हिन्दू धर्म के चारधामों में एक बदरीनाथ के कपाट आज (15 मई) सुबह ब्रह्म मुहूर्त 4 बजकर 30 मिनट पर खोला गया। इस साल लॉकडाउन के चलते लगातार बद्रीनाथ के कपाट खोलने की तारीख को आगे बढ़ाया जा रहा था। वहीं उत्तराखंड में ही स्थित चार धाम गंगोत्री, यमुनोत्री और केदानाथ के कपाट भी खोल दिए गए हैं।
बद्रीनाथ के कपाट के खुलने के समय मंदिर के मुख्य पुजारी (रावल) समेत केवल 11 लोग ही मंदिर में मौजूद रहे। ऐसा पहली बार हुआ कि मंदिर में बिना श्रद्धालुओं के कपाट खोले गए।
शुक्रवार को शुभ मुहूर्त देखकर बद्रीनाथ के कपाट खोले गए हैं। सुबह 4 बजकर 30 मिनट पर बद्रीनाथ भगवान का अभिषेक किया गया। बुधवार को पुजारी जोशीमठ नरसिंह मंदिर में पूजा के बाद आदिगुरु शंकराचार्य की गद्दी तथा गाडू घड़ा को साथ लेकर योगध्यान मंदिर पांडुकेश्वर पहुंचे थे।
शुरू हुई थी प्रक्रिया
लॉकडाउन और कोरोना के बीच बुधवार से ही बद्रीनाथ के कपाट खुलने की तैयारी शुरू हो गई थी। गुरुवार को आदिगुरू शंकराचार्य की गद्दी समेत उद्धव और कुबेर के विग्रहों के साथ योगध्यान बदरी मंदिर पांडुकेश्वर से बदरीनाथ धाम को रवाना हुई। बद्रीनाथ पहुंचकर भगवान बदरी विशाल के जन्मस्थान लीला ढूंगी में पूजारियों की तरफ से पूजा-अर्चना की गई। वहीं बहुत सारे विशेष कार्यक्रमों को लॉकडाउन के चलते आयोजित नहीं किया गया।
20 मई को खुलेंगे तुंगनाथ जी के कपाट
इससे पहले 29 अप्रैल को केदारनाथ के कपाट खोले गए। गंगोत्री-यमुनोत्री धाम के कपाट भी 26 अप्रैल को खुल गए हैं। जबकी दूसरे केदार जी के कपाट 11 मई को खुले। तीसरे केदार यानी तुंगनाथ जी के कपाट 20 मई को खुलेंगे। वहीं चौथे केदार रुद्रनाथ जी के कपाट 18 मई को खुलेंगे।