26 जनवरी 1950 को भारत का संविधान लागू किया गया था। देश में कानून का राज स्थापित करने के लिए संविधान को 26 नवम्बर 1949 को भारतीय संविधान सभा द्वारा अपनाया गया और 26 जनवरी 1950 को इसे एक लोकतांत्रिक सरकार प्रणाली के साथ लागू किया गया था। 26 जनवरी को गणतंत्र दिवस के रूप में मनाये जाने का एक वजह यह थी कि 1930 में इसी दिन भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस (INC) ने भारत को पूर्ण स्वराज घोषित किया था। साल 2019 में भारत अपना 70वां गणतंत्र दिवस मना रहा है। इस दिन राजधानी दिल्ली में परेड का आयोजन किया जाता है जिसमें भारतीय सशस्त्र बलों की ताकत का प्रदर्शन होता है। Read More
कर्तव्य पथ के मुख्य क्षेत्र में लगभग 14,000 सुरक्षा कर्मियों को तैनात किया जाएगा। कमांडो, त्वरित प्रतिक्रिया दल, पीसीआर वैन, मोर्चा, विध्वंस रोधी जांच और स्वाट टीम को कर्तव्य पथ और दिल्ली में अहम स्थानों पर तैनात किया जाएगा। ...
Republic Day 2024: पुलिस के अधिकारियों ने बताया कि इस साल परेड देखने के लिए कर्तव्य पथ पर करीब 77,000 लोगों के आने की संभावना है जिसके मद्देनजर सुरक्षा के लिए व्यापक इंतजाम किए गए हैं। ...
Republic Day 2024: दिल्ली मेट्रो 26 जनवरी को गणतंत्र दिवस परेड देखने कर्तव्य पथ जाने वाले लोगों की सहूलियत के लिए अपनी सेवाएं सभी मार्ग पर तड़के चार बजे से ही शुरू कर देगी। दिल्ली मेट्रो परिवहन निगम (डीएमआरसी) के अधिकारियों ने बुधवार को यह जानकारी दी ...
Republic Day 2024: गणतंत्र दिवस 2024 समारोह के दृष्टिगत विभिन्न रेलवे स्टेशनों पर पार्किंग सुविधाएं 25 जनवरी, 2024 को रात 8 बजे से 26 जनवरी, 2024 को दोपहर 12 बजे तक बंद रहेंगी। ...
यूपी की झांकी में राम मंदिर चित्रण के अलावा, झांकी में नव विकसित मेरठ रैपिड रेल के रूप में योगी आदित्यनाथ सरकार के विकास कार्यों को भी रेखांकित किया गया है। ...
हर साल, गणतंत्र दिवस नई दिल्ली के कर्तव्य पथ पर परेड के साथ मनाया जाता है। जैसा कि हम विशेष दिन मनाने के लिए तैयार हैं, यहां गणतंत्र दिवस परेड के बारे में कुछ तथ्य दिए गए हैं जिनके बारे में हमें जानना चाहिए। ...
सवाल यह है कि सरपंच से लेकर जिला परिषद अध्यक्ष, नगराध्यक्ष मेयर, विधायक, सांसद या मंत्री शक्तिसंपन्न स्थान पर होने के बावजूद यदि अपनी जिम्मेदारियां नहीं निभा पाते हैं तो उनके खिलाफ हमारा गण सामुदायिक रूप से आवाज उठाने की हिम्मत क्यों नहीं करता है? ...
गणतंत्र दिवस परेड का 1959 से हिस्सा हैं बालवीर पुरस्कार विजेता। यह कुछ साल से खुली जीप में निकलने लगे हैं। हालांकि लंबे समय तक यह हाथियों पर सवार होते थे। पर मेनका गांधी के विरोध के बाद हाथियों पर बैठाने की परंपरा रुक गई। ...