स्मार्टफोन से निकलने वाली ब्लू लाइट बना सकती है अंधा, ये है बचाव का आसान तरीका
By रजनीश | Published: April 19, 2019 07:08 PM2019-04-19T19:08:01+5:302019-04-19T19:08:01+5:30
अगर युवावस्था में ही आपको आंखों में हल्की जलन या किसी अन्य तरह की परेशानी महसूस होती है तो यह ठीक न हो सकने वाले अंधेपन का लक्षण भी हो सकता है।
एक समय था जब फोन का इस्तेमाल बात करने से ज्यादा कुछ नहीं था। अब जब स्मार्टफोन्स का दौर है तो लोग घंटों फोन की स्क्रीन पर आंख गड़ाए रहते हैं। कोई वीडियो देख रहा है, कोई फेसबुक, वाट्सऐप, इंस्ट्राग्राम, ट्वीटर आदि पर घंटो बिता रहा है। बच्चे गेम खेलने में बिजी हैं। ऐसे में गर्दन और आंखों पर इसका सबसे ज्यादा बुरा असर पड़ रहा है। आंखों की बात करें तो एक स्टडी में पता चला है कि यह यूजर्स को अंधा बनाने के स्तर तक खतरनाक है। लेकिन कुछ जरूरी बातें हैं जिनको ध्यान में रखकर स्मार्टफोन से आंखों को होने वाले खतरे को कम किया जा सकता है...
स्क्रीन वाले डिवाइसेज से नीली रोशनी निकलती है। यूनिवर्सिटी ऑफ टॉलेडो की एक रिसर्च के अनुसार इस नीली रोशनी से रेटिना सेल्स को नुकसान पहुंचता है। रिसर्च से साबित हुआ कि लगातार नीली रोशनी का इफेक्ट आंखों पर जोर डालता है। इसके अलावा किसी व्यक्ति के 50 साल का होने तक उसमें अंधापन भी देखने को मिल सकता है।
अगर युवावस्था में ही आपको आंखों में हल्की जलन महसूस होती है तो यह ठीक न हो सकने वाले अंधेपन का लक्षण भी हो सकता है। इससे बचाव के लिए आप स्मार्टफोन में ब्लू लाइट फिल्टर या नाइट मोड ऑप्शन को ऑन कर सकते हैं। इस फीचर से ब्लू लाइट्स स्क्रीन से बाहर नहीं आती।
लगभग सभी स्मार्टफोन में ये फीचर दिया जाता है। अगर आपके फोन में ये फीचर नहीं है तो प्लेस्टोर या ऐपस्टोर पर कई ऐसे ऐप हैं जिन्हें डाउनलोड कर इस्तेमाल कर सकते हैं।
नाइट मोड ऑप्शन से आपके ऑखों पर जोर कम पड़ता है औऱ वह ब्लू लाइट इफेक्ट को भी काफी हद तक कम कर देता है। इससे आप अपनी आंखों को बचा सकेंगे।
यदि आपको लंबे समय से आंखों में कोई परेशानी समझ में आ रही है तो कुछ दिन के लिए फोन का इस्तेमाल कम करके देखें। शायद राहत महसूस हो। अगर फिर भी राहत नहीं समझ आती तो डॉक्टर से सलाह लें।