बीजेपी सांसद राकेश सिन्हा ने जामिया मिल्लिया इस्लामिया के बिजली बिल को लेकर किया ट्वीट, यूजर्स ने किया ट्रॉल
By पल्लवी कुमारी | Published: December 17, 2019 05:19 PM2019-12-17T17:19:21+5:302019-12-17T17:19:21+5:30
बीजेपी के राज्यसभा सांसद राकेश सिन्हा ने शुक्रवार( 13 दिसंबर) को भड़की हिंसा के मद्देनजर शनिवार (14 दिसंबर) को जामिया मिलिया इस्लामिया विश्वविद्यालय की कुलपति नजमा अख्तर को पत्र लिखा था।
भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) के राज्यसभा सांसद राकेश सिन्हा ने नागरिकता कानून पर मचे बवाल के बीच एक ऐसा ट्वीट किया, जो चर्चा में आ गया। राज्यसभा सांसद राकेश सिन्हा ने अपने अधिकारिक ट्विटर हैंडल पर ट्वीट कर लिखा, जामिया मिल्लिया (जामिया मिलिया इस्लामिया विश्वविद्यालय) का बिजली बिल एक साल 2018-19 का मात्र 19 करोड़ है!। इस ट्वीट पर राज्यसभा सांसद राकेश सिन्हा ट्रॉल हो गए हैं। कुछ लोग इस तरह की राजनीति नहीं करने की सलाह दे रहे हैं तो वहीं कुछ लोग कह रहे हैं कि लाखों विश्वविद्यालय हैं जहां बेसिक सुवीधाऐं भी नहीं है, सिर्फ संसाधनों की कमी से। क्यों न सबको बराबर सुवीधाएं दी जाएं?,तो कुछ लोग कह रहे हैं कि बिजली का बिल सांसदों को अपनी जेब से नहीं देना होता तो आपको इतनी तकलीफ क्यों हो रही है?
विश्वविद्यालय में रविवार (15 दिसंबर) को उस वक्त जंग के मैदान में तब्दील हो गया था जब पुलिस परिसर में घुस आई थी और वहां बल प्रयोग किया था। दरअसल, संशोधित नागरिकता कानून के खिलाफ प्रदर्शन के दौरान हिंसा और आगजनी हुई थी जिसमें चार डीटीसी बसों, 100 निजी वाहनों और 10 पुलिस वाहनों को नुकसान पहुंचाया गया जिसके बाद पुलिस ने यह कार्रवाई की।
देखें लोगों की प्रतिक्रिया
तुम अपने घर के पैसों से भरते हो क्या बिल ? क्या चाहते हो के बच्चे दिया जला कर पढ़ें?
या तुम्हें दर्द है कि उल्पसंख्यक समुदाय के लोग क्यूँ पढ़ रहे है ?
— Manzar Hussain (@manzar_sp) December 16, 2019
सरकार की कमजोरी है
लाखों विश्वविद्यालय हैं जहां बेसिक सुवीधाऐं भी नहीं है सिर्फ संसाधनों की कमी से।
क्यों न सबको बराबर सुवीधाऐं दी जाएं?
— Durgadas Tulsiani 💯follow back (@ddtulsiani) December 17, 2019
हम मेहनत करके टेक्स भरेंगे और ये जिहादी तोड़फोड़ करके आग लगाकर हमारे टेक्स के पैसों से यूनिवर्सिटीज में मजे करेंगे और फ़िर 10,12 बच्चे पैदा करके भारत को इस्लामिक स्टेट बनाने के ख्वाब देखेंगे, बम फोड़ेंगे औऱ निर्दोष हिन्दुओ का कत्लेआम करेंगे यहीं इनका धर्म सिखाता है।
— Prem Choudhary (@prembchoudhary) December 16, 2019
इतनी मेहरबानी कीजिए कि कम से कम जामिया की बिजली का कनेक्शन तो कटवा ही दीजिए
— Meera Singh (@meeraremi11) December 16, 2019
तुम अपने घर के पैसों से भरते हो क्या बिल ? क्या चाहते हो के बच्चे दिया जला कर पढ़ें?
