बीएसएनएल को 4जी और 5जी स्पेक्ट्रम आवंटित कर नई जान डालने की कोशिश, 89047 करोड़ रुपये का पैकेज मंजूर, केंद्रीय मंत्रिमंडल का बड़ा फैसला
By लोकमत न्यूज़ डेस्क | Published: June 7, 2023 05:20 PM2023-06-07T17:20:08+5:302023-06-07T17:21:07+5:30
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में बुधवार को हुई केंद्रीय मंत्रिमंडल की बैठक में बीएसएनएल के लिए तीसरे पुनरुद्धार पैकेज को मंजूरी दी गई।

पैकेज का इस्तेमाल कर बीएसएनएल को 4जी एवं 5जी स्पेक्ट्रम आवंटित किए जाएंगे।
नई दिल्लीः केंद्रीय मंत्रिमंडल ने सार्वजनिक क्षेत्र की दूरसंचार कंपनी बीएसएनएल को 4जी एवं 5जी स्पेक्ट्रम आवंटित कर उसमें नई जान डालने के लिए 89,047 करोड़ रुपये आवंटित करने की मंजूरी दी है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में बुधवार को हुई केंद्रीय मंत्रिमंडल की बैठक में बीएसएनएल के लिए तीसरे पुनरुद्धार पैकेज को मंजूरी दी गई।
इसके तहत बीएसएनएल के लिए कुल 89,047 करोड़ रुपये आवंटित किए गए हैं। सरकार की तरफ से जारी एक बयान के मुताबिक, इस पैकेज का इस्तेमाल कर बीएसएनएल को 4जी एवं 5जी स्पेक्ट्रम आवंटित किए जाएंगे। नया पुनरुद्धार पैकेज मिलने के बाद बीएसएनएल का अधिकृत पूंजी आधार 1,50,000 करोड़ रुपये से बढ़कर 2,10,000 करोड़ रुपये हो जाएगा।
मुश्किलों से घिरी सार्वजनिक दूरसंचार कंपनी बीएसएनएल में नई जान फूंकने के लिए सरकार की तरफ से पहले भी राहत पैकेज दिए जा चुके हैं। अब उसे 4जी एवं 5जी स्पेक्ट्रम से लैस कर दूरसंचार प्रतिस्पर्द्धा के लायक बनाने की कोशिश की जा रही है।
इस पैकेज के तहत बीएसएनएल को 46,338.6 करोड़ रुपये मूल्य का 700 मेगाहर्ट्ज बैंड स्पेक्ट्रम, 26,184.2 करोड़ रुपये मूल्य का 3300 मेगाहर्ट्ज बैंड, 6,564.93 करोड़ रुपये मूल्य का 26 गीगाहर्ट्ज बैंड और 9,428.2 करोड़ रुपये मूल्य का 2500 मेगाहर्ट्ज बैंड स्पेक्ट्रम आवंटित किया जाएगा। इसके अलावा विभिन्न मद में 531.89 करोड़ रुपये भी आवंटित किए गए हैं।
सरकार ने कोयला एवं लिग्नाइट खोज योजना के लिए 2,980 करोड़ रुपये मंजूर किए
सरकार ने 2,980 करोड़ रुपये के अनुमानित खर्च के साथ केंद्रीय क्षेत्र की 'कोयला और लिग्नाइट खोज' योजना को जारी रखने की मंजूरी दे दी है। आर्थिक मामलों की मंत्रिमंडलीय समिति (सीसीईए) की बुधवार को हुई बैठक में इस विस्तार को मंजूरी दी गई। इस विस्तार की समय अवधि 2021-22 से वित्त वर्ष 2025-26 तक है, जो 15वें वित्त आयोग के कार्यकाल के अनुरूप है।
इसमें कहा गया है, ‘‘प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में हुई सीसीईए की बैठक में कोयला और लिग्नाइट खोज की केंद्रीय क्षेत्र योजना को 2021-22 से 2025-26 तक 2,980 करोड़ रुपये के अनुमानित व्यय के साथ जारी रखने की मंजूरी दी गई।
इस योजना के तहत कोयले और लिग्नाइट की खोज दो व्यापक चरणों में की जाती है: (i) प्रोत्साहन (क्षेत्रीय) के लिए खोज और (ii) गैर-कोल इंडिया लिमिटेड के ब्लॉकों में विस्तृत खोज। बयान में कहा गया है कि प्रोत्साहन (क्षेत्रीय) के लिए खोज पर 1,650 करोड़ रुपये और गैर-सीआईएल क्षेत्रों में विस्तृत ड्रिलिंग के लिए 1,330 करोड़ रुपये खर्च किए जाएंगे।
इसमें कहा गया है कि लगभग 1,300 वर्ग किलोमीटर का क्षेत्र, क्षेत्रीय अन्वेषण के दायरे में लिया जाएगा और लगभग 650 वर्ग किलोमीटर क्षेत्र विस्तृत खोज के दायरे में आएगा। देश में उपलब्ध कोयला संसाधनों को प्रमाणित करने और अनुमान लगाने के लिए कोयला और लिग्नाइट के लिए खोज जरूरी है।
यह कोयला खनन शुरू करने के लिए विस्तृत परियोजना रिपोर्ट तैयार करने में मदद करता है। इन खोज के माध्यम से तैयार की गई भूवैज्ञानिक रिपोर्ट का उपयोग नए कोयला ब्लॉकों की नीलामी के लिए किया जाता है, और उसके बाद सफल आवंटियों से लागत वसूल की जाती है।