Vaishakh Amawasya 2020: इस दिन है वैशाख अमावस्या, इसी दिन मनाई जाएगी शनि जयंती-जानिए खास बातें
By मेघना वर्मा | Published: April 20, 2020 12:09 PM2020-04-20T12:09:33+5:302020-04-20T12:09:33+5:30
अमावस्या के दिन पितरों का तर्पण, श्राद्ध कर्म , दान पुण्य और पवित्र नदियों में स्नान किया जाना चाहिए है।
सनातन धर्म में अमावस्या को बेहद महत्वपूर्ण माना जाता है। पंचांग के अनुसार हर महीने शुक्ल और कृष्ण पक्ष में अमावस्या और पूर्णिमा आती है। जब शुक्ल पक्ष होता है तो उस दौरान चंद्रमा बढ़ता जबकि कृष्ण पक्ष में चंद्रमा का आकार धीरे-धीरे घटने लगता है।
पूर्णिमा पर चांद पूरी तरह से चमकदार होता है जबकि अमावस्या पर चांद पूरी तरह से आकाश से गायब हो जाता है। 15 दिनों के अंतराल में चांद की सोलह कलाएं घटती और बढ़ती हैं। इस वैशाख माह में ये अमावस्या, 22 अप्रैल को पड़ रही है।
माना जाता है कि अमावस्या के दिन पितरों का तर्पण, श्राद्ध कर्म , दान पुण्य और पवित्र नदियों में स्नान किया जाना चाहिए है। ज्योतिष के अनुसार जब सूर्य और चंद्रमा एक ही राशि में आ जाते है तो उस तिथि को अमावस्या पड़ती है। सूर्य इस समय मेष राशि में है और चंद्रमा 22 अप्रैल को मीन राशि को छोड़कर मेष राशि में गोचर करेगा।
वैशाख अमावस्या मुहूर्त-
22 अप्रैल 2020-
अमावस्या आरम्भ - 05 बजकर 39 मिनट से
अमावस्या समाप्त - - 07 बजकर 57 मिनट पर
अमावस्या की पूजा विधि
1. अमावस्या के दिन सुबह जल्दी उठें।
2. इस दिन ब्रह्म मुहूर्त में किसी पवित्र नदी में स्नान करें।
3. लॉकडाउन के चलते ऐसा संभव नहीं तो अपने नहाने के पानी में गंगाजल मिला लें।
4. सूर्योदय के समय भगवान सूर्यदेव को जल का अर्घ्य दें।
5. इस दिन कर्मकांड के साथ अपने पितरों का तर्पण करें।
6. पितरों की आत्मा की शांति के लिए व्रत रखें।
7. जरूरतमंदों को दान-दक्षिणा दें।
8. ब्राह्मणों को भोजन कराएं।
आइए आपको बताते हैं अमावस्या से जुड़ी कुछ रोचक बातें-
1. अमावस्या के दिन किसी पवित्र नदी या जलाशय में स्नान करके सूर्य को अर्घ्य देना शुभ माना जाता है। मगर इस बार लॉकडाउन के चलते ऐसा करना संभव नहीं है। इसलिए एक पात्र में जल लेकर उसमें काले तिल मिलाएं और पित्रों का तर्पण करें।
2. अमावस्या के दिन आप गरीबों को या जरूरत मंदों को दान जरूर करें।
3. वैशाख की अमावस्या के दिन शनि जयंती भी मनाई जाती है। इसलिए इस दिन आप शनि देव की पूजा भी करें। उन्हें तिल और फूल अर्पित करें।
4. वैशाख की अमावस्या में पित्रों की कृपा पाने के लिए सूर्यास्त के बाद सरसों के तेल का एक दीपक जलाना चाहिए।