बिहार विधानसभाः सीएम नीतीश ने कहा- वाजपेयी के प्रधानमंत्री काल में गृहमंत्री था!, भाजपा विधायक ने किया हमला, हेल्थ कार्ड सार्वजनिक जारी करने की मांग
By एस पी सिन्हा | Published: March 21, 2023 05:06 PM2023-03-21T17:06:53+5:302023-03-21T17:08:26+5:30
Bihar Legislative Assembly: नीतीश कुमार ने कहा था कि गृह मंत्री रहते हुए उन्हें देश में पहली दफे खिलाड़ियों को सरकारी नौकरी देने का फैसला लिया था।

कल मुख्यमंत्री ने दो बार खुद को गृहमंत्री बताया था।
पटनाः बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के स्वास्थ्य को लेकर भाजपा काफी चिंतित नजर आ रही है। भाजपा विधायक हरि भूषण ठाकुर बचौल ने साफ तौर पर कहा है कि नीतीश कुमार चारों तरफ से चांडाल चौकड़ी से घिरे हुए हैं, जिसके दबाव के कारण वह विस्मरण का शिकार हो गए हैं।
ऐसे में हमलोगों की मांग की है कि मुख्यमंत्री का हेल्थ कार्ड सार्वजनिक किया जाए ताकि उनके स्वास्थ्य की सच्चाई सामने आ सके। सदन की कार्यवाही में भाग लेने जाने से पहले बचौल ने मीडिया से कहा कि कल सदन में नीतीश जी ने खुद को दो दफे देश का गृह मंत्री बताया। निश्चित रूप से नीतीश कुमार विस्मरण के शिकार हो चुके हैं। लेकिन वे चांडाल चौकड़ी से घिरे हुए हैं।
आशंका इस बात की है कि उनके घेरने वाली चांडाल चौकड़ी कहीं गलत काम न करवा ले। बिहार की जनता के हित में नीतीश कुमार की स्वास्थ्य जांच होनी चाहिये और उन्हें राजनीति से संन्यास ले लेना चाहिये। उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री को सदन में अपना प्रश्न खोजने में कई मिनट लग जाते हैं। कल मुख्यमंत्री ने दो बार खुद को गृहमंत्री बताया था।
अपने ख्यालों में नीतीश कुमार देश के गृह मंत्री रह चुके हैं अगले सत्र तक भारत के प्रधानमन्त्री भी बन जाएं तो आश्चर्य नहीं होना चाहिए। Video बिलकुल ताजा है । pic.twitter.com/WO1foQ6yy5
— 𝐉𝐚𝐲𝐫𝐚𝐦 𝐕𝐢𝐩𝐥𝐚𝐯 (@jviplav) March 21, 2023
वो वैसे लोगों से घिरे हैं जो उन्हें गलत रास्ते पर ले जा रहे हैं। पहले भी सार्वजनिक कार्यक्रम में देखा गया है कि वो विस्मरण के शिकार हो जाते हैं। वहीं बचौल के बयान पर राजद विधायक भाई वीरेंद्र ने कहा कि नीतीश कुमार और तेजस्वी यादव भाजपा के लोगों का इलाज कर रहे हैं। 2024 में पूरी तरीके से ठीक कर देंगे।
वहीं ग्रामीण विकास मंत्री श्रवण कुमार ने कहा कि बचौल को कौन जानता है, कौन पहचानता है, कोई उन्हें नोटिस नहीं करता है। जो व्यक्ति 17 साल से मुख्यमंत्री है, उस पर इस तरह का बयान दुर्भाग्यपूर्ण है। उन्होंने बिहार को कहां से कहां पहुंचा दिया।
बता दें कि सोमवार को बिहार विधानसभा में प्रश्नकाल के दौरान मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने कहा था कि वे अटल बिहारी वाजपेयी के प्रधानमंत्री काल में देश के गृह मंत्री थे। नीतीश कुमार ने कहा था कि गृह मंत्री रहते हुए उन्हें देश में पहली दफे खिलाड़ियों को सरकारी नौकरी देने का फैसला लिया था। उसके बाद दूसरी जगहों पर खिलाड़ियों को नौकरी देने का सिलसिला शुरू हुआ था। नीतीश के इस बयान पर सियासी हलके में खलबली मची क्योंकि वे कभी देश के गृह मंत्री रहे ही नहीं।