Facebook ने खुद किया खुलासा, बताया कैसे सेव रखता था करोड़ों यूजर्स के पासवर्ड, कर्मचारी भी देख सकते थे
By जोयिता भट्टाचार्या | Published: March 22, 2019 10:33 AM2019-03-22T10:33:52+5:302019-03-22T10:33:52+5:30
सोशल मीडिया Facebook ने माना है कि उसने लाखों यूजर्स के पासवर्ड अपने इंटरनल सर्वर पर प्लेन टेक्स्ट की तरह सिक्योरिटी स्लिप पर सेव किए थे। प्लेन टेक्स्ट होने के कारण Facebook के कर्मचारी इन पासवर्ड को पढ़ सकते थे। इस खुलासे के बाद फेसबुक अपने यूजर्स के डेटा सुरक्षा को लेकर बेहद ही लापरवाह नजर आ रहा है।
दिग्गज सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म Facebook अपने यूजर्स के डेटा प्राइवेसी को लेकर लगातर सवालों में घिरता जा रहा है। फेसबुक पर यूजर्स की प्राइवेसी को लेकर कई सवाल उठ रहे हैं। इसी बीच एक और चौकानें वाली खबर सामने आई है।
सोशल मीडियाफेसबुक ने माना है कि उसने लाखों यूजर्स के पासवर्ड अपने इंटरनल सर्वर पर प्लेन टेक्स्ट की तरह सिक्योरिटी स्लिप पर सेव किए थे। प्लेन टेक्स्ट होने के कारण Facebook के कर्मचारी इन पासवर्ड को पढ़ सकते थे। इस खुलासे के बाद फेसबुक अपने यूजर्स के डेटा सुरक्षा को लेकर बेहद ही लापरवाह नजर आ रहा है।
एक ब्लॉग पोस्ट में इंजिनियरिंग, सिक्यॉरिटी ऐंड प्राइवेसी वीपी पेड्रो कैनहॉती ने इसकी जानकारी देते हुए लिखा कि यूजर्स के ये पासवर्ड फेसबुक से बाहर कोई भी व्यक्ति ऐक्सेस नहीं कर सकता था।
पेड्रो ने ब्लॉगपोस्ट में लिखा, 'स्पष्ट कर दें, ये पासवर्ड्स फेसबुक के बाहर किसी को भी दिख नहीं सकते थे और साथ ही हमारे किसी कर्मचारी ने इंटरनली इनका गलत यूज किया है या इन्हें ऐक्सेस किया है, ऐसा भी कोई मामला सामने नहीं आया है।'
उन्होंने बताया है कि इस साल हुए एक सिक्योरिटी रिव्यू में इस गलती का पता चला है। उन्होंने कहा कि Facebook अपने करोड़ों फेसबुक लाइट यूजर्स, लाखों फेसबुक ऐप यूजर्स और हजारों इंस्टाग्राम यूजर्स को नोटिफिकेशन के जरिए इस बात की जानकारी दे सकता है कि उनके पासवर्ड्स किसी ने इस गड़बड़ के चलते देखे हों।
फेसबुक सिक्योरिटी को लेकर यह गड़बड़ तब सामने आई है जब फेसबुक पहले से ही डेटा प्राइवेसी को लेकर सवालों में है। यह गड़बड़ फेसबुक के 'हैकर वे' मंत्र से बिल्कुल अलग है जिसका जिक्र कंपनी के सीईओ मार्क जकरबर्ग ने हाल ही में किया था। ऐसे में यह खुलासा न केवल कंपनी की विश्वसनीयता पर सवाल उठाता है बल्कि यूजर्स के मन में अपनी डेटा प्राइवेसी की सुरक्षा को लेकर शंका पैदा करता है।