या तुम्हें दर्द है कि उल्पसंख्यक समुदाय के लोग क्यूँ पढ़ रहे है ?
सरकार की कमजोरी है
लाखों विश्वविद्यालय हैं जहां बेसिक सुवीधाऐं भी नहीं है सिर्फ संसाधनों की कमी से।
क्यों न सबको बराबर सुवीधाऐं दी जाएं?
हम मेहनत करके टेक्स भरेंगे और ये जिहादी तोड़फोड़ करके आग लगाकर हमारे टेक्स के पैसों से यूनिवर्सिटीज में मजे करेंगे और फ़िर 10,12 बच्चे पैदा करके भारत को इस्लामिक स्टेट बनाने के ख्वाब देखेंगे, बम फोड़ेंगे औऱ निर्दोष हिन्दुओ का कत्लेआम करेंगे यहीं इनका धर्म सिखाता है।
— Prem Choudhary (@prembchoudhary) December 16, 2019इतनी मेहरबानी कीजिए कि कम से कम जामिया की बिजली का कनेक्शन तो कटवा ही दीजिए
— Meera Singh (@meeraremi11) December 16, 2019वहीं कुछ यूजर ने चुनाव प्रचार में बीजेपी द्वारा किए गए खर्च पर भी तंज किया है।
बीजेपी ने एक साल में प्रचार पर 1200 करोड़ रुपये खर्च किये हैं और पैसे के दम पर ऐसे लोग संसद में बिठाए हैं जिनको ये नहीं पता कि ग्रेविटी की खोज न्यूटन ने की थी।
— Ashutosh Ujjwal (@ashutosh7570) December 17, 2019
इनके पास सिर्फ शिक्षा के लिए पैसे नहीं है
— Hitesh991 (@Hitesh9914) December 17, 2019
चाहे वो जामिया हो या बनारस संस्कृत युनिवर्सिटी
इस संस्कृत युनिवर्सिटी में 125 अध्यापक चाहिए 125
मौजूदा समय में हे 32, संस्था का 3 करोड़ का लाइट बिल बकाया है, कईं महीने से ईनके छात्र आदोलन कर रहे हैं, योगी सरकार फंड नहीं देती
मोदी जी के प्रचार का खर्च 5000 करोड़ से ज्यादा है,लोकसभा के प्रति घंटे का खर्चा 1.5 करोड़ है जो आप लोग रोज हंगामे और हल्ले में बर्बाद करते हो https://t.co/DC3AA8DwJo
— BATOLEBAZI (@BATOLEBAZI) December 16, 2019
राकेश सिन्हा ने जामिया हिंसा के लिए कुलपति को लिखा था पत्र
बीजेपी के राज्यसभा सांसद राकेश सिन्हा ने शुक्रवार( 13 दिसंबर) को भड़की हिंसा के मद्देनजर शनिवार (14 दिसंबर) को जामिया मिलिया इस्लामिया विश्वविद्यालय की कुलपति नजमा अख्तर को पत्र लिखा था। सिन्हा ने पत्र लिखकर लीग मानसिकता के साथ सांप्रदायिक तत्वों द्वारा की गई हिंसा की जांच के लिए एक समिति बनाने का आग्रह किया था।
उन्होंने अपने पत्र में लिखा था, 13 दिसंबर को हुई हिंसा किसी भी केंद्रीय विश्वविद्यालय के लिए एक दुर्भाग्यपूर्ण और शर्मनाक घटना है। विरोध प्रदर्शन लोकतंत्र का एक हिस्सा है, लेकिन यह तब अस्वीकार्य है, जब इसे फासीवादी तरीके से किया जाता है।"