यात्रीगण कृपया ध्यान दें! अब दिल्ली से मुंबई सिर्फ 10 घंटे और कोलकाता 12 घंटे में पहुंचाएगी ट्रेन
By उस्मान | Published: June 20, 2019 04:37 PM2019-06-20T16:37:48+5:302019-06-20T16:37:48+5:30
फिलहाल सबसे तेज ट्रेन दिल्ली से हावड़ा 17 घंटे में पहुंचाती है, जबकि दिल्ली से मुंबई तक की सबसे तेज ट्रेन 15.5 घंटे का समय लेती है। प्रस्ताव के मुताबिक दिल्ली से हावड़ा 12 घंटे में और दिल्ली से मुंबई का सफर 10 घंटे में पूरा करने की कोशिश की जाएगी।
दिल्ली, मुंबई और कोलकाता के बीच ट्रेन में सफर करने वालों को जल्द ही एक बड़ी खुशखबरी मिल सकती है। दिल्ली-मुंबई रूट का सफर अब सिर्फ 10 घंटों का हो सकता है जबकि दिल्ली-हावड़ा रूट का सफर 12 घंटों में पूरा हो सकेगा। दरअसल रेलवे 2023 तक इन मार्गों पर ट्रेनों की अधिकतम गति बढ़ाकर 160 किमी प्रति घंटे करने की योजना बना रहा है, ताकि दिल्ली-मुंबई के बीच यात्रा समय को पांच घंटे और दिल्ली-कोलकाता के बीच यात्रा के समय में साढ़े पांच घंटे की बचत हो सके।
फिलहाल सबसे तेज ट्रेन दिल्ली से हावड़ा 17 घंटे में पहुंचाती है, जबकि दिल्ली से मुंबई तक की सबसे तेज ट्रेन 15.5 घंटे का समय लेती है। प्रस्ताव के मुताबिक दिल्ली से हावड़ा 12 घंटे में और दिल्ली से मुंबई का सफर 10 घंटे में पूरा करने की कोशिश की जाएगी।
आपको बता दें कि इन रूट्स पर सबसे तेज ट्रेन राजधानी है, जो अधिकतम 130 किमी प्रति घंटे की गति से चल सकती हैं। रेलवे ने नरेंद्र मोदी सरकार के100 दिन के एजेंडे में इस प्रस्ताव को शामिल किया है। इस योजना पर लगभग 13,500 करोड़ रुपये खर्च करने का अनुमान लगाया है।
TOI की रिपोर्ट के अनुसार, रेलवे अगले चार वर्षों में राष्ट्रीय ट्रांसपोर्टर के बुनियादी ढांचे को चमकाने में लगभग 13,500 करोड़ रुपये खर्च करने का अनुमान लगा रहा है। रेलवे बोर्ड के अध्यक्ष वी के यादव द्वारा जारी परिपत्र के अनुसार, इन दो व्यस्त मार्गों पर ट्रैक के बुनियादी ढांचे को बढ़ाना आवश्यक है क्योंकि वे लगभग 30 प्रतिशत यात्री और रेल नेटवर्क पर कुल माल ढुलाई का 20 प्रतिशत हिस्सा हैं।
यादव ने अधिकारियों को 31 अगस्त तक योजनाओं को लागू करने के लिए तत्काल कार्रवाई शुरू करने का आदेश दिया है। मंत्रालय ने प्रस्तावों को पीएमओ को भेज दिया है।
इसके अलावा प्रस्ताव में सभी 6,485 रेलवे स्टेशन पर वाईफाई, 2023 तक सभी मानवरहित क्रॉसिंग को खत्म करने, एडवांस सिगनलिंग सिस्टम, 50 रेलवे स्टेशनों का फिर से विकास, रेलवे बोर्ड का पुनर्गठन और टेक्नोलॉजी में बदलाव शामिल है।