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Swami Prasad Maurya: हिंदू नाम का कोई धर्म है ही नहीं, हिंदू धर्म केवल धोखा, सपा नेता स्वामी प्रसाद मौर्य ने दिया विवादित बयान, देखें वीडियो

By सतीश कुमार सिंह | Updated: August 28, 2023 17:08 IST

Samajwadi Party leader Swami Prasad Maurya: यूपी के पूर्व मंत्री और समाजवादी पार्टी के नेता स्वामी प्रसाद मौर्य ने कहा कि ब्राह्मणवाद की जड़ें बहुत गहरी है और सारी विषमता का कारण भी ब्राह्मणवाद ही है। हिंदू नाम का कोई धर्म है ही नहीं, हिंदू धर्म केवल धोखा है।

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ठळक मुद्देदलितों, आदिवासियों, पिछड़ों को अपने धर्म के मकड़जाल में फंसाने की एक साजिश है।आदिवासियों का भी सम्मान होता है, दलितों का भी सम्मान होता, पिछड़ों का भी सम्मान होता, लेकिन क्या विडंबना है। हिंदू धर्म को 'धोखा देने वाला' और 'धोखा' करार दिया है।

Samajwadi Party leader Swami Prasad Maurya: रामचरितमानस पर अपनी टिप्पणी से बड़ा विवाद खड़ा करने वाले समाजवादी पार्टी के नेता स्वामी प्रसाद मौर्य एक बार फिर ब्राह्मणवाद और हिंदू धर्म पर अपनी टिप्पणी की है। हिंदू धर्म को विवादित बयान दिया है। 

पूर्व मंत्री प्रसाद ने कहा कि ब्राह्मणवाद की जड़ें बहुत गहरी है और सारी विषमता का कारण भी ब्राह्मणवाद ही है। हिंदू नाम का कोई धर्म है ही नहीं, हिंदू धर्म केवल धोखा है। सही मायने में जो ब्राह्मण धर्म है, उसी ब्राह्मण धर्म को हिंदू धर्म कहकर के इस देश के दलितों, आदिवासियों, पिछड़ों को अपने धर्म के मकड़जाल में फंसाने की एक साजिश है।

अगर हिंदू धर्म होता तो आदिवासियों का भी सम्मान होता है, दलितों का भी सम्मान होता, पिछड़ों का भी सम्मान होता, लेकिन क्या विडंबना है। इस बार उन्होंने हिंदू धर्म को 'धोखा देने वाला' और 'धोखा' करार दिया है। उन्होंने एक्स (पहले ट्विटर) पर एक वीडियो पोस्ट किया जिसमें उन्होंने लिखा कि ब्राह्मणवाद की जड़ें बहुत गहरी हैं और सारी असमानता का कारण भी ब्राह्मणवाद ही है।

उनकी टिप्पणी ने सोशल मीडिया पर विवाद पैदा कर दिया। एक वर्ग ने "नफरत फैलाने" के लिए उनकी आलोचना की। रामचरितमानस पंक्ति पर मौर्य ने फरवरी में यह आरोप लगाकर विवाद खड़ा कर दिया था कि रामचरितमानस के कुछ श्लोक जाति के आधार पर समाज के एक बड़े वर्ग का "अपमान" करते हैं और मांग की थी कि इन पर "प्रतिबंध" लगाया जाए।

उन्होंने कहा था कि धर्म के नाम पर किसी जाति को अपमानित करने पर आपत्ति होनी चाहिए। उन्होंने कहा कि ऐसे कई करोड़ लोग हैं, जिन्होंने रामचरितमानस नहीं पढ़ा है या नहीं पढ़ा है। उन्होंने कहा कि यह ब्रिटिश काल था जिसने दलितों को पढ़ने और लिखने का अधिकार दिया और महिलाओं को ब्रिटिश राज में साक्षर होने का अधिकार मिला। उन्होंने आगे कहा कि हिंदू धार्मिक ग्रंथ 'सब बकवास' है। 

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