amarnath yatra 2020: जम्मू-कश्मीर के कई जिलों में वीकेंड लॉकडाउन लागू कर दिया गया है। कई कस्बों और तहसीलों में 6 दिनों का पूर्ण लॉकडाउन है। कई मुहल्ले और बस्तियां एक बार फिर रेड जोन में डाल दी गई हैं। एक तरह से समूचा जम्मू-कश्मीर पूर्ण लाकडाउन की ओर बढ़ रहा है, ऐसे में लाख टके का सवाल यह है कि इस खतरे के बीच क्या अमरनाथ यात्रा संपन्न हो पाएगी।
जमीनी तौर पर अमरनाथ यात्रा की तैयारियां जारी हैं। हालांकि इन तैयारियों को देख लगता नहीं है प्रशासन वाकई अमरनाथ यात्रा को संपन्न करवाने के प्रति गंभीर हो। जम्मू से लेकर अमरनाथ गुफा तक की जाने वाली तैयारियां ऊपरी तौर पर ही लगती हैं। दरअसल पिछले एक महीने से अमरनाथ यात्रा श्राइन बोर्ड के नाम पर यह हौव्वा बनाया जा चुका है कि श्राइन बोर्ड 21 जुलाई से 14 दिनों की अमरनाथ यात्रा को संपन्न करवा सकता है। जम्मू कश्मीर हाईकोर्ट भी गेंद श्राइन बोर्ड के पाले में डाल चुका है।
अब जबकि 20 जुलाई हो चुकी है और अब श्राइन बोर्ड कल यानि 21 जुलाई को अपने सभी सदस्यों के साथ वीडियो कांफ्रेंसिंग के माध्यम से अहम बैठक कर यात्रा के प्रति फैसला करने जा रहा है, पर श्राइन बोर्ड के सूत्र कहते थे कि कोरोना के बढ़ते हुए खतरे के बीच अमरनाथ यात्रा करवा पाना संभव नहीं लग रहा है।इतना जरूर था कि चाहे यात्रा के प्रति कोई फैसला अभी नहीं हुआ हो पर देशभर के भक्तों की बाबा बर्फानी के प्रति आस्था चरम पर है।आधार शिविर भगवती नगर में रांची, झारखंड से पहुंचे श्रदालुओं के एक दल ने भोलेनाथ के जमकर जयघोष लगाए।
बाबा के दर्शन के लिए पहुंचे इस दल के सदस्यों ने कहा कि वे भोले के दरबार में हाजिरी देकर देश में कोविड त्रासदी के जल्द खत्म होने के लिए प्रार्थना करेंगे।रांची से दल के साथ आए दीपक चौधरी 11वीं बार बाबा बर्फानी के दर्शन के लिए पहुंचे हैं। उन्होंने कहा कि उनकी लखनपुर में स्क्रीनिंग हुई है जिसके बाद उन्हें आगे भेजा गया। हर साल डेढ़ सौ के करीब दल आता था, लेकिन इस बार कोविड संकट के चलते 6 ही सदस्य पहुंचे हैं।