तिथियों में सर्वश्रेष्ठ तिथि एकादशी बताई गई है। हिन्दू धर्म में इसकी मान्यता भी सबसे अधिक है। हर महीने में दो बार एकादशी आती है। कहते हैं एकादशी का व्रत रखने से श्रीहरि प्रसन्न हो जाते हैं। मार्गशीर्ष महीने की कृष्ण पक्ष में आने वाली एकादशी को भी काफी महत्तपूर्ण बताया गया है। इसे उत्पन्ना एकादशी भी कहते हैं।
इस साल उत्पन्ना एकादशी 22 नवंबर को पड़ रही है। इस एकादशी को भगवान विष्णु और मां लक्ष्मी की पूजा की जाती है। माना जाता है कि इस दिन जो जातक मन से भगवान विष्णु की पूजा कर लेता है उसके सारे पाप कट जाते हैं। वहीं कुछ ऐसी बातें भी हैं जिन्हें उत्पन्ना एकादशी के दिन करने की मनाही होती है। आइए आपको बताते हैं कुछ ऐसे ही चीजें जिन्हें उत्पन्ना एकादशी के दिन आपको नहीं करना चाहिए।
उत्पन्ना एकादशी का शुभ मुहूर्त
उत्पन्ना एकादशी तिथि- 22 नवंबरएकादशी तिथि प्रारंभ - 09:01 AM सेएकादशी तिथि समाप्त - 06:24 AM तक
उत्पन्ना एकादशी पर भूलकर भी ना करें ये काम
1. उत्पन्ना एकादशी वाले दिन चाव का सेवन ना करें। शास्त्रों में बताया गया है कि इस दिन चावल खाने से पाप के भागी बनते हैं।
2. उत्पन्ना एकादशी वाले दिन किसी दूसरे के घर का भोजन या किसी दूसरे के घर का दिया हुआ खाना ना खाएं। इससे आपकी पूजा का फल आपको नहीं मिलेगा।
3. उत्पन्ना एकादशी के दिन अगर आप व्रत नहीं भी हैं तब भी किसी भी तरह का तामसिक आहार यानी मांस, लहसुन, प्याज, मसूर की दाल आदि ग्रहण ना करें।
4. एकादशी के दिन भगवान विष्णु को पान चढ़ाए। मगर भूलकर भी उस पान का सेवन ना करें ऐसा करना अपशगुन होता है।
5. उत्पन्ना एकादशी से पहले ही घर में झाड़ू लगाकर साफ-सफाई करले। व्रत वाले दिन घर में झाड़ू कतई ना चलाएं।