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Swami Prasad Maurya: समाजवादी पार्टी महासचिव स्वामी प्रसाद मौर्य के बिगड़े बोल, कहा-सारी विषमता का कारण ब्राह्मणवाद, कब-कब दिया विवादित बयान

By राजेंद्र कुमार | Updated: August 28, 2023 18:05 IST

Swami Prasad Maurya: हिंदू धर्म को लेकर स्वामी प्रसाद के इस कथन पर सोशल मीडिया और राजनीतिक दलों के नेताओं ने उनकी आलोचना की है. 

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ठळक मुद्देसपा मुखिया के निर्देश पर ही स्वामी प्रसाद मौर्य यह सब कह रहे हैं. उप मुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य आपत्ति जताई है.स्वामी प्रसाद के खिलाफ आईपीसी की धारा 153A,295A,298,505 के तहत मुकदमा दर्ज करने की मांग की गई है.

लखनऊः बीते कई महीनों से धार्मिक मामलों में विवादित बयान देकर राजनीतिक भूचाल लाने वाले समाजवादी पार्टी के महासचिव स्वामी प्रसाद मौर्य ने अब ब्राह्मण समाज और हिंदू धर्म को लेकर बयान दिया है. स्वामी प्रसाद का कहना है कि हिंदू नाम का कोई धर्म है ही नहीं. हिंदू धर्म केवल धोखा है.

ब्राह्मणवाद की जड़ें बहुत गहरी हैं तथा सारी विषमता का कारण भी ब्राह्मणवाद ही है. इसके पहले स्वामी प्रसाद ने रामचरितमानस को लेकर विवादित बयान दिया था. फिलहाल हिंदू धर्म को लेकर स्वामी प्रसाद के इस कथन पर सोशल मीडिया और राजनीतिक दलों के नेताओं ने उनकी आलोचना की है. सूबे के उप मुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य आपत्ति जताई है.

उनका कहना है कि सपा मुखिया के निर्देश पर ही स्वामी प्रसाद मौर्य यह सब कह रहे हैं. सपा के नेताओं के जहरीले बयान ही सपा को समाप्त वादी पार्टी बनायेंगे. सुप्रीम कोर्ट के वकील विनीत जिंदल ने हिंदुओं के खिलाफ बोलने पर दिल्ली पुलिस की स्पेशल सेल में शिकायत की है और स्वामी प्रसाद के खिलाफ आईपीसी की धारा 153A,295A,298,505 के तहत मुकदमा दर्ज करने की मांग की गई है.

स्वामी ने नहीं मानी अखिलेश सलाह: 

यहां राजधानी लखनऊ में अर्जक संघ के संस्थापक महामना रामस्वरूप वर्मा की जयंती शताब्दी समारोह को संबोधित करते हुए स्वामी प्रसाद मौर्य ने यह विवादित बयान दिया है. जबकि सपा मुखिया अखिलेश यादव के पार्टी नेताओं को धार्मिक मामलों में विवादित बयान ना देने की सलाह दी हुई है. इसके बाद भी स्वामी मौर्य के पार्टी मुखिया के निर्देश की अनदेखी करते हुए धार्मिक मामले में विवादित बयान दिया.

उनके इस बयान को लेकर जब पार्टी की चारों तरफ आलोचना होने लगी तो डैमेज कंट्रोल की कोशिश सपा मुखिया अखिलेश यादव की पत्नी और मैनपुरी संसदीय सीट से सांसद डिंपल यादव आगे आयी और उन्होने कि सनातन धर्म का कोई दुश्मन नहीं है. लिहाजा 2024 में हर धर्म के लोग इंडियन नेशनल डेवलपमेंट इंक्लूसिव अलायन्स (इंडिया) गठबंधन को वोट करेंगे.

ब्राह्मण धर्म को हिंदू धर्म कहना गलत : स्वामी प्रसाद 

डिंपल यादव के इस कथन के बाद भी स्वामी प्रसाद मौर्य के ताजा बयान से प्रदेश में सियासी गर्मी कम नहीं हुई है. भाजपा के तमाम नेता स्वामी प्रसाद मौर्य के बयान की आलोचना कर रहे हैं. भाजपा प्रवक्ता हरिश्चंद्र श्रीवास्तव कहते हैं कि स्वामी प्रसाद मौर्य सिर्फ समाज में द्वेष पैदा करने के लिए विवादित बयान दे रहे हैं.

ब्राह्मणवाद पर विवादित ट्वीट कर स्वामी प्रसाद प्रदेश में अगड़ा बनाम पिछड़ा की राजनीति करना चाहते है. भाजपा के ऐसे आरोपों पर स्वामी प्रसाद कहते हैं कि सही मायने में जो ब्राह्मण धर्म है, उसी ब्राह्मण धर्म को हिंदू धर्म कहकर के इस देश के दलितों, आदिवासियों, पिछड़ों को अपने धर्म के मकड़जाल में फंसाने की एक साजिश की जा रही है.

इसी को मैंने लोगों को बताया हैं. अगर हिंदू धर्म होता तो आदिवासियों का भी सम्मान होता.  दलितों का भी सम्मान होता, पिछड़ों का भी सम्मान होता. लेकिन क्या विडंबना है कि इस पर अभी तक किसी ने बोलने की हिम्मत नहीं थी. 

स्वामी प्रसाद के विवादित बयान: 

- इस वर्ष 22 जनवरी को रामचरित मानस को लेकर स्वामी प्रसाद मौर्य ने अभद्र टिप्पणी की थी. उन्होने रामचरितमानस बैन करने की मांग की थी और कहा था कि ब्राह्मण भले ही दुराचारी, अनपढ़ और गंवार हो, लेकिन रामचरितमानस में उसे पूजनीय बताया गया है, और उसमें यह भी लिखा गया है कि शूद्र कितना भी ज्ञानी, विद्वान या फिर ज्ञाता हो, उसका सम्मान मत करिए। क्या यही धर्म है?

- इसके बाद 15 फरवरी को लखनऊ के एक होटल में स्वामी प्रसाद मौर्य और अयोध्या के महंत राजू दास के बीच हाथापाई हुई. राजू दास का आरोप था कि सपा नेता ने उन्हें भगवा आतंकवादी कहा था जिसका उन्होंने विरोध किया था. 

- फिल्म आदिपुरुष को लेकर भी स्वामी मौर्य ने एक ट्वीट किया था कि जो कल तक मेरी हत्या करने, धड़ से सिर अलग करने, तलवार से सिर काटने, जीभ काटने, नाक-कान व हाथ काटने के लिए उतावले हो गए थे, उनकी बोलती आज बंद क्यों है? इसलिए न की मनोज मुंतशिर और ओम राऊत ऊंची जाति के हैं. 

- बीती 31 जुलाई को स्वामी प्रसाद मौर्य ने ये कहकर विवाद खड़ा कर दिया कि बद्रीनाथ, केदारनाथ और जगन्नाथपुरी पहले बौद्ध मठ थे.

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