Ghosi By Election 2023: उत्तर प्रदेश में मऊ जिले की घोसी विधानसभा सीट पर उपचुनाव हो रहा है. विधानसभा की इस एक सीट का चुनाव कई चीजों पर असर डालने वाला होगा. इस सीट से होने वाली जीत हार विपक्षी पार्टियों के गठबंधन इंडिया की पार्टियां एका का मजबूत आधार बना सकती हैं.
यहीं वजह है कि सीएम योगी आदित्यनाथ और भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) ने बीते माह सपा से भाजपा में आए पूर्व मंत्री दारा सिंह चौहान को घोसी संसदीय सीट से चुनाव लड़ाने के अपने प्लान को बदल दिया है. जिसके चलते ही भाजपा ने घोसी विधानसभा सीट पर होने वाले उपचुनाव के लिए दारा सिंह चौहान को ही उम्मीदवार बना दिया है.
ऐसे में घोसी सीट पर हो रहा यह उपचुनाव यूपी के लिए बहुत अहम हो गया है. इसकी कई वजह है. पहली वजह यह है कि दारा सिंह चौहान बीते विधानसभा चुनाव में इसी सीट से सपा के टिकट पर चुनाव लड़े और जीते थे. इसके बाद वह बीते माह इस सीट से इस्तीफा देकर भाजपा में शामिल हो गए.
बड़े नेता उन्हें लोकसभा चुनाव घोसी सीट से चुनाव लड़ना चाहते थे, लेकिन बदल रही राजनीतिक परिस्थितियों के चलते अब उन्हे फिर से घोसी विधानसभा सीट के लिए फिर से मैदान में उतार दिया गया है. सपा ने इस सीट से एक दिन पहले ही पूर्व विधायक सुधाकर सिंह को अपना उम्मीदवार घोषित किया था.
ऐसे में अब घोसी सीट का उपचुनाव काफी दिलचस्प हो गया है। अब दारा सिंह पर अपनी सीट बचाने की जिम्मेदारी है तो सपा भी उन्हें मात देकर अपनी ताकत दिखाना चाहेगी. घोसी विधानसभा सीट पर हो रहे उपचुनाव में मतदान 5 सितंबर और मतगणना 8 सितंबर को होगी.
और सुधाकर में सीधा मुक़ाबला:
सपा उम्मीदवार सुधाकर सिंह घोसी विधानसभा सीट से पहले भी चुनाव लड़ चुके हैं. बीते विधानसभा चुनाव में अखिलेश यादव ने दारा सिंह चौहान को इस सीट से चुनाव लड़ा कर उनका टिकट काट दिया था. तब बाहरी नेता को दिए जाने का दर्द सुधाकर ने जाहिर भी किया था, लेकिन उन्होने सपा से नाता नहीं तोड़ा. सुधाकर सिंह इस विधानसभा क्षेत्र में अंजान नहीं हैं.
ओबीसी-दलित बाहुल्य घोसी सीट पर मुस्लिम और सवर्ण वोटर भी प्रभावी संख्या में हैं. बहुजन समाज पार्टी (बसपा) और कांग्रेस इस सीट पर अपने प्रत्याशी खड़ा नहीं कर रही है. ऐसे में अब दारा सिंह चौहान और सुधाकर सिंह के बीच ही सीधा मुक़ाबला होना है.
लोकसभा चुनाव के पहले होने वाले इस उपचुनाव में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ और अखिलेश यादव दोनों ही अपने उम्मीदवार को जीतने के लिए प्रचार करने आएंगे. इस उपचुनाव के महत्व को इसी से समझा जा सकता है.