Assembly Elections 2023: "केसीआर और बीआरएस ने तेलंगाना को 'ग्रहण' लगा दिया है", जेपी नड्डा ने कहा
By आशीष कुमार पाण्डेय | Published: November 20, 2023 07:37 AM2023-11-20T07:37:14+5:302023-11-20T07:39:57+5:30
भाजपा प्रमुख जेपी नड्डा ने तेलंगाना में चुनाव प्रचार करते हुए मुख्यमंत्री केसीआर और उनकी पार्टी बीआरएस पर जमकर हमला किया और कहा कि वो तेलंगाना में तुष्टिकरण की राजनीति कर रहे हैं।
मल्कागिरि: भारतीय जनता पार्टी के अध्यक्ष जेपी नड्डा ने बीते रविवार को अपने तेलंगाना चुनाव अभियान के तहत मल्काजगिरि से पार्टी के उम्मीदवार एन रामचंदर राव के समर्थन में हैदराबाद में एक रोड शो किया। इस दौरान भाजपा प्रमुख नड्डा ने कहा कि सूबे के मुख्यमंत्री केसीआर और उनकी पार्टी बीआरएस ने तेलंगाना को "ग्रहण" लगा दिया है।
जेपी नड्डा ने रोडशो में जुटे लोगों से कहा, "तेलंगाना को केसीआर और बीआरएस ने ग्रहण लगा दिया है। आपके पास 30 तारीख को इससे छुटकारा पाने का मौका है।" उन्होंने लोगों से भाजपा को सत्ता में लाने की अपील करते हुए कहा कि तेलंगाना में जनता द्वारा मुख्यमंत्री के चंद्रशेखर राव के नेतृत्व वाली सरकार को आगामी विधानसभा चुनावों के बाद विदा कर दिया जाना चाहिए।
तेलंगाना भाजपा द्वारा यह रोड शो राज्य में आगामी विधानसभा चुनाव के मद्देनजर आयोजित किया गया था। जिसमें हिस्सा लेने के लिए बड़ी संख्या में बीजेपी समर्थक जुटे थे।
इससे पहले जेपी नड्डा ने तेलंगाना में सत्तारूढ़ पार्टी भारत राष्ट्र समिति (बीआरएस) पर 'तुष्टीकरण की राजनीति में लिप्त' और 'भ्रष्टाचार में डूबे रहने' का आरोप लगाया।
उन्होंने रंगा रेड्डी के चेलेवा में एक रैली को संबोधित करते हुए कहा, "एक तरफ पीएम मोदी लोगों की संतुष्टि के लिए काम करते हैं। वहीं तेलंगाना में मुख्यमंत्री केसीआर तुष्टीकरण की राजनीति करते हैं। क्या उन्होंने उर्दू को दूसरी भाषा नहीं बनाया? क्या वे धर्म के नाम पर 4 फीसदी आरक्षण को बढ़ाकर 12 फीसदी करने की कोशिश नहीं कर रहे हैं।"
भाजपा प्रमुख नड्डा ने आगे कहा, "क्या वे मंदिरों के लिए जमीन हड़पने की योजना नहीं बना रहे हैं? हमें ऐसे लोगों को हटाना होगा जो इस तरह का तुष्टीकरण कर रहे हैं।''
मालूम हो कि तेलंगाना में 30 नवंबर को विधानसभा चुनाव होंगे और चार अन्य चुनावी राज्यों के साथ वोटों की गिनती 3 दिसंबर को तय है।
इससे पहले 2018 के विधानसभा चुनाव में सत्तारूढ़ भारत राष्ट्र समिति (बीआरएस), जिसे पहले तेलंगाना राष्ट्र समिति (टीआरएस) के नाम से जाना जाता था। उसने विधानसभा की कुल 119 में से 88 सीटें जीतीं, वहीं कांग्रेस महज 19 सीटों के साथ दूसरे स्थान पर रही।