हिन्दू धर्म में कुंडली को अत्यधिक महत्व दिया जाता है। शादी हो या नौकरी, बच्चे के जन्म का समय हो या उसके किसी अन्य कार्य, कुंडली का हर जगह उपयोग किया जाता है। वहीं ज्योतिष शास्त्र के अनुसार इंसान की कुंडली पर अगर कालसर्प दोष होता है तो उसके पूरे जीवन पर इसका असर पड़ता है। काल सर्प दोष के कारण इंसान की जिंदगी में हमेशा परेशानी होती है।
कुंडली में काल सर्प दोष होने की वजह से कुंडली में मौजूद शुभ ग्रह भी शुभ फल नहीं देते। मगर बहुत से लोग ऐसे होते हैं जिन्हें समझ ही नहीं आता कि उनकी कुंडली में काल सर्प दोष है या नहीं। आइए आज आपको बताते हैं काल सर्प दोष क्या होता है और उसके क्या है लक्षण और क्या है इसके उपाय।
ऐसे बनता है काल सर्प दोष
कुंडली में जब राहु और केतु आमने-सामने होते हैं तो सारे ग्रह एक तरफ रहते हैं इसे ही काल सर्प दोष कहा जाता है। ज्योतिष शास्त्र के अनुसार कुंडली के भावों में सारे ग्रह दाहिनी ओर हों तो यह कालसर्प योग नुकसानदायक नहीं होता। कालसर्प दोष के 12 प्रकार बताए गए हैं। अनंत, कुलिक, वासुकि, शंखपाल, पद्म, महापद्म, तक्षक, कर्कोटक, शंखनाद, घातक, विषाक्त और शेषनाग।
ऐसे होते हैं कालसर्प दोष के लक्षण
कुंडली में कालसर्प दोष है तो व्यक्ति को राहू केतु और सांप के बुरे सपने दिखाई देते हैं। अगर आपको बार-बार मृत्यु के सपने आते हैं। बहुत अधिक मेहनत के बाद भी अगर आप सफल नहीं हो पा रहे हैं। ज्योतिष शास्त्र के अनुसार काल सर्प दोष से पीड़ित व्यक्ति को लगभग 42 साल या उतनी उम्र के बाद ही सफलता मिलती है। स्वास्थ्य सही नहीं रहता। हर चीज में हानि होती है। विवाह से लेकर संतान सुख प्राप्त करने में भी बाधा आती है।
काल सर्प दोष के उपाय
अगर आपकी कुंडली में काल सर्प दोष है तो नियमित रूप से भगवान विष्णु की उपासना करना चाहिए। शनिवार के दिन बहते हुए जल में कोयले के टुकड़ो को प्रवाहित करने से भी काल सर्प दोष दूर होता है। आप अपने ज्योतिष से मिलकर भी इसका उपाय निकाल सकते हैं।
वैसे तो साल सर्प दोष वालों को गोमेद या फिर चांदी की धातु से बनी नाग की आकृति की अगूंठी धारण करना भी फायदेमंद होता है मगर फिर भी अपने ज्योतिष से पूछे बिना कोई धातु ना पहनें। राहु-केतु का जप और अनुष्ठान करवाने से भी ये दोष खत्म होता है।