'यकीन है अमित शाह की डिग्री जरूर फर्जी है', सावरकर के बारे में गृहमंत्री ने दिया ऐसा बयान कि जमकर उड़ाया जा रहा है मजाक
By पल्लवी कुमारी | Published: October 18, 2019 09:46 AM2019-10-18T09:46:27+5:302019-10-18T09:46:27+5:30
बीजेपी ने महाराष्ट्र में होने वाले विधानसभा चुनाव 2019 के लिए घोषणा पत्र में कहा था कि पार्टी वी सावरकर को भारत रत्न देने की मांग करेगी। जिसका विपक्ष ने जमकर विरोध किया है।
गृहमंत्री अमित शाह अपने एक बयान को लेकर सोशल मीडिया पर ट्रोल हो रहे हैं। अमित शाह ने भाषण के दौरान कहा, ''वीर सावरकर न होते तो 1857 की क्रांति भी इतिहास न बनती। वीर सावरकर ने ही 1857 को पहला स्वतंत्रता संग्राम का नाम दिया।'' अमित शाह के इस भाषण को ट्वीट के रूप में बीजेपी उत्तर प्रदेश के अधिकारिक ट्विटर हैंडल ने भी अपने पेज पर शेयर किया है। अमित शाह भाषण में दिए गलत फैक्ट को लेकर ट्रोल हो गए। गृहमंत्री अमित शाह ने गुरुवार (16 अक्टूबर) को वाराणसी में एक रैली में यह भाषण दिया था।
अमित शाह के इस भाषण के ट्वीट का रिप्लाई करते हुए पत्रकार प्रशांत कनौजिया ने वैरिफाइड ट्विटर हैंडल से ट्वीट किया, ''अब तो यकीन हो गया है कि अमित शाह की डिग्री भी जरूर फर्जी है। अंग्रेजों से माफी मांगने वाले सावरकर का जन्म 28 मई, 1883 में हुआ था, तो बिना पैदा हुए 1857 की क्रांति कैसे कर दी? गृह मंत्री को तुरंत सर्वशिक्षा अभियान के तहत फिर से स्कूल भेजा जाए।''
अब तो यक़ीन होगया कि अमित शाह की डिग्री भी जरूर फ़र्ज़ी है। अंग्रेजों से माफी मांगने वाले सावरकर का जन्म 28 मई, 1883 में हुआ था, तो बिना पैदा हुए 1857 की क्रांति कैसे कर दी? गृह मंत्री को तुरंत सर्वशिक्षा अभियान के तहत फिर से स्कूल भेजा जाए। https://t.co/GxRqGEqwSm
— Prashant Kanojia (@PJkanojia) October 17, 2019
स्वतंत्र पत्रकार प्रशांत कनौजिया को उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के खिलाफ सोशल मीडिया पर 'आपत्तिजनक पोस्ट' करने के मामले में गिरफ्तार किया गया था।
बता दें कि वीर सावरकर का जन्म 28 मई, 1883 में हुआ था और उनका निधन 26 फरवरी 1966 को हुआ था। अमित शाह अपने इस भाषण को लेकर ट्विटर पर काफी ट्रोल किए जा रहे हैं। एक यूजर ने लिखा,अनपढ़ भक्त इसको भी लाइक कर रहे हैं।
अनपढ़ भक्त इसको भी लाईक कर रहे हैं ।
— Shashi Prakash ( जय श्री कृष्ण) (@ShashiyadavRs) October 17, 2019
अरे भक्तों #कायर_सावरकर का जन्म 1883 में हुआ था। pic.twitter.com/ZPZinbyeB8
एक यूजर ने लिखा, कि पता नहीं शाह ने किस स्कूल से पढ़ाई की है।
अनपढ़ भक्त इसको भी लाईक कर रहे हैं ।
— Shashi Prakash ( जय श्री कृष्ण) (@ShashiyadavRs) October 17, 2019
अरे भक्तों #कायर_सावरकर का जन्म 1883 में हुआ था। pic.twitter.com/ZPZinbyeB8
कम पढ़े लिखे होने के भी अपने नुकसान होते है
— मुसाफिर (@1Yach__) October 17, 2019
शाह को भी पता है कि देश का बहुसंख्यक समाज उन्हें मुस्लिम विरोध की वजह से चुन रहा है, इसलिए कुछ भी बक दो, जनता को कोई फर्क नही पड़ेगा। बाद में मीडिया कवरअप कर देगी।
— Pooja Nagar 🇮🇳 (@PoojaNagarIND) October 17, 2019
अंग्रेजों से माफी मांगने वाले सावरकर का जन्म 28 मई, 1883 में हुआ था, तो बिना पैदा हुए 1857 की क्रांति कैसे कर दी ?
