दिल्ली हिंसा: इंडियन एक्सप्रेस के पत्रकार ने सुनाई आपबीती, कहा-भीड़ ने पूछा JNU से हो, नोटबुक आग में फेंका

By लोकमत न्यूज़ डेस्क | Published: February 26, 2020 05:57 PM2020-02-26T17:57:20+5:302020-02-26T17:57:20+5:30

इंडियन एक्सप्रेस के पत्रकार शिवनारायण राजपुरोहित को भी कवरेज के दौरान चोटें लगी हैं.

delhi violence journalist assaulted by mob Karawal Nagar know his story | दिल्ली हिंसा: इंडियन एक्सप्रेस के पत्रकार ने सुनाई आपबीती, कहा-भीड़ ने पूछा JNU से हो, नोटबुक आग में फेंका

उत्तर पूर्वी दिल्ली में धारा-144 लागू है (फाइल फोटो)

Highlightsउत्तर-पूर्वी दिल्ली में हुई हिंसा के बाद इलाके में एक महीने के लिए धारा-144 लागू कर दिया गया है.रिपोर्टिंग के दौरान पत्रकार राजपुरोहित से पूछा गया, जेएनयू से हो, यहां क्यों आए हो, थप्पड़ भी मारा गया

दिल्ली हिंसा को कवर कर रहे कई पत्रकार ने अपनी आपबीती सुनाई है। 25 फरवरी उत्तर-पूर्वी दिल्ली में हुई हिंसा में कुछ पत्रकारों को चोट लगने की खबर आई जबकि एक पत्रकार को गोली भी लगी है। कवर कर रहे कई पत्रकारों ने सोशल मीडिया में भी पोस्ट के जरिए अपनी बात रखी है। इन सबसे अलग इंडियन एक्सप्रेस के पत्रकारशिवनारायण राजपुरोहित की एक रिपोर्ट में उन्होंने अपनी आपबीती सुनाई है।  

राजपुरोहित ने लिखा, "उस वक्त दोपहर के करीब एक बजे थे। उत्तर-पूर्व दिल्ली के करावल नगर के बीच एक बेकरी शॉप के कुछ सामान और फर्नीचर अधजली अवस्था में पड़े थे। इस दुकान का फोन नंबर नोट करते समय में अचानक रुक गया। 40 साल का एक युवक मेरे पास आया और उसन पूछा तुम कौन हो...यहां क्या कर रहे? मैं अपना परिचय देते हुए खुद को पत्रकार बताया। इसके बाद उसने मुझसे मेरा नोटबुक मांगा और उलट पुलट कर देखा, उसे कुछ भी संदिग्ध नहीं मिला। उसमें सिर्फ कुछ फोन नंबर थे और उस स्थान के बारे में मेरे द्वारा आंखों देखी हालत लिखी हुई थी। उसने मुझे धमकी देते हुए कहा कि तुम यहां रिपोर्टिंग नहीं कर सकते और नोटबुक को बेकरी की आग में फेंक दिया।

इस घटना के बाद करीब 50 लोगों के एक समूह ने मुझे घेर लिया। उन्हें शक था कि मैंने वहां हुई हिंसा की कुछ तस्वीरें अपने मोबाइल फोन से खींची हैं। उन्होंने मेरे फोन की जांच की, कुछ नहीं मिलने पर उसमे पड़े सारे फोटो और वीडियो को डिलीट कर दिया। उन्होंने मुझसे पूछा, कहां से आए हो? क्या तुम जेएनयू से हो? ये सारे सवाल पहले पूछे गए फिर समूह द्वारा जान बचाकर भागने के लिए भागने के लिए कहा गया। ये एनकाउंटर होने से पहले पूर्व का 

मैंने अपनी बाइक घटनास्थल से 200 मीटर दूर पार्क की थी। 

मैंने उस लेन में जब प्रवेश किया जहां मेरे बाइक पार्क थी, लाठी और रॉड से लैस दूसरा समूह  घात लगाए बैठा था। फिर कुछ लोगों ने मेरे ऊपर फोटो खींचने के आरोप लगाया। मुंह में कपड़ा बांधे एक युवक ने मुझे फोन देने के लिए कहा। मैंने उससे कहा कि सारे फोटो डिलीट कर दिए। उसने दोबारा चिल्लाते हुए कहा, फोन दे। उसने मेरे जांघों में रॉड से दो बार प्रहार किया। कुछ देर के लिए मैं अस्थिर हो गया। उस बीच भीड़ से आवाजें भी आईं तुम्हारे लिए क्या कीमती है, फोन या जीवन। मैंने युवक को अपना फोन दे दिया। वह चीयर करते हुए भीड़ में घुस गया।

कुछ ही क्षणों ही बाद एक दूसरी भीड़ मेरा पीछा करने लगी। करीब 50 साल का शख्स मेरे पास आया और मेरे चश्मा जमीन पर फेंक कर उसे कुचल दिया। 'हिंदू बहुल इलाके में रिपोर्टिंग करने की वजह से' उसने मुझे दो थप्पड़ भी मारे। इसके बाद उसने मेरा प्रेस आईकार्ड चेक किया। "शिवनारायण राजपुरोहित, हम्म. हिन्दू हो? बच गए" इसके बावजूद वे संतुष्ट नहीं हुए, मेरे हिंदू होने का और सबूत चाहते थे।  बोलो 'जय श्री राम'. मैं शांत था।

उनलोगों मुझे आदेश दिया कि जिंदगी बचाना चाहते हो तो भागो। उनमें से एक ने कहा, "एक और भीड़ आ रही आपके लिए"। मैं अपने बैग में चाभी ढूंढते हुए अपनी बाइक की तरफ रवाना हुआ। हर एक मिनट कीमती था। भीड़ में से एक ने कहा, जल्दी करो, वो लोग छोड़ेंगे नहीं। आखिरकार मुझे अपनी चाभी मिल गई और अज्ञात गलियों के बाद मुझे सुरक्षित पुश्ता रोड मिला।"

Web Title: delhi violence journalist assaulted by mob Karawal Nagar know his story

ज़रा हटके से जुड़ीहिंदी खबरोंऔर देश दुनिया खबरोंके लिए यहाँ क्लिक करे.यूट्यूब चैनल यहाँ इब करें और देखें हमारा एक्सक्लूसिव वीडियो कंटेंट. सोशल से जुड़ने के लिए हमारा Facebook Pageलाइक करे