भारत के बाद अमेरिका ने बढ़ाई चीन की मुश्किल, इन 2 कंपनियों के उत्पादों को बताया राष्ट्र के लिए खतरा
By रजनीश | Published: July 1, 2020 09:54 AM2020-07-01T09:54:36+5:302020-07-01T10:14:52+5:30
भारत-चीन सीमा विवाद के बाद देश में 59 चीनी ऐप को बैन कर दिया गया है। इसके बाद अब अमेरिका के फैसले ने चीन की मुश्किल बढ़ा दिया है।
चीनी कंपनियों के 59 मोबाइल एप पर रोक के बाद अब दूसरे देशों ने भी चीन पर सवाल उठाना शुरू कर दिया है। अमेरिका ने चीन के खिलाफ कार्रवाई की शुरुआत की है। यूएस फेडरल कम्युनिकेशन कमिशन (FCC) ने मंगलवार को 5-0 से मतदान कर चीन की टेक कंपनी हुआवे और जेडटीई (ZTE) को राष्ट्रीय खतरा बताया है।
अमेरिकी कंपनियों को इक्विपमेंट खरीदने को लेकर मिलने वाले 8.3 अरब डॉलर के फंड को ट्रंप सरकार ने रोक दिया है। अमेरिकी टेलिकॉम रेग्युलेटर ने नवंबर में ही इस बाबत 5-0 से मतदान किया था। अमेरिका में चीन की कंपनी हुआवे के उत्पादों के इस्तेमाल पर रोक लगाने के लिए काफी समय पहले से ही सवाल उठते रहे हैं।
यूएस फेडरल कम्युनिकेश कमिशन ने साफ कहा है कि टेलिकॉम कंपनियों को अपने इन्फ्रास्ट्रक्चर से इन दोनों चाइनीज कंपनियों के इक्विपमेंट्स को हटाना होगा। FCC चेयरमैन अजित पई ने कहा कि हम चाइनीज कम्युनिस्ट पार्टी को अमेरिकी सुरक्षा से खिलवाड़ नहीं करने देंगे।
FCC के इस आदेश पर जेडटीई और हुआवे की तरफ से फिलहाल कोई तत्काल प्रतिक्रिया नहीं आई है। हालांकि नवंबर में विरोध में होने वाली वोटिंग में चाइनीज कंपनी ने FCC की कार्रवाई की कड़ी निंदा की थी।
फेडरल कम्युनिकेशन कमिशन के कमिश्नर जोफ्रे स्टार्क (Geoffrey Starks) का कहना है कि चीन के उपकरणों पर भरोसा नहीं किया जा सकता। उन्होंने कहा कि अमेरिकी कांग्रेस को चाइनीज उत्पादों को रिप्लेस करने के लिए फंड जारी करना चाहिए।