जब अमित शाह ने बताया फेक न्यूज से कैसे बनता है माहौल! बीजेपी कार्यकर्ताओं के करतबों का दिया उदाहरण

By पल्लवी कुमारी | Published: October 4, 2018 07:13 PM2018-10-04T19:13:07+5:302018-10-04T19:13:07+5:30

सरकार ने सोशल मीडिया के मार्फत फर्जी खबरों का प्रसार रोकने के लिये पुख्ता कार्रवाई करने का दावा करते हुये कहा था कि फेसबुक और ट्विटर जैसे प्रमुख सोशल मीडिया प्लेटफार्म से जुड़े लगभग 700 वेबपोर्टल के यूआरएल बंद किए जाएंगे।

BJP President Amit Shah told volunteers fake news potential to go viral soical media | जब अमित शाह ने बताया फेक न्यूज से कैसे बनता है माहौल! बीजेपी कार्यकर्ताओं के करतबों का दिया उदाहरण

जब अमित शाह ने बताया फेक न्यूज से कैसे बनता है माहौल! बीजेपी कार्यकर्ताओं के करतबों का दिया उदाहरण

नई दिल्ली, चार अक्टूबर: भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) ने जब  2014 के आम चुनाव में सबसे बड़ी भूमिका सोशल मीडिया रही थी। देश के चुनाव में सोशल मीडिया अब एक जनादेश तैयार करने का साधन हो गया है। सोशल मीडिया को बीजेपी ने 2019 के लिए भी एक बड़ा हथियार बनाने की तैयारी पूरी शुरू कर दी है। लेकिन पिछले कुछ महीनों से देखा जा रहा है कि बीजेपी सोशल मीडिया को कंट्रोल करने की भी कोशिश कर रही है। नरेन्द्र मोदी सरकार के लिए अभी जो सबसे बड़ा टारगेट है, वह है फेक न्यूज को रोकने को लेकर। 

इस बीच सोशल मीडिया पर बीजेपी राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह का एक वीडियो वायरल हो रहा है। इस वीडियो में वह बीजेपी कार्यकर्ताओं को फेक न्यूज और न्यूज को वायरल करने के तरीके पर बोल रहे हैं। ये वीडियो 22 सितंबर 2018 की है, इस बात का तो पता नहीं चल पाया है। चलिए आपको बताते हैं कि इस वीडियो में अमित शाह क्या ज्ञान दे रहे हैं...

अमित शाह इस वीडियो में कहते दिख रहे हैं कई बार फेक न्यूज वाली खबर भी वायरल हो जाती है। उन्होंने इसके लिए दो किस्से सुनाए हैं। हालांकि सारी बाते बोलने के बाद भी अमित शाह यह भी कहते दिख रहे हैं कि ऐसा आप लोगों को करना नहीं चाहिए। नाही आप लोग ऐसा कभी करें, लेकिन ऐसा हो सकता है। 

अमित शाह ने जो पहली कहानी सुनाई वो मुलायम सिंह और अखिलेश यादव के ऊपर थी। शाह ने कहा कि किसी बीजेपी कार्यकर्ता ने किसी सोशल मीडिया ग्रुप पर ये लिख कर डाल दिया कि नेता जी को अखिलेश ने मारा थप्पड़। ये खबर पूरी तरह वायरल हो गई थी। हालांकि ये खबर पूरी तरह गलत थी। 

अमित शाह ने जो दूसरी कहानी सुनाई वो किसी व्हाट्सप्प से जुड़ी हुई है। यूपी में जो चुनाव हुए थे, उसके लिए बीजेपी ने एक सोशल मीडिया ग्रुप बनाया था। उस ग्रुप से 30 लाख लोग जुड़े थे। रोज सुबह आठ बजे उसमें वैसी खबरों का लिस्ट भेजा जाता था, जो अखबारों में बीजेपी के लिए गलत खबरें छापते थे। उस खबर की सच्चाई को ग्रुप पर डाल देते थे। जो वायरल हो जाती थी। ऐसा करते-करते मीडिया ने भी खबरों की बिना सत्यता जांचे खबर छापना बंद कर दी। 

आप भी देखिए पूरा वीडियो 

बता दें कि सरकार ने सोशल मीडिया के मार्फत फर्जी खबरों का प्रसार रोकने के लिये पुख्ता कार्रवाई करने का दावा करते हुये कहा था कि फेसबुक और ट्विटर जैसे प्रमुख सोशल मीडिया प्लेटफार्म से जुड़े लगभग 700 वेबपोर्टल के यूआरएल बंद किए जाएंगे। गृह सचिव राजीव गाबा की अध्यक्षता वाली अंतर-मंत्रालयी समिति ने हाह ही में अपनी एक रिपोर्ट गृहमंत्री राजनाथ सिंह को सौंपी है। जिसमें समिति में शामिल मंत्रिमंडल के अन्य सदस्यों ने अलग-अलग राज्यों में सामने आए लिंचिंग के मामलों में जांच के दौरान इंटरनेट प्लैटफॉर्म्स की भूमिका को महत्वपूर्ण पाया था।

समिति से जुड़े सूत्रों के मुताबिक, सदस्य उन सभी आवश्यक विकल्पों पर विचार कर रहे थे जिन्हें सोशल मीडिया पर फेक न्यूज फैलने से रोकने के लिए इस्तेमाल किया जा सके। जिससे सोशल मीडिया व इंटरनेट प्लैटफॉर्म्स की मदद से ऐसी अफवाहें व फेक न्यूज फैलकर सामाजिक तनाव की स्थिति पैदा न कर सकें। नरेन्द्र मोदी सरकार ने हालांकि इसके लिए भी कोई ठोस एक्शन नहीं लिया है लेकिन इसके लिए केन्द्र काम कर रही है।  

Web Title: BJP President Amit Shah told volunteers fake news potential to go viral soical media

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