लखनऊः समाजवादी पार्टी (सपा) के संस्थापक मुलायम सिंह यादव दफ्तर के कमरे बैठकर सियासत नहीं करते थे. वह हर हफ्ते किसी ना किसी जिले में जाकर पार्टी कार्यकर्ताओं के बीच बैठकर जिले का सियासी मिजाज भांपने थे. और पार्टी कार्यकर्ताओं एकजुट कर भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) तथा कांग्रेस से मोर्चा लेते थे.
अब उसी तर्ज पर सपा मुखिया अखिलेश यादव भी सूबे के अलग-अलग जिलों के जाकर पार्टी पदाधिकारियों के साथ बैठक कर वहां के सियासी परिवेश को भांपने में लगे हैं, ताकि आगामी लोकसभा चुनावों की तैयारियों को मुफीद बनाया जा सके. अपने इस अभियान के चलते अखिलेश यादव सोनभद्र, मिर्जापुर, लखीमपुर खीरी के कार्यकर्ताओं व पदाधिकारियों के साथ बैठक कर चुके हैं.
अब एक एक कर सूबे के सभी जिलों में सपा मुखिया अपने लोक जागरण यात्रा के रथ के जरिए पहुंचेंगे, पार्टी की रणनीति को बनाने और उसे लागू करने के बीच बेहतर समन्वय बने. सपा के प्रदेश अध्यक्ष नरेश उत्तम के अनुसार, पार्टी के मुखिया अखिलेश यादव ने सभी जिला और महानगर अध्यक्षों से संगठन का एजेंडा को लेकर रायशुमारी कर चुके हैं.
इस विचार-विमर्श के दौरान ही पार्टी के कार्यकर्ता प्रशिक्षण शिविर से लेकर आगे तक के अभियान को तय करने के निर्देश भी बीते माह जारी किए गए थे. इसी के बाद सपा मुखिया अखिलेश ने दो-दो या तीन-तीन जिलों की टीमों से अलग संवाद की कवायद शुरू की है और वह सोनभद्र तथा मिर्जापुर गए.
नरेश उत्तम का कहना है जिलों में जाकर छोटी बैठकों के जरिए अखिलेश यादव की कोशिश नीचे के पदाधिकारियों के विचार और सुझाव जानने की है. चूंकि आगामी चुनावों में सपा के लिए हर सीट अहम है और सबकी सामाजिक-राजनीतिक परिस्थितियां अलग हैं. ऐसे में अखिलेश जिलों के साथ अलग-अलग भी बैठ रहे हैं.
ताकि पार्टी कार्यकर्ताओं के साथ समन्वय बेहतर हो और नए चेहरों से लेकर मुद्दों का प्रभावी चयन भी हो सके. इसलिए अब जिलों में जाकर पार्टी कार्यकर्ताओं से मिलने का यह सिलसिला जारी रहेगा. अखिलेश यादव सूबे के हर जिले में जाएंगे और भाजपा से मोर्चा लेने के लिए कार्यकर्ताओं की फौज तैयार करेंगे.
इसी क्रम में सपा के कार्यकर्ता प्रशिक्षण शिविर का आयोजन किया जा रहा है. इसकी शुरुआत पांच जून से गोला गोकर्णनाथ से हो चुकी है. इसके बाद अब नैमिषारण्य में सपा के कार्यकर्ता जुटेंगे. ऐसे शिविरों के जरिए मिशन 2024 फतह करने की तैयारी को तेज किया जाएगा. पार्टी के वरिष्ठ नेताओं का कहना है कि सपा संस्थापक मुलायम सिंह यादव हमेशा प्रशिक्षण शिविर पर जोर देते रहे हैं.
यही वजह है कि लोकसभा चुनाव से पहले सपा ने प्रशिक्षण शिविर आयोजित करने का फैसला लिया गया है. वास्तव में अखिलेश यादव लोकसभा चुनाव की तैयारी को लेकर कार्यकर्ताओं को जोड़ने की हर संभव कोशिश कर रहे हैं. जिसके चलते अखिलेश जिलों में जाकर पार्टी नेताओं के मिल रहे हैं, उनकी बात और सुझावों को सुना रहे हैं.
अब लोक जागरण रथ यात्रा भी निकालकर सियासी माहौल बनाने की कवायद में जुट गए हैं. वैसे भी चुनावी रथयात्रा सपा के लिए सियासी संजीवनी की तरह रही है. रथ यात्रा की परंपरा मुलायम सिंह यादव ने शुरू की थी और उसे अखिलेश यादव उसे आगे बढ़ा रहे हैं.
यह सब करते हुए अखिलेश पार्टी कार्यकर्ताओं का सियासी भांप कर जल्दी ही भाजपा की जनविरोधी नीतियों के खिलाफ जनता के बीच आवाज बुलंद करेंगे. ठीक उसी तर्ज पर जैसे कि उनके पिता मुलायम सिंह यादव सरकार के खिलाफ आवाज बुलंद करते हुए सड़क पर उतरते थे.