Citizenship (amendment) bill 2016, Latest Hindi News
नागरिकता (संशोधन) विधेयक बांग्लादेश, पाकिस्तान और अफगानिस्तान से भारत आने वाले गैर-मुसलमानों के लिए लाया गया है. इनमें हिंदू, सिख, बौद्ध, जैन, पारसी और ईसाई धर्म को मानने वाले अल्पसंख्यक शामिल हैं. इन समुदायों को 12 साल के बजाय अब केवल छह साल भारत में गुजारने पर ही भारतीय नागरिकता मिल जाएगी। इन अल्पसंख्यकों को अब किसी और देश से भारत आने की यात्रा से जुड़े दस्तावेज भी नहीं देने होंगे। Read More
अमित शाह ने लोक सभा में विधेयक पेश करने के बाद कहा था कि यह अल्पसंख्यकों के खिलाफ नहीं बल्कि घुसपैठियों के खिलाफ है। बनर्जी ने नागरिकता संशोधन विधेयक पर कहा, “यह विभाजनकारी विधेयक है और इसका किसी भी कीमत पर विरोध होना चाहिए।” ...
जदयू ने नागरिकता संशोधन विधेयक का समर्थन करते हुए सोमवार को लोकसभा में कहा कि यह विधेयक किसी भी तरह से धर्मनिरपेक्षता के खिलाफ नहीं है।विधेयक पर चर्चा में भाग लेते जुए जदयू नेता राजीव रंजन सिंह ने कहा कि सदन में कुछ लोग अपने अपने हिसाब से धर्मनिरपे ...
देश में मुसलमानों के अहम संगठन जमीयत उलेमा-ए-हिंद ने लोकसभा में नागरिकता (संशोधन) विधेयक पेश करने पर सोमवार को आलोचना करते हुए इसे संविधान की मूल भावना के खिलाफ बताया। जमीयत ने राजनीतिक पार्टियों से अपील की कि वे लोकसभा में इस विधेयक के खिलाफ वोट दें ...
केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने कहा कि आज जो हम बिल लाए हैं, उसका कुछ दलों ने विरोध किया है। लेकिन 1947 में जितने भी शरणार्थी आए थे, हमने उन सबको स्वीकार किया। मनमोहन सिंह जी और आडवाणी जी भी इनमें शामिल हैं। इन लोगों ने इस देश की विकास यात्रा में अपन ...
गृह मंत्री ने कहा कि मेघालय को छठी अनुसूची के तहत संरक्षण प्राप्त है और यह विधेयक छठी अनुसूची पर लागू नहीं होता है। उन्होंने कहा कि अरुणाचल प्रदेश बंगाल फ्रंटियर नियमन अधिनियम के तहत है। बाद में भी यह कानून ही प्रदेश पर लागू होगा। ...
गृह मंत्री अमित शाह ने लोकसभा में विधेयक को चर्चा एवं पारित करने के लिए रखते हुए कहा कि हम पूर्वोत्तर की स्थानीय संस्कृति एवं रीति रिवाज का संरक्षण करने के लिये प्रतिबद्ध हैं। गृह मंत्री ने कहा कि हम पूर्वेात्तर के लोगों का आह्वान करते हैं कि वे किसी ...
गृह मंत्री ने कहा कि अफगानिस्तान, बांग्लादेश और पाकिस्तान ऐसे राष्ट्र हैं जहां राज्य का धर्म इस्लाम है। शाह ने कहा कि आजादी के बाद बंटवारे के कारण लोगों का एक दूसरे के यहां आना जाना हुआ । इस समय ही नेहरू लियाकत समझौता हुआ जिसमें एक दूसरे के यहां अल्प ...
अमित शाह ने सदन में यह भी कहा ‘‘अगर कांग्रेस पार्टी देश की आजादी के समय धर्म के आधार पर देश का विभाजन नहीं करती तो इस विधेयक की जरूरत नहीं पड़ती।’’ नागरिकता अधिनियम, 1955 का एक और संशोधन करने वाले विधेयक को संसद की मंजूरी मिलने के बाद पाकिस्तान, बांग ...