लाइव न्यूज़ :

सोमवार विशेष: जब सूर्य देव को झेलना पड़ा था भगवान शिव का गुस्सा, पूरी सृष्टि में छा गया था अंधकार! पढ़िए रोचक कथा

By मेघना वर्मा | Updated: April 6, 2020 08:42 IST

भगवान शिव की पूजा के लिए सोमवार को भक्त पूरी श्रद्धा के साथ उपासना करते हैं। भगवान शिव के खुश होने की कई कहानियां आपने शास्त्रों में सुनी होंगी मगर शिव शम्भु के रूद्र होने की कहानी भी शास्त्रों में मिलती है।

Open in App
ठळक मुद्देजब भगवान शंकर का क्रोध शांत हुआ तो उन्होंने देखा कि पूरी दुनिया में अंधेरे से हाहाकार मचा है। माली-सुमाली की बात सुनकर शिव इतने क्रोधित हुए कि उन्होंने कश्यप नंदन सूर्य पर अपने त्रिशूल से प्रहार कर दिया।

भगवान शिव, अपने भोले स्वरूप के लिए जाने जाते हैं। मान्यता है कि शिव बहुत जल्दी खुश भी हो जाते हैं और बहुत जल्दी क्रोधित भी। अपने भक्तों से अगर वो प्रसन्न हो जाएं तो उनकी हर इच्छा को पूरी कर देते हैं मगर यदि वो किसी से क्रोधित हो जाएं तो विनाश तय होता है।

भगवान शिव की पूजा के लिए सोमवार को भक्त पूरी श्रद्धा के साथ उपासना करते हैं। भगवान शिव के खुश होने की कई कहानियां आपने शास्त्रों में सुनी होंगी मगर शिव शम्भु के रूद्र होने की कहानी भी शास्त्रों में मिलती है। ब्रह्मवैवर्त पुराण की एक ऐसी ही कथा आज हम आपको बताने जा रहे हैं जिसमें भगवान सूर्य को शिव जी के कोप का शिकार होना पड़ा था।

आइए आप भी जानिए क्या है इसकी पौराणिक कथा-

जब शिव के शरण में पहुंचे माली-सुमाली

भगवान शिव के पास उनके भक्तों के अलावा, दैत्य, देवता भी चले जाएं तो उन्हें भोले अपनी शरण में ले लेते हैं। बिना किसी भेदभाव के वो हर पर अपनी कृपा करते हैं। प्राचीन कहानी के अनुसार एक बार दैत्य माली और सुमाली भी भगवान शिव के चरणों में अपनी पुकार लेकर पहुंचे। दोनों ही गंभीर शारीरिक पीड़ा में थे। सूर्य देव की अवहेलना से उन्हें इस व्याधि से मुक्ति नहीं मिल रही थी। इसलिए उन्होंने भोलेनाथ की शरण में जगह ली।

सूर्य देव पर कर दिया हमला

माली-सुमाली की बात सुनकर शिव इतने क्रोधित हुए कि उन्होंने कश्यप नंदन सूर्य पर अपने त्रिशूल से प्रहार कर दिया। संपूर्ण लोकों को प्रकाशित करने वाले सूर्य उस समय अपने घोड़ों पर विराजमान थे। ये प्रहार वो सह नहीं पाए और अपने रथ से नीचे गिर कर अचेत हो गए। ब्रह्मवैवर्त पुराण के अनुसार उस समय पूरी सृष्टी में अंधकार हो गया। कहीं रोशनी नहीं बची।

जब ऋषि कश्यप ने दिया भगवान शिव को श्राप

पूरे जगत में जब अंधियारा छा गया तो सूर्य देव के पिता ऋषि कश्यप को अपने पुत्र की चिंता हुई। जब उन्हें पता चला कि भगवान शिव ने उनके पुत्र सूर्य पर हमला किया है तो उन्होंने भगवान शिव को श्राप दे दिया। उन्होंने कहा कि जिस तरह वो इस सिय अपने बेटे की हालत देखकर दुखी हो रहे हैं उस तरह भगवान शिव भी को भी अपने पुत्र की हालत देखकर दुख झेलना पड़ेगा।

भोले ने ऐसे दिया सूर्य को जीवनदान

जब भगवान शंकर का क्रोध शांत हुआ तो उन्होंने देखा कि पूरी दुनिया में अंधेरे से हाहाकार मचा है। तब उन्होंने सूर्य देव को जीवनदान दिया। उसी समय शिव को ऋषि कश्यप और उनके श्राप के बारे में पता चला। तभी उन्होंने सभी का त्याग करने का निश्चय किया। 

इसे सुन ब्रह्माजी भगवान सूर्य के पास पहुंचे। उन्होंने सारा कार्यभार ब्रह्मा जी को सौंपा। उसके बाद ब्रह्मा जी, ऋषि कश्यप और भगवान शिव ने सूर्य को आशीर्वाद दिया।

टॅग्स :भगवान शिवसूर्य
Open in App

संबंधित खबरें

क्रिकेटVIDEO: सूर्यकुमार यादव पत्नी के साथ महाकालेश्वर मंदिर पहुंचे और दर्शन किए, देखें वीडियो

पूजा पाठKarwa Chauth 2025: सरगी करने का सही समय क्या? जानें करवा चौथ व्रत के दौरान क्या करें, क्या न करें

पूजा पाठKarwa Chauth 2025: पहली बार किसने रखा था करवा चौथ का व्रत, कैसे हुई इसकी शुरुआत? जानें यहां

पूजा पाठShardiya Navratri 2025: तन, मन और आत्मा के जागरण का पर्व, धर्म, भक्ति, शक्ति और स्वास्थ्य

भारतSolar Eclipse Today: आज है सूर्य ग्रहण, जानें भारत में दिखाई देगा या नहीं, क्या है टाइमिंग और सूतक क

पूजा पाठ अधिक खबरें

पूजा पाठसभ्यता-संस्कृति का संगम काशी तमिल संगमम

पूजा पाठAaj Ka Rashifal 06 December 2025: आज आर्थिक पक्ष मजबूत, धन कमाने के खुलेंगे नए रास्ते, पढ़ें दैनिक राशिफल

पूजा पाठPanchang 06 December 2025: जानें आज कब से कब तक है राहुकाल और अभिजीत मुहूर्त का समय

पूजा पाठAaj Ka Rashifal 05 December 2025: आज 4 राशिवालों पर किस्मत मेहरबान, हर काम में मिलेगी कामयाबी

पूजा पाठPanchang 05 December 2025: जानें आज कब से कब तक है राहुकाल और अभिजीत मुहूर्त का समय