बिहार: मिथिला विश्वविद्यालय में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी और क्रिकेटर महेन्द्र सिंह धोनी के साथ राज्यपाल भी दे रहे हैं परीक्षा
By एस पी सिन्हा | Published: September 11, 2022 07:07 PM2022-09-11T19:07:04+5:302022-09-11T19:14:30+5:30
बिहार के ललित नारायण मिथिला विश्वविद्यालय में भारतीय क्रिकेट टीम के स्टार खिलाड़ी रहे महेंद्र सिंह धोनी और देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी भी इस विश्विद्यालय में बतौर परीक्षार्थी परीक्षा देने जा रहे हैं।
पटना: बिहार में दरभंगा स्थित ललित नारायण मिथिला विश्वविद्यालय अपने कारनामों को लेकर आजकल सुर्खियों में है। राज्यपाल फागू चौहान की तस्वीर लगा एडमिट कार्ड जारी करने वाले इस विश्वविद्यालय का एक और कारनामा सामने आया है। भारतीय क्रिकेट टीम के स्टार खिलाड़ी रहे महेंद्र सिंह धोनी और देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी भी इस विश्विद्यालय में बतौर परीक्षार्थी परीक्षा देने जा रहे हैं।
विश्वविद्यालय ने बीए भाग तीन की परीक्षा के लिए जो एडमिट कार्ड जारी किया है। उस पर देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और महेन्द्र धोनी का फोटो लगा हुआ है। सोशल मीडिया पर यह एडमिट कार्ड तेजी से वायरल हो रहा है और लोगों के बीच चर्चा का विषय बना हुआ है। इधर, विश्वविद्यालय के कुलसचिव ने इसके लिए छात्रों को दोषी मानते हुए, कार्रवाई की बात कही है।
बताया जा रहा है कि मिथिला विश्विद्यालय के द्वारा जब सत्र 2019-22 के बीए पार्ट थ्री की परीक्षा का प्रवेश पत्र जारी हुआ तो छात्र हैरान हो गये। वास्तविक छात्र के बदले परीक्षा फॉर्म पर बड़े-बड़े राजनेताओं और क्रिकेट स्टारों की तस्वीरें लगी हुई थी। ये प्रवेश पत्र देखते ही देखते सोशल मीडिया पर वायरल होने लगे। लोगों ने देखा कि अब एडमिट कार्ड पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी तो गर्वनर फागू चौहान की तस्वीरें लगी हैं।
जीडी कॉलेज के छात्र रवीश कुमार सानू के एडमिट कार्ड पर राज्यपाल फागू चौहान का फोटो लगा हुआ था। जब इस बात की खबर छात्रों को हुई तब विश्वविद्यालय में हड़कंप मच गया। यह मामला अभी ठंडा भी नहीं हुआ था कि आज ऐसा ही एक और मामला सामने आ गया।
मधुबनी स्थित एसएमजे कॉलेज में भूगोल की छात्रा गुड़िया कुमारी के एडमिट कार्ड पर गुड़िया की फोटो के बदले प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का फोटो लगा हुआ पाया गया। विश्वविद्यालय की इस लापरवाही को लेकर विश्वविद्यालय की कार्यशैली पर सवाल खड़े हो रहे हैं।
इस संबंध में विश्विद्यालय के कुलसचिव डॉ. मुस्ताक अहमद ने कहा है कि यह सारी गड़बड़ी छात्रों की वजह से हो रही है। छात्रों की गलती के कारण विश्वविद्यालय की बदनामी हो रही है। उनका कहना है कि गलती हो या जानबूझकर, लेकिन परीक्षा फॉर्म भरने के दौरान ही ऐसा किये जाने की संभावना है। जिसने फॉर्म भरा है, उसी ने गलती की है।
उन्होंने कहा कि परीक्षा फॉर्म जैसा भरा जाता है, वैसा ही विश्वविद्यालय के डेटाबेस में पहुंचता है। उसी डाटा के आधार पर प्रवेश पत्र जारी होता है। विश्वविद्यालय स्तर से गड़बड़ी की संभावना नहीं है। ऐसे छात्रों को चिन्हित कर उनके खिलाफ सख्त कानूनी कार्रवाई की जाएगी।