वहीं एक वैरिफाइड यूजर ने लिखा, करते तो आप लोग कुछ हैं नहीं ,सावरकर जी ना होते तो कहने को भी कुछ ना होता आपके पास। चुनी हुई सरकारें हमारे वर्तमान और भविष्य की चिंता में दिखती तो ज़्यादा बेहतर होता, इतिहास की जानकारी के लिए धन्यवाद कुछ जनता की बुनियादी ज़रूरतों के बारे में बोलेंगे या इतिहास पढ़ाकर काम चला लेंगे ?
करते तो आप लोग कुछ हैं नहीं ,सावरकर जी ना होते तो कहने को भी कुछ ना होता आपके पास।चुनी हुई सरकारें हमारे वर्तमान और भविष्य की चिंता में दिखती तो ज़्यादा बेहतर होता, इतिहास की जानकारी के लिए धन्यवाद कुछ जनता की बुनियादी ज़रूरतों के बारे में बोलेंगे या इतिहास पढ़ाकर काम चला लेंगे ?
— Syed Abbas Ali Zaidi “Rushdi” (@AbbasAliRushdi) October 17, 2019
आदरणीय अमितशाहजी इतिहास सेभटकरहेहै आप1857की क्रांतिमें श्रीतुलारामजी यादवका योगदान सबप्रथमअग्रणीहै जिन्होंने क्रांतिकी आग भारतमें हीनही अफगानिस्तान काबुल सिंगापुर होतेहुए फ्रांसतक भारतकीलड़ाईको लड़नेकेलिए एकसूत्रमें पिरोनेका कामकिया औरअंग्रेजोसे लोहालिया तबसावरकर का जन्मही नहीहुआ
— Ram Kumar Yadav@official (@RamKuma94497355) October 17, 2019
विनायक दामोदर सावरकर का जन्म 28 मई 1883 को महाराष्ट्र प्रदेश के नासिक जनपद के भागुर में हुआ था।
— सुशील मिश्रा🚩 (@nJFy5k7LrVaGB2v) October 17, 2019
अब समझ नहीं आ रहा है कि 1857 की क्रांति को इतिहास बनाने में उनका योगदान क्या था....??
मूर्खो का देश है कुछ भी बेंचो सब बिकता है ??
बता दें कि बीजेपी ने महाराष्ट्र में होने वाले विधानसभा चुनाव 2019 के लिए घोषणा पत्र में कहा था कि पार्टी सावरकर को भारत रत्न देने की मांग करेगी। इसका कांग्रेस नेताओं ने सावरकर को गांधीजी की हत्या की साजिश रचने वाला बताया था। शाह ने वाराणसी के काशी हिंदू विश्वविद्यालय में इन्हीं बयानों का जवाब दिया। इसी का जवाब देतते हुए अमित शाह ने वाराणसी के काशी हिंदू विश्वविद्यालय में कहा था कि अगर वीर सावरकर नहीं होते तो 1857 का स्वतंत्रता संग्राम इतिहास में दर्ज नहीं हो पाता।