दिल्ली हिंसा: AAP विधायक ने 8 क्षेत्रों के थानेदारों के नार्को टेस्ट की मांग की, कहा-इससे सच पता चल जाएगा
By लोकमत न्यूज़ डेस्क | Published: February 27, 2020 03:35 PM2020-02-27T15:35:53+5:302020-02-27T15:36:37+5:30
आप विधायक ने दिल्ली विधानसभा के अंदर हिंसाग्रस्त क्षेत्रों के एसएचओ के नार्को टेस्ट मांग की है और कहा कि इसे लाइव टेलीविजन पर दिखाना चाहिए जिससे सबको सच का पता चले.
ग्रेटर कैलाश से आप आदमी पार्टी के विधायक सौरभ भारद्वाज ने हिंसा प्रभावित क्षेत्रों के थानेदार (SHO) के नार्कों टेस्ट की मांग की है। सौरभ भारद्वाज ने ये मांग दिल्ली विधानसभा के अंदर उठाई। दिल्ली में हुई हिंसा में अब तक 34 लोगों की मौत हुई है। करीब 200 लोग घायल बताए जा रहे हैं।
आप विधायक सौरभ भारद्वाज ने एक मिनट एक सेकेंड का एक वीडियो ट्वीट किया है। इस वीडियो में सौरभ भारद्वाज कह रहे हैं, "इंडिया के अंदर एक बड़ा पुराना टेस्ट है, जिसे नार्कों टेस्ट कहा जाता है। जिसके अंदर आदमी को नशे की एक दवाई दी जाती है और उससे पूछा जाता है कि बता दंगा किसने कराया। बता आर्डर किसके थे। बता तेरे साथ हो रहा था या नहीं। करावल नगर, खजूरी खास, चांदबाग, जाफराबाद, गोकुलपुरी, भजनपुरा, नूरइलाही, सीलमुपर... इन क्षेत्रों के जो थानेदार (SHO) हैं, इनका मीडिया के सामने नार्को एनालिलिस टेस्ट कराओ। पूरे देश को पता चलेगा कि ये दंगे किसने कराए, पुलिस क्या कर रही थी जब दंगे हो रहे थे। सच्चाई ये है कि इस देश के अंदर बहुत सारे लोग हैं जो यह नहीं चाहते हैं कि दंगे किसने किए , ये पता चले।"
If anybody is really interested in knowing the mastermind of Riots. Here is sure shot technique.
— Saurabh Bharadwaj (@Saurabh_MLAgk) February 27, 2020
Put SHO s of Riot Hit area on Narcoanalisys Test, stream it live on News Channels.
But, It will ensure ZERO riots in future.
We will NEVER do it !!
And we know why ? pic.twitter.com/lPMjCux8xZ
दिल्ली हाईकोर्ट में हुई दिल्ली हिंसा के मामले में सुनवाई
दिल्ली हाईकोर्ट में लगातार तीसरे दिन दिल्ली हिंसा की सुनवाई हुई। दिल्ली पुलिस की तरफ से पेश हुए सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने कहा, इस समय भड़काऊ भाषण देने वाले नेताओं के खिलाफ केस दर्ज करना सही नहीं होगा। सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने अदालत में दलील दी कि उत्तर-पूर्वी दिल्ली में हालात सामान्य होने तक हस्तक्षेप करने की कोई हड़बड़ी नहीं है। इससे पहले दिल्ली हाईकोर्ट ने भड़काऊ भाषण देने वाले नेताओं के खिलाफ केस दर्ज करने की मांग की थी।