संसदीय समिति ने Twitter प्रतिनिधियों को किया तलब, दिए ये निर्देश
By जोयिता भट्टाचार्या | Published: February 6, 2019 01:49 PM2019-02-06T13:49:41+5:302019-02-06T13:49:41+5:30
समिति नागरिकों के अधिकार के सुरक्षा मुद्दे, डेटा सुरक्षा, निजता के अधिकार समेत अन्य विषयों पर विचार कर रही है। इसी के साथ ही समिति ने इलेक्ट्रॉनिक्स और सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय के प्रतिनिधियों को भी बैठक के लिए बुलाया है। यह बैठक 11 फरवरी को होनी है।
सोशल मीडिया और ऑनलाइन न्यूज प्लैटफॉर्म को जवाब देने के लिए सूचना एवं प्रौद्योगिकी पर संसदीय समिति ने ट्विटर के वरिष्ठ प्रतिनिधि को 7 फरवरी को पेश होने का निर्देश दिया है। समिति नागरिकों के अधिकार के सुरक्षा मुद्दे, डेटा सुरक्षा, निजता के अधिकार समेत अन्य विषयों पर विचार कर रही है। इसी के साथ ही समिति ने इलेक्ट्रॉनिक्स और सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय के प्रतिनिधियों को भी बैठक के लिए बुलाया है। यह बैठक 11 फरवरी को होनी है। समिति का कहना है कि सोशल मीडिया वेबसाइट भारतीय यूजर्स को सहमती की शर्तों को मानने के लिए बाध्य नहीं किया जाए।
भारतीय जनता पार्टी के सांसद अनुराग ठाकुर ने अगले सप्ताह होने वाली समिति की बैठक का एजेंडा ट्वीट करते हुए कहा कि ट्विटर के प्रतिनिधियों को इस मुद्दों पर अपने विचार रखने के लिए समिति के सामने पेश होने के लिए कहा गया है। उन्होंने आम लोगों से भी इस मामले में उनके विचार और सुझाव मांगे हैं।
The Parliamentary Commitee on Information Technology will examine the issue:
— Anurag Thakur (@ianuragthakur) February 5, 2019
SAFEGUARDING CITIZENS RIGHTS ON SOCIAL/ONLINE NEWS MEDIA PLATFORMS
MEITY & TWITTER will present their views.
You can tweet/email your views:
comit@sansad.nic.in pic.twitter.com/bDYoSv5OHd
7 फरवरी को ट्विटर के वरिष्ठ प्रतिनिधि को होना होगा पेश
स्थायी समिति ने कैंब्रिज एनालिटिका डेटा चोरी मामले के बाद से सूचना एवं प्रौद्योगिकी मंत्रालय से भी इनपुट मांगे हैं। इनमें फर्जी खबरों को रोकने और मॉब लिचिंग को रोकन के लिए उठाए गए कदम पर जिक्र किया जाएगा। खबरों की मानें तो सोशल मीडिया प्लैटफॉर्म से सीधे तौर पर चर्चा कर इस मामले में सरकार से सिफारिश करेगी। जिसके तहत 7 फरवरी को ट्विटर के वरिष्ठ प्रतिनिधि को पेश होने को कहा गया है।
डेटा एकत्र को लेकर भी होगा अंतिम विचार
वहीं, सरकार की ओर से डेटा एकत्र करने के निर्देश पर भी अंतिम विचार कर रही है। इस कानून के आने पर देश में चल रहे सोशल मीडिया प्लैटफॉर्म को अपने वेबसाइट में खास बदलाव करने होंगे। बदलावों में यूजर्स के डेटा भारत में एकत्र करने समेत दूसरे कई प्रावधान शामिल हैं।
कुछ दिन पहले दक्षिणपंथी संगठन यूथ फॉर सोशल मीडिया डेमोक्रेसी के सदस्यों ने ट्विटर के कार्यालय के बाहर विरोध प्रदर्शन करते हुए आरोप लगाया था कि ट्विटर ने "दक्षिण पंथ विरोध रुख" एख्तियार किया है और उनके ट्विटर अकाउंट को बंद कर दिया है।
संगठन के कुछ लोगों ने इस बारे में अगुराग ठाकुर को भी पत्र लिखा था। समिति ने इससे पहले सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय के अधिकारियों को फेसबुक और अन्य सोशल नेटवर्किंग साइटों से "लिखित में प्रतिबद्धता" लेने का निर्देश दिया था कि उनके मंचों का इस्तेमाल भारतीय चुनावों को प्रभावित करने के लिए नहीं किया जाएगा।