ट्विटर को टक्कर देने आ गया भारत का 'कू एप', कई मंत्री बना चुके हैं अकाउंट, सोशल मीडिया पर हो रहा ट्रेंड

By अमित कुमार | Updated: February 10, 2021 14:16 IST2021-02-10T14:09:28+5:302021-02-10T14:16:20+5:30

सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म विचार व्यक्त करने का सबसे आसान और बेहतरीन तरीका माना जाता है। सोशल मीडिया पर भारत में बनाया गया 'कू एप' को लेकर लगातार लोग अपनी बात रख रहे हैं।

know here What is Koo and Why Indian ministers are switching this from twitter | ट्विटर को टक्कर देने आ गया भारत का 'कू एप', कई मंत्री बना चुके हैं अकाउंट, सोशल मीडिया पर हो रहा ट्रेंड

(फोटो सोर्स- ट्विटर)

Highlightsट्विटर के विकल्प के तौर पर भारत में 'कू एप' आ चुका है।इस एप को लेकर लगातार चर्चाएं हो रही है। कई राजनेताओं ने इस पर अपना अकाउंट भी बना लिया है।सोशल मीडिया पर 'कू एप' तेजी से ट्रेंड कर रहा है।

भारत-चीन के बीच बढ़ते तनाव और पिछले दिनों किसान आंदोलन के कारण ट्विटर पर सस्पेंड किए गए कई अकाउंट के बाद से लोग इसके विकल्प की तलाश कर रहे हैं। इन दिनों ट्विटर का भारतीय वर्जन 'कू एप' लोगों के बीच चर्चा में है। 'कू एप' सोशल मीडिया पर लगातार ट्रेंड कर रहा है। कई राजनेता और सेलिब्रेटीज ने 'कू एप' पर अपना अकाउंट बना लिया है।

यही वजह है कि यह एप सोशल मीडिया पर इतनी तेजी के साथ ट्रेंड कर रहा है। आम आदमी भी धीरे-धीरे ट्विटर का दामन छोड़ 'कू एप' की तरफ खींचे चले आ रहे हैं। केंद्रीय मंत्री पीयूष गोयल ने भी 'कू एप' पर अपना अकाउंट बना लिया है। गोयल के अलावा कई अन्य मंत्रियों ने भी 'कू एप' का इस्तेमाल शुरू कर दिया है। रवि शंकर प्रसाद और पीयूष गोयल जैसे नेताओं ने इस एप पर आकर इसका समर्थन किया है। 

ट्विटर पर मिलने वाली हर सुविधा मिलेगी यहां

आत्मनिर्भर भारत एप्लीकेशन चैलेंज के तहत सरकार ने इस एप को अगस्त 2020 में बनाया था। ट्विटर की तरह ही कू भी अपने यूजर्स को डायरेक्ट मैसेज के जरिए चैट करने की सुविधा देता है। इतना ही नहीं यूजर्स इस इस माइक्रो ब्लॉगिंग वेबसाइट पर कंटेंट भी शेयर कर सकते हैं। यह लोगों के लिए बिल्कुल ट्वीटर के अंदाज में काम कर रहा है। कू के सह-संस्थापक और सीईओ अप्रमेय राधाकृष्ण हैं।

जानिए आखिर क्या है 'कू एप'

इस एप में वह सभी खूबिया हैं जो ट्विटर में थे। यह एक माइक्रोब्लॉगिंग साइट है जिसे ट्विटर की टक्कर में पेश किया गया है। देखा जाए तो इस एप को मेड इन इंडिया ट्विटर भी कहा जा सकता है। लोगों को अपनी बात रखने में आसानी हो, इस वजह एप को कई भाषाओं में लॉन्च किया गया है जिसमें हिंदी, तेलुगु, कन्नड़, बंगाली, तमिल, मलयालम, गुजराती, मराधी, पंजाबी, ओड़िआ, आसामी शामिल है। भविष्य में इस एप में मराठी, गुजराती, पंजाबी, आसामी, बांग्ला, मलयालम, उड़िया जैसी भाषाएं भी शामिल की जाएगी। 

Web Title: know here What is Koo and Why Indian ministers are switching this from twitter

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