आर्टिकल 370 हटने से जम्मू-कश्मीर पर्यटन पर भारी असर, 50 फीसदी बुकिंग कैंसिल
By उस्मान | Published: August 5, 2019 01:32 PM2019-08-05T13:32:03+5:302019-08-05T13:32:03+5:30
कश्मीर में पर्यटन सबसे बड़ा रोजगार जनरेटर है। इस घटना के मद्देनजर कश्मीर पर्यटन को बड़ा झटका लगा है। सूत्रों के अनुसार, दीवाली की छुट्टियों के दौरान यात्रा की योजना बनाने वाले 30 प्रतिशत पर्यटक पहले ही बुकिंग पर रोक लगा चुके हैं।
जम्मू कश्मीर में पिछले कुछ दिनों से चल रही उथल-पुथल का पर्यटन क्षेत्र पर भारी असर पड़ा है। पहले से कश्मीर घूमने की योजना बनाकर बैठे हजारों तीर्थयात्रियों और पर्यटकों ने अपना प्लान कैंसिल कर दिया है। बताया जा रहा है कि स्वतंत्रता दिवस (15 अगस्त ) के दौरान लंबी छुट्टियां पड़ रही हैं जिसके मद्देनजर हजारों पर्यटक कश्मीर पहुंचने वाले थे।
कश्मीर टूरिज्म के निदेशक निसार वानी के अनुसार, शुक्रवार को लगभग 20,000-22,000 पर्यटक कश्मीर में थे। जम्मू-कश्मीर प्रशासन द्वारा एडवाइजरी जारी होने के उन्होंने बीच में ही यात्रा रद्द कर दी और वापस आने लगे हैं।
बिजनेस टुडे की एक रिपोर्ट के अनुसार, शनिवार को कश्मीर में केवल 1600 से अधिक पर्यटक ही रह गए, क्योंकि श्रीनगर से पर्यटकों को निकालने के लिए बसों और यहां तक कि भारतीय वायु सेना के विमानों को भी तैनात किया गया था।
भारतीय रेलवे कश्मीर में फंसे हुए पर्यटकों की मदद के लिए जम्मू, कटरा और उधमपुर स्टेशनों से यात्रा के आरक्षित टिकटों को रद्द कराने के लिए यात्रियों से उन पर लगने वाला शुल्क मंगलवार तक नहीं लेने का फैसला किया है।
इस बीच कुछ एयरलाइनों ने अपने किराए में कम से कम 20-25 प्रतिशत की बढ़ोतरी की है। श्रीनगर और जम्मू से उड़ान भरने वाले विमानों का किराया 25 हजार रुपए तक पहुंच गया। हालांकि एयरलाइन कंपनियों ने सरकार के आदेश पर फ्लाइट कैंसिल और यात्रा तारीख में बदलाव होने पर लगने वाले चार्ज को तो खत्म कर दिया है। डीजीसीए ने सभी एयरलाइंस को स्टैंड बाय मोड में रहने को कहा है।
ट्रैवल पोर्टल बिगब्रेक डॉट कॉम के प्रबंध निदेशक कपिल गोस्वामी के अनुसार, इस बीच स्वतंत्रता दिवस की छुट्टियों के दौरान कश्मीर यात्रा की योजना बनाकर बैठे पर्यटकों ने अपना प्लान कैंसिल कर दिया है और उन्हें उनका रिफंड दिया जा रहा है। उन्होंने बताया कि उनकी कंपनी ने 10-18 अगस्त के बीच श्रीनगर और गुलमर्ग के लिए कई बुकिंग की थी और 50 फीसदी यात्रियों ने अनिश्चितता के कारण पहले ही योजना रद्द कर दी है।
कश्मीर में पर्यटन सबसे बड़ा रोजगार जनरेटर है। इस घटना के मद्देनजर कश्मीर पर्यटन को बड़ा झटका लगा है। सूत्रों के अनुसार, दीवाली की छुट्टियों के दौरान यात्रा की योजना बनाने वाले 30 प्रतिशत पर्यटक पहले ही बुकिंग पर रोक लगा चुके हैं।
के रिपोर्ट अनुसार, जनवरी में कश्मीर घाटी में 25,095 पर्यटक पहुंचे थे। इस घटना के मद्देनजर इन महीनों में यह संख्या लगभग 37 प्रतिशत घट गई है। मार्च में यह संख्या 21,237 के करीब और अप्रैल में 61,815 थी। जून और जुलाई में 150,000 से अधिक पर्यटकों ने कश्मीर का दौरा किया था।