जम्मू-कश्मीर से अलग हुआ लद्दाख, जानिए इस नए केंद्र शासित प्रदेश के बारे में 10 रोचक बातें
By उस्मान | Published: August 5, 2019 03:26 PM2019-08-05T15:26:12+5:302019-08-05T15:29:34+5:30
केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने राज्यसभा में कहा कि लद्दाख का क्षेत्रफल ज्यादा है लेकिन वहां जनसंख्या कम है। वहां मांग उठाई जाती रही है कि केंद्र शासित प्रदेश बना दिया जाए। लद्दाख को बिना विधायिका के केंद्र शासित प्रदेश बनाया गया है।
केंद्र सरकार ने सोमवार को राज्यसभा में एक विधेयक पेश किया जिसमें जम्मू-कश्मीर राज्य से आर्टिकल 370 को हटा दिया गया है। गृह मंत्री अमित शाह द्वारा राज्यसभा में पेश किए गए एक संकल्प के अनुसार, संविधान के अनुच्छेद 370 के सभी खंड जम्मू कश्मीर में लागू नहीं होंगे। शाह ने लद्दाख के लिये केंद्र शासित प्रदेश के गठन की घोषणा की जहां चंडीगढ़ की तरह से विधानसभा नहीं होगी। लद्दाख को बिना विधानसभा केंद्र शासित प्रदेश का दर्जा दिया गया है।
केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने राज्यसभा में कहा कि लद्दाख का क्षेत्रफल ज्यादा है लेकिन वहां जनसंख्या कम है। वहां मांग उठाई जाती रही है कि केंद्र शासित प्रदेश बना दिया जाए। लद्दाख को बिना विधायिका के केंद्र शासित प्रदेश बनाया गया है।
लद्दाख हमेशा से पर्यटकों का सबसे पसंदीदा क्षेत्र रहा है। अपने रोमांचकारी दर्रे, खूबसूरत मठ, आसमान को छूते पहाड़ और शांत झीलें इस क्षेत्र के प्रमुख आकर्षण हैं जो पर्यटकों को हैरान करते हैं। हम आपको लद्दाख के बारे में कुछ रोचक तथ्य बता रहे हैं।
1) लद्दाख में सूरू घाटी और ज़ांस्कर घाटी के बीच एक महान गर्त है, जो हिमालय और ज़ांस्कर रेंज से घिरा हुआ है। सूरू घाटी में सबसे अधिक आबाद क्षेत्र रंगदुम है। रंगदुम के बाद, घाटी पेंसी ला में 4,400 मीटर की ऊंचाई दिखाई देती है, जो ज़ांस्कर घाटी का प्रवेश द्वार है।
2) लद्दाख की त्सो मोरीरी झील, जो 4,600 मीटर की ऊंचाई पर है, दुनिया में सबसे ऊंचे खेत हैं।
3) पैंगोंग त्सो एक तिब्बती शब्द है, जिसका अर्थ है उच्च घास का मैदान। यह हिमालय में 4,350 मीटर की ऊंचाई पर स्थित है और एक एंडोर्फिक झील है। सर्दियों के मौसम के दौरान, झील नमकीन पानी होने के बावजूद जम जाती है।
4) लद्दाख, मैग्नेटिक हिल का घर है, जहां पर्यटक गुरुत्वाकर्षण से संबंधित घटनाओं को देख सकते हैं। यह 11,000 फीट की ऊंचाई पर स्थित है और लेह से 30 किलोमीटर की दूरी पर है।
5) सुरू नदी और द्रास नदी के बीच बेली ब्रिज दुनिया का सबसे ऊंचा पुल है। भारतीय सेना ने 1982 में समुद्र तल से 5,602 मीटर की ऊंचाई पर इस पुल का निर्माण किया था।
6) लद्दाख भारत का एकमात्र स्थान है जहां जुड़वां कूबड़ वाले ऊंट पाए जाते हैं। इस प्रजाति को बैक्ट्रियन कैमल भी कहा जाता है और पीठ पर दो कूबड़ होते हैं। वे एकल कूबड़ वाले ऊंटों की तुलना में शायद ही कभी पाए जाते हैं। नुब्रा घाटी में ऊंटों पर सवारी प्रमुख आकर्षण है।
7) साल 2011 की जनगणना के अनुसार है, लद्दाख की कुल जन संख्या 2,74,289 लाख है। लद्दाख में कई स्थानों पर मिले शिलालेखों से पता चलता है कि यह स्थान नव-पाषाणकाल से स्थापित है। सिन्धु नदी लद्दाख की जीवन रेखा है। ज्यादातर ऐतिहासिक और वर्तमान स्थान जैसे कि लेह, शे, बासगो, तिंगमोसगंग सिन्धु किनारे ही बसे हैं।
8) साल 1947 के भारत-पाक युद्ध के बाद सिन्धु का मात्र यही हिस्सा लद्दाख से बहता है। सिन्धु हिन्दू धर्म में एक पूजनीय नदी है, जो केवल लद्दाख में ही बहती है।
9) साल 1979 में लद्दाख को कारगिल व लेह जिलों में बांटा गया। लद्दाख मध्य एशिया से कारोबार का एक बड़ा गढ़ था। सिल्क रूट की एक शाखा लद्दाख क्षेत्र से होकर गुजरती थी।
10) दूसरे मुल्कों के कारवें के साथ सैकड़ों ऊंट, घोड़े, खच्चर, रेशम और कालीन लाए जाते थे जबकि हिन्दुस्तान से रंग, मसाले आदि बेचे जाते थे। लद्दाख के अंतर्गत नोबरा, लेह, कारगिल और ज़ंस्कार कुल 4 विधानसभा क्षेत्र आते थे।