GOOGLE की ये तकनीक बताएगी बीमार व्यक्ति के ठीक होने की संभावना है या नहीं

By रामदीप मिश्रा | Published: June 19, 2018 05:24 AM2018-06-19T05:24:20+5:302018-06-19T05:24:20+5:30

शोध  के लिए एक महिला का चयन किया गया, जिसको स्तन कैंसर था और उसकी यह बीमारी अंतिम चरण में थी। बीमारी महिला को अस्पताल में भर्ती कराया गया और डॉक्टरों की टीम ने उसका रेडियोलॉजी स्कैन किया।

Google Is Training Machines to Predict When a Patient Will Die | GOOGLE की ये तकनीक बताएगी बीमार व्यक्ति के ठीक होने की संभावना है या नहीं

GOOGLE की ये तकनीक बताएगी बीमार व्यक्ति के ठीक होने की संभावना है या नहीं

Highlightsगूगल के द्वारा बनाई गई नई तकनीक के जरिए पता चला कि बीमार महिला के जीवित रहने की संभावना मात्र 19.9 है। गूगल का अगला कदम भविष्यवाणी प्रणाली को क्लिनिक की ओर ले जा रहा है। गूगल ऐसी एआई तकनीक पर काम कर रहा है जो किसी बीमारी या किसी लक्षण के बारे में सटीक जानकारी दे सकता है।

ब्लूमबर्ग, 19 जूनः आज इंटरनेट इंसान की जिंदगी का एक खास हिस्सा बन गया है और इसमें अहम रोल गूगल का है जो उसे हर एक चीज के बारे में बारीकी से जानकारी देता है। इंटरनेट पर हर तरह की सामग्री उपलब्ध है, यहां तक की लोग कितने सालों तक जिंदा रहने वाले हैं इसकी भी जानकारी फेसबुक पर तमाम ऐप्प के जरिए पता लग जाती है। हालांकि, इस जानकारी पर लोग भरोसा कम करते हैं। 

लेकिन, गूगल अब एक ऐसी तकनीक विकसित कर रहा है, जिसके जरिए पता लग सकेगा कि बीमार व्यक्ति ठीक हो सकता है या नहीं। साथ ही साथ यह भी पता लग सकेगा कि कोई बीमार व्यक्ति कब तक अस्पताल में रहने वाला है। इसको लेकर गूगल लगातार काम कर रहा है और उसके इसके लिए एक सोध भी कराया गया है। 

खबरों के अनुसार, शोध  के लिए एक महिला का चयन किया गया, जिसको स्तन कैंसर था और उसकी यह बीमारी अंतिम चरण में थी। बीमारी महिला को अस्पताल में भर्ती कराया गया और डॉक्टरों की टीम ने उसका रेडियोलॉजी स्कैन किया। इसके बाद कंप्यूटर के माध्यम से पता चला कि महिला के बचने की संभावना मात्र 9.3 फीसदी है।

इसके बाद गूगल की बारी आई और उसकी मदद ली गई। गूगल के द्वारा बनाई गई नई तकनीक के जरिए पता चला कि बीमार महिला के जीवित रहने की संभावना मात्र 19.9 है। इस जांच के कुछ ही दिन बाद महिला की मौत हो गई। गूगल ने बीमार महिला से संबंधित सभी शोध पेपर्स अपने पास रख लिए हैं।

गूगल के शोध पेपर के सह-लेखक स्टैनफोर्ड यूनिवर्सिटी के एसोसिएट प्रोफेसर निगम शाह के मुताबिक, यह एक अनुमानित मॉडल है, जिसके एकदम सटीक होने की संभावनाओं को लेकर काम किया जा रहा है। 

वहीं, ब्लूमबर्ग न्यूज को जेफ डीन के अनुसार, गूगल का अगला कदम भविष्यवाणी प्रणाली को क्लिनिक की ओर ले जा रहा है। यह ऐसी एआई तकनीक पर काम कर रहा है जो किसी बीमारी या किसी लक्षण के बारे में सटीक जानकारी दे सकता है। कंपनी के भीतर इसे लेकर काफी उत्साह देखा जा रहा है। बताया जा रहा है कि उन्हें एआई के लिए एक नई एप्लीकेशन मिल गई है, जिस पर काम किया जा रहा है।  

वहीं, इस तकनीक को लेकर डॉक्टरों का मानना है कि अगर सही समय पर जानकारी मिलती है तो डॉक्टरों को बचाया जा सकता है, लेकिन सबसे बड़ी बात यह है कि वर्तमान जिन तकनीकों का इस्तेमाल किया जा रहा है वह बेहद महंगी हैं, जिसकी वजह से आम लोगों की पहुंच से दूर हैं।

लोकमत न्यूज के लेटेस्ट यूट्यूब वीडियो और स्पेशल पैकेज के लिए यहाँ क्लिक कर सब्सक्राइब करें

Web Title: Google Is Training Machines to Predict When a Patient Will Die

टेकमेनिया से जुड़ीहिंदी खबरोंऔर देश दुनिया खबरोंके लिए यहाँ क्लिक करे.यूट्यूब चैनल यहाँ इब करें और देखें हमारा एक्सक्लूसिव वीडियो कंटेंट. सोशल से जुड़ने के लिए हमारा Facebook Pageलाइक करे

टॅग्स :Googleगूगल