे उसका फोन निकल सके। पंपों ने कथित तौर पर सोमवार शाम को पानी निकालना शुरू किया और गुरुवार तक चलता रहा।
शिकायत के बाद मामला आया सामने
जानकारी के मुताबिक, तीन दिनों तक चले इस काम की जब शिकायत की गई तो सिंचाई एवं जल संसाधन विभाग के अधिकारी मौके पर पहुंचे। अधिकारियों ने फौरन इस काम को रुकवाया। हालाँकि, छह फीट गहरे तक पानी, जो लगभग 21 लाख लीटर है, पहले ही पंप कर दिया गया था। गर्मियों के दौरान भी इस क्षेत्र में 10 फीट से अधिक गहरा पानी होता है, और जानवर अक्सर इससे पीते हैं।
वापस मिला फोन पर पद से हुए निलंबित
खाद्य अधिकारी राजेश विश्वास ने कहा कि सेल्फी लेने के दौरान उनका फोन उनके हाथ से छूट गया और उन्हें इसे वापस लेना पड़ा क्योंकि डिवाइस में आधिकारिक विभागीय डेटा था।
गोताखोरों ने इसका पता लगाने की कोशिश की, लेकिन सतह पथरीली होने के कारण नहीं मिली, उन्होंने कहा कि जल संसाधन विभाग के एक अधिकारी ने उन्हें बताया कि पानी किसी भी चीज़ के लिए उपयोग नहीं किया जाता है, यही वजह है कि उन्होंने इसमें से कुछ पानी निकाला।
उनका कहना है, "मैं रविवार को अपने कुछ दोस्तों के साथ अपनी छुट्टी के दिन नहाने के लिए डैम गया था। मेरा फोन ओवरफ्लो टैंकरों में फिसल गया, जिसका पानी इस्तेमाल करने लायक नहीं है। यह 10 फीट गहरा था। स्थानीय लोगों ने इसे खोजने की कोशिश की लेकिन असफल रहे।"
उन्होंने मुझे बताया कि अगर पानी दो-तीन फीट कम है तो वे निश्चित रूप से इसे ढूंढ सकते हैं। मैंने एसडीओ को फोन किया और उनसे अनुरोध किया कि अगर ऐसा करने में कोई समस्या नहीं है तो मुझे पास की नहर में कुछ पानी निकालने की अनुमति दें। इसके बाद मैंने स्थानीय लोगों से लगभग तीन फीट पानी निकालने में मदद की और अपना फोन वापस ले लिया।"
जल संसाधन विभाग के मुताबिक, उन्होंने पांच फीट तक पानी निकालने की मौखिक अनुमति दी थी, लेकिन बहुत अधिक पानी निकाला गया।
तीन दिन गहरे पानी में रहने के बाद भी फोन काम नहीं कर रहा है।
बीजेपी ने सरकार पर बोला हमला
मामला सामने आने के बाद खाद्य अधिकारी की हर तरफ किरकिरी हो रही है। छत्तीसगढ़ के पूर्व मुख्यमंत्री और भाजपा नेता रमन सिंह ने भूपेश बघेल के नेतृत्व वाली कांग्रेस सरकार की आलोचना करते हुए कहा कि अधिकारी इस क्षेत्र को "तानाशाही" राज्य सरकार के तहत अपनी पैतृक संपत्ति मान रहे हैं। उन्होंने कहा कि भीषण गर्मी में लोग पानी के टैंकरों पर निर्भर हैं और एक अधिकारी 21 लाख लीटर पानी बहा देता है।