इथियोपिया कैलेंडर में 12 नहीं 13 महीने होते हैं, यहां पर 2021 नहीं 2014 चल रहा है, जानिए वजह...
By लोकमत समाचार ब्यूरो | Published: January 7, 2021 02:01 PM2021-01-07T14:01:28+5:302021-01-07T14:11:16+5:30
विश्व के मुकाबले अफ्रीकी देश इथियोपिया का कैलेंडर 7 से 8 साल पीछे चलता है. इथियोपियन ऑर्थोडॉक्स चर्च मानता रहा कि ईसा मसीह का जन्म 7 बीसी में हुआ और इसी के अनुसार कैलेंडर की गिनती शुरू हुई.
दुनिया का एक देश ऐसा भी है जहां के लोग आज भी 2014 के कैलेंडर को ही फॉलो कर रहे हैं. विश्व के मुकाबले अफ्रीकी देश इथियोपिया का कैलेंडर 7 से 8 साल पीछे चलता है. इथियोपिया के कैलेंडर में साल के 12 की जगह 13 महीने होते हैं.
इथियोपिया पर रोमन चर्च की छाप: इथियोपिया में रोमन चर्च की छाप है. इथियोपियन ऑर्थोडॉक्स चर्च मानता रहा कि ईसा मसीह का जन्म 7 बीसी में हुआ और इसी के अनुसार कैलेंडर की गिनती शुरू हुई. वहीं, दुनिया के बाकी देशों में ईसा मसीह का जन्म एडी1 में बताया गया है.
यही वजह है कि यहां का कैलेंडर अब भी 2014 में अटका हुआ है, जबकि तमाम देश 2021 की शुरुआत कर चुके हैं.
आखिरी महीने में 5 या 6 दिन: इथियोपियन कैलेंडर में एक साल में 13 महीने होते हैं. इनमें से 12 महीनों में 30 दिन होते हैं. आखिरी महीना पाग्युमे कहलाता है. इसमें पांच या छह दिन आते हैं.
यह महीना साल के उन दिनों की याद में जोड़कर बनाया गया है, जो किसी वजह से साल की गिनती में नहीं आ पाते हैं. इथियोपिया के लोग ध्यान रखते हैं कि इस कैलेंडर और उनकी मान्यताओं की वजह से सैलानियों को किसी किस्म की दिक्कत न हो.
यह है वजह
इथियोपिया का अपना कैलेंडर ग्रेगोरियन कैलेंडर से लगभग पौने आठ साल पीछे है. यहां नया साल 11 सितंबर को मनाया जाता है. दरअसल ग्रेगोरियन कैलेंडर की शुरुआत 1582 में हुई थी. इससे पहले जूलियन कैलेंडर का इस्तेमाल हुआ करता था. कैथोलिक चर्च को मानने वाले देशों ने नया कैलेंडर स्वीकार कर लिया, जबकि इथियोपिया जैसे कई देश इसका विरोध कर रहे थे.