बिहार का मुख्यमंत्री बनेंगे सोनू सूद? इस सवाल पर अभिनेता ने कहा- बहुत कमाल का क्षेत्र है, अभी भी मैं कोशिश कर रहा हूं...
By अनिल शर्मा | Published: September 24, 2022 03:14 PM2022-09-24T15:14:15+5:302022-09-24T15:38:23+5:30
सोनू सूद ने कहा, मेरा मानना है कि स्कूल बनें। कॉलेज बनें। अस्पताल बने। और ऐसी जगह बने जहां एक फोन पर उनका इलाज हो। हमने पिछले दो सालों में साढ़े सात हजार सर्जरी करायी हैं।
पटनाः अभिनेता सोनू सूद के राजनीति में आने की अक्सर अकटकलें लगाई जाती हैं। लोगों की मदद करता देख हर कोई यही सवाल करता है कि वह राजनीति में कब आ रहे हैं? कुछ दिन पहले पटना गए सोनू सूद से बिहार की मीडिया ने उनसे यही सवाल पहले पूछा कि क्या वह बिहार का मुख्यमंत्री बनना चाहेंगे।
इस सवाल को सुन सोनू सूद पहले तो हंसे फिर उन्होंने जवाब देते हुए कहा, किसी की मदद करने के लिए राजनीति में आने की जरूरी नहीं। लेकिन वह बहुत कमाल का क्षेत्र है। बीते गुरुवार सोनू सूद बिहार के बैरिया स्थित ज्ञानस्थली हाई स्कूल पहुंचे थे जहां उन्हें प्रबंधन की ओर से गरीब व मेधावी छात्रों के शिक्षा में सहयोग के लिए उन्हें सम्मानित किया गया।
इस दौरान सोनू ने कहा कि बिहार से मेरा लगाव है। इसी दौरान उनसे सवाल किया गया कि क्या वह बिहार का सीएम बनना चाहेंगे? सोनू सूद ने कहा, इतनी बड़ी जिम्मेदारी मत दो। मैं सबको यही बोलता हूं। ऐसी सोच रखी जाती है कि सिर्फ राजनीति में आकर ही मदद की जा सकती है। जो मैं पिछले दो ढ़ाई साल से कर रहा हूं।
अभिनेता ने कहा, ये कहने का सबसे बड़ा उद्देश्य यह है कि किसी की मदद करने के लिए राजनीति में आने की जरूरी नहीं। लेकिन वह बहुत कमाल का क्षेत्र है। और लोगों की मदद हो सकती है लेकिन किसी चीज का एक समय होता है। ऊपरवाले ने वह चीज तय की होती है। जब होना होता है। जब होना होगा खुद ब खुद ले आएंगे।
अपनी बात रखते हुए सोनू सूद ने आगे कहा, मेरा मानना है कि स्कूल बनें। कॉलेजेज बनें। अस्पताल बने। और ऐसी जगह बने जहां एक फोन पर उनका इलाज हो। हमने पिछले दो सालों में साढ़े सात हजार सर्जरी करायी हैं। जबकि मेरा कोई अस्पताल नहीं है। मैंने पूरे देश को जोड़ा, वह मेरा एक लक्ष्य था। अभी भी मैं कोशिश कर रहा हूं कि किस तरह से ज्यादा से ज्यादा लोग जुड़ें।
सोनू सूद ने कहा कि मेरे घर पर दूर दूर से लोग आते हैं। ऐसे लोग भी आते हैं जिनके पास टिकट के भी पैसे नहीं होते हैं। लेकिन जब वह टीटी को बोलते हैं तो उनसे पैसे नहीं लेते हैं। यहां तक कि रेलवे स्टेशन से घर तक ऑटोवाला जब उन्हें घर छोड़ता है तो उनसे वे पैसे नहीं लेता है। मेरे पास जिनकी आवाज भी पहुंचती है, कोशिश होती है कि उनकी मदद करूं।