Ganesh Chaturthi 2024: तेलंगाना में सबसे 'अमीर गणपति', 1.10 करोड़ों नोटों से सजा दरबार
By अंजली चौहान | Published: September 14, 2024 11:33 AM2024-09-14T11:33:54+5:302024-09-14T11:34:42+5:30
Ganesh Chaturthi 2024:गणेश चतुर्थी समारोह के हिस्से के रूप में, भद्राद्री कोठागुडेम जिले के पलोंचा मंडल में अंबेडकर केंद्र में 1.10 करोड़ रुपये के करेंसी नोटों से सजी एक अनूठी गणेश मूर्ति को प्रदर्शन के लिए रखा गया है।
Ganesh Chaturthi 2024: इस समय पूरे देश में गणेश चतुर्थी की धूम है। शहर-शहर, गांव-गांव भक्तों ने भगवान गणेश का पंडाल सजाया है। इसी कड़ी में तेलंगाना के भद्राद्री कोठागुडेम जिले के पलोंचा मंडल में अंबेडकर केंद्र में एक अद्भुत पंडाल सजाया गया है। यह पंडाल कोई आम पंडाल नहीं है बल्कि इस पंडाल में गणेश भगवान की मूर्ति और स्थल को 1.10 करोड़ नोटों से सजाया गया है। कापू समुदाय द्वारा स्थापित की गई यह मूर्ति बड़ी संख्या में भक्तों को आकर्षित कर रही है। आयोजक एनपी नायडू ने कहा कि वे पिछले 28 वर्षों से इस स्थान पर गणेश की मूर्ति स्थापित कर रहे हैं और इस वर्ष उन्होंने इसे 1.10 करोड़ रुपये के नोटों से सजाया है।
नायडू ने एएनआई को बताया, "हम पिछले 28 वर्षों से यहां गणेश की मूर्ति स्थापित कर रहे हैं। इस वर्ष, हमने भगवान गणेश को 1.10 करोड़ रुपये के नोटों से सजाया है। हम इतने सारे लोगों को यहां आते और भगवान गणेश का आशीर्वाद प्राप्त करते देखकर रोमांचित हैं।"
इस अनोखे पंडाल को देखने के लिए दूर-दूर से लोग पहुंच रहे हैं। वहीं, सोशल मीडिया पर भगवान गणपति की नोटों वाली प्रतिमा तेजी से वायरल हो रही है।
Ganesh Chaturthi 2024: Lord Ganesh Idol Adorned With Notes Worth INR 1.10 Crore in Telanganahttps://t.co/2Ku1dLa7zf#GaneshFestival2024#GaneshChaurthi#Telangana
— LatestLY (@latestly) September 14, 2024
बता दें कि हिंदू धर्म में गणेश चतुर्थी, भगवान गणेश के अवतार के रूप में मनाया जाता है। महाराष्ट्र में गणेश चतुर्थी खास तौर पर मनाई जाती है जहां दस दिनों तक पूरा शहर भक्ति में डूबा रहता है। 10 दिवसीय उत्सव गणेश चतुर्थी अनंत चतुर्दशी तक जारी रहेगा। इस त्योहार को विनायक चतुर्थी या विनायक चविथी के नाम से भी जाना जाता है। गणेश चतुर्थी के दौरान, भगवान गणेश को नई शुरुआत के देवता और बाधाओं को दूर करने वाले के रूप में पूजा जाता है।
भारत और विदेशों में भक्त भगवान गणेश की बुद्धि और बुद्धिमत्ता का जश्न मनाते हैं। घरों और पंडालों को विस्तृत सजावट से सजाया जाता है और हवा प्रार्थना, संगीत और उत्सव के मंत्रों से भर जाती है। सड़कों पर जीवंत जुलूस और पारंपरिक अनुष्ठान होते हैं, लोग स्वादिष्ट प्रसाद तैयार करते हैं और खूबसूरती से सजाए गए पंडालों में जाते हैं।