गांधी जयंती पर सोशल मीडिया पर 'नाथूराम गोडसे जिंदाबाद' क्यों ट्रेंड कर रहा है
By विशाल कुमार | Published: October 2, 2021 10:01 AM2021-10-02T10:01:02+5:302021-10-02T10:07:29+5:30
आज 2 अक्टूबर को राष्ट्रपिता महात्मा गांधी की जयंती है और दुनियाभर के लोग शांति और अहिंसा के रास्ते पर चलने वाले महापुरुष को याद कर रहे हैं मगर गांधी के अपने ही देश के लोग सोशल मीडिया पर उनके हत्यारे 'नाथूराम गोडसे जिंदाबाद' की मुहिम चला रहे हैं.
नई दिल्ली: आज 2 अक्टूबर को राष्ट्रपिता महात्मा गांधी की जयंती है और दुनियाभर के लोग शांति और अहिंसा के रास्ते पर चलने वाले महापुरुष को याद कर रहे हैं मगर गांधी के अपने ही देश के लोग सोशल मीडिया पर उनके हत्यारे 'नाथूराम गोडसे जिंदाबाद' की मुहिम चला रहे हैं.
सुबह के करीब 9,30 बजे तक भारत में ट्विटर पर दूसरे नंबर पर ट्रेंड कर रहा था.
जहां इसे ट्रेंड कराने में हिस्सा लेने वाले बहुत से लोग एक ही पोस्ट में दर्जनों बार 'नाथूराम गोडसे जिंदाबाद' लिख रहे हैं तो वहीं बहुत से लोग इसके समर्थन में आगे आ रहे हैं.
Not tomorrow it's trend of today now #नाथूराम_गोडसे_जिंदाबादhttps://t.co/UYzd78KckD
— निधि मिश्रा वाराणसी 💙 (@Nidhirepublic) October 2, 2021
#नाथूराम_गोडसे_जिंदाबाद#नाथूराम_गोडसे_जिंदाबाद#नाथूराम_गोडसे_जिंदाबाद#नाथूराम_गोडसे_जिंदाबाद#नाथूराम_गोडसे_जिंदाबाद#नाथूराम_गोडसे_जिंदाबाद#नाथूराम_गोडसे_जिंदाबाद#नाथूराम_गोडसे_जिंदाबाद
— Akash singh rajput (yogi) (@mAkash_official) October 2, 2021
Maximum Retweet guys 🙏👍#नाथुराम_गोडसे_जिंदाबादpic.twitter.com/3aZdabtImw
Best finisher #नाथूराम_गोडसे#NathuramGodse_Jindabad#लालबहादुर_शास्त्री_जयंती#नाथूराम_गोडसे_जिंदाबाद
— Balram Kachhawaha (@BalramKachhawa2) October 2, 2021
because of you are feel freedom pic.twitter.com/2VQlJjiKAF
I totally saport this trand..@KomalrajGochar_@SureshChavhanke@maulik_rathod8@VHPDigital#नाथूराम_गोडसे_जिंदाबाद. pic.twitter.com/fs4ewst42R
— Jaydeep Gondaliya (@jellyM2003) October 2, 2021
बहुत से लोग तो इस हैशटैग के साथ इतिहास को तोड़-मरोड़कर पेश करने की कोशिश कर रहे हैं जबकि कुछ लोग लिख रहे हैं कि आपने (गोडसे) ऐसा पहले क्यों नहीं किया? शायद हम विभाजन से बच जाते.
Lakhs of pakistani hindus lost their lives because Gandhi didn't allow them too come to India, He had chance to save lives of Bhagat Singh, Raj guru and Sukhdev, He protested against bose for making him president but not against jinnah, for 2 nation theory#नाथूराम_गोडसे_जिंदाबाद
— 🚩Abhishek Pandey🇮🇳 (@Abhishe30438997) October 2, 2021
#नाथूराम_गोडसे_जिंदाबाद
— Pradeep (@Pradeep75944262) October 2, 2021
Why were you late ?
Why didn't ya do that earlier ?
शायद हम विभाजन से बच जाते
Arjun had to ki!l Bheshm pitmah because he was standing with adharma..
— Madhav Sharma (@sharmamadhav001) October 2, 2021
Godse had to kil!l Gandhi because he was standing with Adharma.
Tht is dividing the nation and being
Modest to one religion.
#नाथूराम_गोडसे_जिंदाबाद#2octoberpic.twitter.com/94BcBdiD43
दिलचस्प बात यह है कि 'गोडसे जिंदाबाद' के साथ ही 'जय श्री राम' के नारे भी लगाए जा रहे हैं.
जय श्री राम 🚩🚩🚩
— Pratima_S_Rajput (@PratimaSRajput1) October 2, 2021
नाथूराम जिन्दाबाद🇮🇳🚩🚩🇮🇳#नाथूराम_गोडसे_जिंदाबादpic.twitter.com/L9cFEsQImP
हालांकि, बहुत से लोग यह सवाल उठा रहे हैं कि आखिर गांधी के जन्मदिन पर ही यह ट्रेंड क्यों कराया जा रहा है, जबकि गोडसे की विचारधारा से जुड़े लोग सत्ता में काबिज हैं.
एक पार्टी की उपलब्धि यह है कि नेता, राष्ट्रपिता की जयंती पर उनका हत्यारा ट्रेंड कर रहा है. यह बहस उनकी पुण्यतिथि पर चल सकती है लेकिन जयंती पर निश्चित रूप से नहीं, जिसका कोई संबंध नहीं है. इसके बजाय गांधी के राष्ट्रपिता होने का ट्रेंड चलाएं.
Achievement of a party that on birth anniversary of leader, father of nation, killer trend is running on top though can run on death anniversary to debate but definitely not on birth anniversary which has no connection. Instead run Gandhi parents trend. #नाथूराम_गोडसे_जिंदाबाद
— Nuryanana (@nuryanana_kaush) October 2, 2021
बता दें कि, नाथूराम गोडसे ने 30 जनवरी 1948 को महात्मा गांधी की गोली मारकर हत्या कर दी थी. इसके लिए उसने इटली निर्मित स्वचालित पिस्तौल का इस्तेमाल किया था. यह बेरेटा सीएएल 9 पिस्तौल थी जिसकी संख्या 719791 थी। 1934 में निर्मित इस पिस्तौल की व्यवस्था ग्वालियर के डॉक्टर दत्तात्रेय पारचुरे ने की थी जिसके बारे में माना जाता है कि उसने हिन्दू राष्ट्र सेना (एचआरएस) की स्थापना की थी.
2 अक्टूबर 1869 को गुजरात के पोरबंदर में जन्मे महात्मा गांधी ने सत्य और अहिंसा के सिद्धांत के दम पर अंग्रेजों को भारत छोड़ने पर मजबूर कर दिया. उन्हीं के विचारों के सम्मान में 2 अक्टूबर को हर साल अंतर्राष्ट्रीय अहिंसा दिवस भी मनाया जाता है. स्वतंत्रता दिवस और गणतंत्र दिवस की तरह इस दिन राष्ट्रीय पर्व का दर्जा दिया गया है.