क्या लॉकडाउन के दौरान 'अबकी बार मोदी सरकार' वाली रोटियां बांटी जा रही हैं, जानें सोशल मीडिया पर किए जा रहे दावे का सच?
By पल्लवी कुमारी | Published: April 7, 2020 09:05 AM2020-04-07T09:05:52+5:302020-04-07T09:05:52+5:30
'अबकी बार मोदी सरकार' वाली रोटी का कोरोना लॉकडाउन से कोई लेना-देना नहीं है। तस्वीर छह साल पुरानी है। तस्वीर लोकसभा चुनाव-2014 के वक्त की है, जिसका संबंध बनारस से है।
नई दिल्ली: कोरोना वायरस के बढ़ते प्रकोप को देखते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भारत में 25 मार्च 2020 से लेकर 14 अप्रैल 2020 तक लॉकडाउन का लगाया है। इस लॉकडाउन के दौरान सोशल मीडिया पर कई तरह के फेक दावे शेयर किए जा रहे हैं। इसी क्रम में फेसबुक और ट्विटर कुछ फोटो तेजी से शेयर किया जा रहे हैं। फोटो शेयर कर दावा किया जा रहा है कि भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) वाले गरीबों के बीच बंटने वाले खाने पर भी चुनाव प्रचार कर रहे हैं। तस्वीरों में कुछ रोटियों पर 'अबकी बार मोदी सरकार' का ठप्पा लगा हुआ है।
फेसबुक यूजर सूरज कुमार ने इन तस्वीरों को शेयर कर लिखा है, भाजपा वाले गरीबों की रोटी पर भी अपने चुनावी प्रचार का ठप्पा लगा रहे हैं। यह ठप्पा मजदूरों की रोटी पर ही नहीं बल्कि मुल्क के गरीबों एवं मजदूरों के गाल पर तमांचा भी है। बहुत ही शर्मनाक कृत्य!- 'सूरज कुमार बौद्ध (हरिद्रोही)'
भाजपा वाले गरीबों की रोटी पर भी अपने चुनावी प्रचार का ठप्पा लगा रहे हैं। यह ठप्पा मजदूरों की रोटी पर ही नहीं बल्कि मुल्क...
Posted by Suraj Kumar Bauddh on Thursday, April 2, 2020
Branding the bread ,,जिस देश मे सरकार जनता के पैसे से जनता को दी हुई रोटी पर खुद की मोहर लगाकर दे रही हो ,उस देश का भविष्य अपने आप दिख जाता ...
Posted by जीत अमीन on Wednesday, April 1, 2020
ऐसी ही कुछ प्रतिक्रियाएं ट्विटर पर भी देखी गई है...
एक छोटी बच्ची तहरीन खान पुत्री मोहम्मद बसर खान निवासी अकबरपुर उम्र 6 वर्ष ने अपनी गुल्लक तोड़कर प्रभारी निरीक्षक अकबरपुर अमित प्रताप सिंह को ₹4500 देते हुए कहा कि अंकल इन रुपयों से गरीबों को खाना खिला देना सलाम है ऐसी बच्ची को और बीजेपी की गंदी। सोच देखिए रोटी को भी नहीं छोड़ा pic.twitter.com/W0e6j6DxpO
— Dr.Irfan Ali (@DrIrfanAli6) April 2, 2020
रोटी को किसी धर्म से जोड़ने की इजाजत नहीं है
— (YAAR_MALIK) (یار) (@AKEEL_MALIK_786) April 2, 2020
जनाब अपनी पार्टी से जोड़कर गरीबों में बांट रहे हैं
और कितना गिरोगे बे 😠😠😠😠 pic.twitter.com/pKVCLJxvPR
भाजपा वाले गरीबों की रोटी पर चुनावी प्रचार का ठप्पा लगा रहे हैं। यह ठप्पा मजदूरों की रोटी पर ही नहीं बल्कि मुल्क के गरीबों एवं मजदूरों के गाल पर तमांचा भी है। बहुत ही शर्मनाक कृत्य! pic.twitter.com/XRm2GtYUYs
— Rajesh Saini leader SP Team Supporter (@saini_team) April 2, 2020
भारत के इतिहास में पहली बार है जब रोटी(निवाला) को भी राजनीति का जरिया बनाया जा रहा है।अरे कुछ तो शर्म करिए भूखे, गरीबों को एक वक्त की रोटी क्या दिये उसमें प्रचार और मुहर लगा दी।
— Abhinandan Sitaram (@ABHINAN50289656) April 2, 2020
मीडिया वाले इस ट्वीट को आदरणीय मोदी जी को जरूर दिखा देना। pic.twitter.com/zaHRlF4EsR
सच: 'अबकी बार मोदी सरकार' वाली रोटी का कोरोना लॉकडाउन से कोई लेना-देना नहीं है, तस्वीर 6 साल पुरानी
आपको बता दें कि 'अबकी बार मोदी सरकार' वाली रोटी का कोरोना लॉकडाउन से कोई लेना-देना नहीं है। तस्वीर छह साल पुरानी है। तस्वीर को गलत दावे के साथ सोशल मीडिया पर शेयर किया जा रहा है। तस्वीरों को रिवर्स सर्च करने पर आपको 2014 के न्यूज और वीडियो मिलेंगे, जिसमें इन तस्वीरों का इस्तेमाल किया गया है। ये तस्वीरें मई 2014 में बनारस में ली गई थीं। लोकसभा चुनाव के दौरान बनारस के एक होटल में 'अबकी बार मोदी सरकार' का ठप्पा लगा कर रोटियां बेंची जा रही थीं। जिसके बाद प्रशासन ने होटल को इस तरह की रोटियां ना बेचने की हिदायत दी थी।