UIDAI ने 50 करोड़ ग्राहकों के मोबाइल बंद होने की खबर का किया खंडन, कहा- पूरी तरह अफवाह है ये
By धीरज पाल | Published: October 18, 2018 10:51 AM2018-10-18T10:51:07+5:302018-10-18T10:51:07+5:30
मीडिया रिपोट्स के मुताबिक आधार वेरिफिकेशन के जरिए लिए गए इन सिम कार्ड को अगर किसी दूसरे आइडेंटिफिकेशन प्रक्रिया का बैकअप नहीं मिला, तो ये डिसकनेक्ट हो जाएंगे।
दूरसंचार विभाग और भारतीय विशिष्ट पहचान प्राधिकरण ने केवाईसी की नई व्यवस्था द्वारा 50 करोड़ मोबाइल करनेक्शन प्राभावित की खबरों का खंडन किया है। यूआईडीएआई और दूरसंचार विभाग ने खंडन करते हुए कहा कि मीडिया में कुछ रिपोर्टें के मुताबिक 50 करोड़ मोबाइल फोन जो कुल मोबाइल का लगभग आधा हिस्से को डिस्कनेक्शन का खतरे से संबंधित खबरें पूरी तरह से असत्य और काल्पनिक हैं।
बता दें कि इससे खबरें थी कि आधार वेरिफिकेशन के जरिए लिए गए इन सिम कार्ड को अगर किसी दूसरे आइडेंटिफिकेशन प्रक्रिया का बैकअप नहीं मिला, तो ये डिसकनेक्ट हो जाएंगे। यानी मोबाइल यूजर्स ने टेलीकॉम कंपनियों को आधार के साथ अगर दूसरा कोई डॉक्यूमेंट नहीं दिया है, तो उनका नंबर बंद हो सकता है। एएनआई न्यूज एजेंसी के मुताबिक दूरसंचार विभाग और भारतीय विशिष्ट पहचान प्राधिकरण ने इसका खंडन किया है। उन्होंने कहा है कि यह पूरी तरह से अफवाह और झूठी खबर है।
Department of Telecommunications & Unique Identification Authority of India (UIDAI) in a joint statement today clarified that a few reports in media that 50 Cr mobile no, almost half of total mobiles in circulation, are at risk of disconnection, are completely untrue & imaginary
— ANI (@ANI) October 18, 2018
बता दें कि कोर्ट ने किसी प्राइवेट कंपनी को किसी व्यक्ति के यूनिक आईडी का इस्तेमाल ऑथेंटिकेशन के लिए करने पर रोक लगाई है। इस फैसले का असर बड़ी संख्या में लोगों पर पड़ेगा, जिसके देखते हुए सरकार इस पर हाई लेवल की चर्चा कर रही है।
टेलीकॉम आयोग की बैठक के बाद दूरसंचार सचिव सुंदराराजन ने आधार का प्रयोग बंद होने पर दोबारा से सत्यापन कराने के मसले पर कहा, अगर ऐसा हुआ तो भी ग्राहकों के लिए सेवाएं प्रभावित नहीं होगी। दूरसंचार कंपनियों ने यूआईडीएआई को इस संबंध में अपनी योजना सौंप दी है।