भारतीय संसद (राज्य सभा और लोक सभा) की हर साल होने वाली तीन बैठकों को संसद सत्र कहते हैं। इन सत्रों में सभी विधायी कार्य पूरे किये जाते हैं। भारतीय संविधान के अनुसार संसद के दो सत्रों के बीच छह महीने से ज्यादा अंतराल नहीं होना चाहिए। इस वजह से हर साल संसद के कम से कम दो सत्र जरूर आयोजित होते हैं।संसद का बज़ट सत्र फ़रवरी से मई के बीच आहुत होता है। संसद का मॉनसून सत्र जुलाई से सितम्बर के बीच आहुत होता है। संसद का शीतकालीन सत्र नवंबर से दिसंबर के बीच आयोजित होता है। बज़ट सत्र के दौरान भारत सरकार अपना सालाना या अंतरिम बज़ट पेश करती है। इस बज़ट में सरकार वार्षिक आय और व्यय का लेखा-जोखा पेश करती है। Read More
शाहीन बाग में महिला सुरक्षाकर्मियों की दो कंपनियों समेत सुरक्षाबलों की 12 कंपनियों को शाहीन बाग में तैनात हैं। स्थानीय पुलिस के साथ चार पुलिस जिलों के 100-100 पुलिसकर्मियों को भी तैनात हैं। ...
अपने आलोचकों, राजनीतिक विरोधियों और सिविल सोसाइटी की ओर से 'सांप्रदायिकता',सीएए, एनपीआर और एनआरसी को लेकर लगातार हमलों का शिकार हो रही भगवा पार्टी, दिल्ली के दंगों को रोक पाने में विफलता के लिए जरा भी शर्मसार नहीं है. ...
वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने एक फरवरी को पहले लोकसभा में और उसके बाद राज्यसभा में आम बजट पेश किया था। दोनों सदनों में इसके बाद राष्ट्रपति अभिभाषण के धन्यवाद प्रस्ताव पर चर्चा के बाद उसे पारित किया गया। ...
संसद के बजट सत्र के पहले हिस्से का आज आखिरी दिन है। लोकसभा और राज्यसभा में दोनों सत्रों में वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण बजट पर हुई चर्चा का जवाब देंगी। भारतीय जनता पार्टी (BJP) की ओर से दोनों सदनों के सदस्यों को व्हिप जारी किया गया है, जिसमें सभी सद ...
दरअसल, लोकसभा में तृणमूल कांग्रेस के सौगत राय जब आयुर्वेद शिक्षण और अनुसंधान संस्थान विधेयक पर अपनी बात रख रहे थे तब पश्चिम बंगाल से भाजपा सांसदों ने ‘बंगाल में लोकतंत्र बचाओ’ के पोस्टर दिखाना शुरू कर दिया। ...
बजट सत्र में अभी तक विपक्ष ने नागरिकता संशोधन विधेयक, अर्थव्यवस्था, बेरोजगारी, कश्मीर की स्थिति, महंगाई, किसानों की समस्याओं जैसे मुद्दों पर सरकार को घेरा गया है। ...
कांग्रेस के वरिष्ठ नेता एवं पूर्व वित्त मंत्री पी. चिदंबरम ने सोमवार को मोदी सरकार पर अर्थव्यवस्था के खराब प्रबंधन का आरोप लगाते हुए तीखा हमला बोला। उन्होंने कहा कि अर्थव्यवस्था ढहने के कगार पर है और इसकी देखभाल का जिम्मा अनाड़ी डाक्टरों के हाथ में ह ...