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Lohri 2020: जानें क्या है लोहड़ी का महत्व, कैसे जुड़ा है Dulla Bhatti का नाम

By प्रतीक्षा कुकरेती | Published: January 13, 2020 12:13 PM2020-01-13T12:13:45+5:302020-01-13T12:23:43+5:30

 

लोहड़ी पंजाब के बड़े त्योहारों में से एक है। इसे पंजाब सहित हरियाणा, पश्चिमी उत्तर प्रदेश, दिल्ली आदि इलाकों में खूब धूमधाम से मनाया जाता है। आम तौर पर ये हर साल 13 जनवरी को मनाया जाता है। इस बार भी ये इस दिन मनाया जाएगा। जानकारों के अनुसार अंग्रेजी कैलेंडर को छोड़ दें तो लोहड़ी को सूर्य के मकर राशि में प्रवेश से एक दिन पहले मनाया जाता है। सूर्य इस बार 14 जनवरी की रात को मकर राशि में प्रवेश करेंगे। ऐसे में लोहड़ी 13 जनवरी को ही मनाई जाएगी। वहीं, कुछ मत ये भी हैं कि लोहड़ी को जनवरी को मनाया जाना चाहिए।

इस पर्व से जुड़ी एक कहानी भी है जो दुल्ला भट्टी से संबंधित है। ये कथा अकबर के शासनकाल की है जब दुल्ला भट्टी पंजाब प्रांत का सरदार था। उन दिनों लड़कियों की बाजारी होती थी। जिसका दुल्ला भट्टी ने विरोध किया और सभी लड़कियों को बचाकर उनकी शादी करवाई। तभी से लोहड़ी के दिन दुल्ला भट्टी की कहानी सुनने और सुनाने की परंपरा है। एक कहानी ये भी है कि लोहड़ी और होलिका दोनों बहने थीं। जिसमें लोहड़ी व्यवहार की अच्छी थी पर होलिका नहीं। होलिका अग्नि में जल गई और लोहड़ी बच गई। इसके बाद से पंजाब में उसकी पूजा होने लगी और उसी के नाम पर लोहड़ी का पर्व मनाया जाने लगा।

एक काहनी के अनुसार देवी सती के आत्मदाह के बाद भगवान शिव ने दक्ष प्रजापति को कठोर दंड दिया। दक्ष को जब अपनी भूल का अहसास हुआ तो उन्होंने भगवान शिव से क्षमा मांगी और जब देवी सती ने पार्वती रूप में अगला जन्म लिया तो उन्होंने देवी पार्वती को उनके ससुराल में लोहड़ी के अवसर पर उपहार भेजकर अपनी भूल सुधारने का प्रयास किया। उस समय से लोहड़ी पर नवविवाहित कन्याओं के लिए मायके से वस्त्र और उपहार भेजा जाता है।

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