इन 7 ऑनलाइन खतरनाक फर्जी बैंकिंग लिंक पर भूलकर भी नहीं करें क्लिक, सरकार भी कर चुकी है आगाह, जानें डिटेल
By विनीत कुमार | Published: August 11, 2021 09:21 AM2021-08-11T09:21:35+5:302021-08-11T09:22:21+5:30
डिजिटल बैंकिंग के आज के दौर में ऑनलाइन ठगी के भी मामले बढ़े हैं। ज्यादातर लोग ऑनलाइन बैंकिंग कर रहे हैं। ऐसे में कुछ सावधानी बरतने की भी जरूरत है।
नई दिल्ली: इलेक्ट्रॉनिक्स और सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय के तहत आने वाले भारतीय कंप्यूटर इमरजेंसी रिस्पांस टीम (CERT-IN) ने भारतीय नागरिकों के लिए एक नए प्रकार के साइबर हमले को लेकर चेतावनी जारी की है। ये साइबर हमला ऑनलाइनबैंकिंग को टार्गेट बनाकर किया जा रहा है।
सरकार की ओर से एक एडवायजरी जारी की गई है जिसमें कहा गया है कि साइबर हमला करने वाले भारत में लोकप्रिय और बड़े बैंकों की इंटरनेटबैंकिंग वेबसाइटों की तरह दिखने वाली फिशिंग वेबसाइट बनाते हैं और ठगी के लिए इसका इस्तेमाल करते हैं। वे इसके लिए 'एनग्रोक' प्लेटफॉर्म का उपयोग कर रहे हैं।
ऐसे मामलों में संभव है कि आपको कोई मैसेज मिले जिसमें लिखा हो, 'प्रिय ग्राहक, आपका xxx बैंक खाता निलंबित कर दिया जाएगा! कृपया पुनः केवाईसी सत्यापन अपडेट के लिए यहां इस लिंक पर क्लिक करें। ये लिंक कुछ ऐसा हो सकता है- http://446bdf227fc4.ngrok.io/xxxbank". आप जैसे ही इस पर लॉगिन करने के लिए क्लिक करेंगे, आपका बैंकिंग लॉग इन डिटेल और मोबाइल नंबर चोरी किया जा सकता है।
एक बार इसे चुरा लिए जाने के बाद ठगी करने वाले असली बैंक पर आपकी डिटेल डाल कर ओटीपी जेनरेट करते हैं। ये ओटोपी आपके नंबर पर आएगा और जैसे ही इसे आप फर्जी वेबसाइट पर डालेंगे, ये ऑनलाइन ठगी करने वालों को पता चल जाएगा और इसका इस्तेमाल कर वे आपके खाते से पैसे चुरा सकते हैं। आज हम आपको उन सात तरह के लिंक के बारे में बता रहे हैं, जिनसे बचकर रहना जरूरी है।
1. लिंक के आखिर में बैंक का नाम हो सकता है
एक बेहद आम दिखने वाला फिशिंग लिंक “http:// 1a4fa3e03758. ngrok [.] io/xxxbank” की तरह दिख सकता है। इसमें आप जो xxx देख रहे हैं, ये बैंक के नाम हो सकते हैं। ये ध्यान देने की बात है कि ऐसे फर्जी लिंक में बैंक का नाम कभी भी पहले नहीं होता है। वहीं, असल बैंकों के लिंक में नाम सबसे पहले होता है।
2. यूजर्स को ठगने के लिए हो सकती है केवाईसी की बात
ऐसे लिंक में केवाईसी का जिक्र भी हो सकता है। ये कुछ ऐसा दिखेगा- http://1e2cded18ece.ngrok[.]io/xxxbank/full-kyc.php. ऐसे लिंक से भी बचने की जरूरत है।
3. ज्यादातर फेक लिंक HTTP प्रोटोकॉल पर
ज्यादातक ऐसे फेक या फर्जी लिंक HTTPS पर न होकर HTTP प्रोटोकॉल आधारित होते हैं। ये कुछ ऐसे दिखेंगे- “http://1d68ab24386.ngrok[.]io/xxxbank/”. याद रखिए HTTPS हमेशा ही HTTP से ज्यादा सुरक्षित होता है। सभी बैंकों के लिंक HTTPS आधारित ही होते हैं।
4. कुछ लिंक 'एनग्रोक' HTTPS आधारित भी
कुछ फर्जी लिंक “https://05388db121b8.sa.ngrok[.]io/xxxbank/” की तरह हो सकते हैं जो HTTPS प्रोटोकॉल आधारित होंगे। हालांकि ध्यान दीजिए ऐसे बैंकों के नाम हमेशा लिंक के आखिर में रहते हैं।
5. ज्यादातक फर्जी लिंक में नंबर और लेटर
ऐेसे फिशिंग लिंक में ज्यादातर कुछ ऐसे दिखेंगे- “http://1e61c47328d5.ngrok[.]io/xxxbank”. इसमें थोड़ा बहुत बदलाव भी हो सकता है। ध्यान रहे इसमें हमेशा कुछ अक्षर और नंबर का मिश्रण होगा।
6. फेक ऑनलाइन बैंकिंग लिंक छोटे भी होंगे
ध्यान रखें, आपको ऐसे केस में हमेशा कुछ ऐसे एसमएएस मिलेंगे जिसमें छोटे लिंक होंगे। हालांकि जैसे ही आप इस पर क्लिक करेंगे, ये बड़े हो जाते हैं और कुछ ऐसे दिखेंगे- “https://0936734b982b.ngrok[.]io/xxxbank/”. ध्यान रखें ये भी फिशिंग लिंक की एक पहचान है।
7. वही लिंक पर बैंक का नाम दूसरा
ऐसे केस में अक्सर आपको ये भी नजर आएगा कि लिंक वही है लेकिन बस बैंक का नाम आखिर में बदला हुआ है। अगर आप ऐसा कुछ नोटिस करते हैं तो सावधान हो जाएं।