सावन के चौथे और अंतिम सोमवार भगवान श्री महाकाल ने चार रूपों में दिया श्रद्धालुओं को आशीर्वाद, तस्वीर से लें दर्शन
By बृजेश परमार | Published: August 13, 2019 06:30 AM2019-08-13T06:30:30+5:302019-08-13T06:30:30+5:30
भगवान श्री महाकालेश्वर पालकी में श्री चन्द्रमोलेश्वर, हाथी पर श्री मनमहेश, बैलगाडी पर गरूड पर शिवतांडव एवं बैल पर श्री उमा-महेश के स्वरूप में विराजमान होकर अपनी प्रजा का हाल जानने निकले।
श्रावण माह के चौथे एवं अंतिम सोमवार को परम्परानुसार श्री महाकालेश्वर भगवान की चौथी सवारी निकली।श्रद्धालुओं को भगवान के चार रूपों में दर्शन हुए, जिसमें भगवान श्री महाकालेश्वर पालकी में श्री चन्द्रमोलेश्वर, हाथी पर श्री मनमहेश, बैलगाडी पर गरूड पर शिवतांडव एवं बैल पर श्री उमा-महेश के स्वरूप में विराजमान होकर अपनी प्रजा का हाल जानने निकलेंगे।
अपरांन्ह 4 बजे मंदिर के सभा मंडप में भगवान के चंद्रमोलेश्वर स्वरूप का पूजन किया गया। इसके पश्चात रजत पालकी में सवार कर कहारों के साथ उपस्थित विशिष्ठजनों एवं श्रद्धालुओं ने पालकी को कांधा देकर नगर भ्रमण के लिए रवाना किया ।
पालकी में विराजित भगवान को सलामी (गार्ड ऑफ ऑनर) दिया गया
श्री महाकालेश्वर भगवान की सवारी निकलने के पूर्व मध्यप्रदेश शासन के लोकनिर्माण विभाग तथा उज्जैन जिले के प्रभारी मंत्री सज्जन सिंह वर्मा और लोक स्वास्थ्य तथा परिवार कल्याण विभाग मंत्री तुलसी सिलावट ने श्री महाकालेश्वर मंदिर के सभामंडप में भगवान श्री चन्द्रमोलेश्वर का पूजन-अर्चन किया । पूजा शासकीय पुजारी पं. घनश्याम शर्मा ने संपन्न कराई । पालकी जैसे ही मंदिर के मुख्य द्वार पर पहुंची वहां सशस्त्र पुलिस बल के जवानों ने पालकी में विराजित भगवान को सलामी (गार्ड ऑफ ऑनर) दी । उसके बाद सवारी परंपरागत मार्ग महाकाल चौराहा, गुदरी चौराहा, बक्षी बाजार और कहारवाडी से होती हुई रामघाट पहुंची।
मॉं क्षिप्रा के जल से भगवान का अभिषेक और पूजन किया गया
रामघाट पर पहुंचकर प्रभारी एवं लोक निर्माण तथा पर्यावरण मंत्री श्री सज्जनसिंह वर्मा ने मां शिप्रा का पूजन-अर्चन किया तथा चुनर ओढ़ाई। इसके बाद जैसे ही भगवान महाकालेश्वर की सवारी की पालकी रामघाट पहुंची, मॉं क्षिप्रा के जल से भगवान का अभिषेक और पूजन किया गया। पूजन पं.आशीष पुजारी एवं अन्य पुजारियों द्वारा करवाया गया। रामघाट पर पूजन एवं आरती में प्रभारी मंत्री सज्जनसिंह वर्मा, स्वास्थ्य मंत्री तुलसीराम सिलावट शामिल हुए। इसके बाद सवारी रामानुजकोट, मोढ की धर्मशाला, कार्तिक चौक खाती का मंदिर, सत्यनारायण मंदिर, ढाबा रोड, टंकी चौराहा, छत्री चौक, गोपाल मंदिर, पटनी बाजार और गुदरी बाजार से होती हुई पुन: श्री महाकालेश्वर मंदिर की ओर रवाना हुई।
नगरीय विकास मंत्री श्री सिंह भस्मार्ती में शामिल हुए
मध्यप्रदेश शासन के नगरीय विकास एवं आवास विभाग मंत्री जयवर्धन सिंह श्रावण के अंतिम सोमवार को भगवान श्री महकालेश्वर की भस्मार्ती में शामिल हुए। भस्मार्ती के पश्चात मंत्री श्री सिंह ने भगवान श्री महाकालेश्वर का पूजन-अर्चन और अभिषेक किया।पूजन श्री महाकालेश्वर मंदिर प्रबंध समिति के सदस्य एवं पुजारी श्री आशीष शर्मा ने संपन्न कराया। श्रावण मास के अंतिम सोमवार को ब्रह्म मुहूर्त में होने वाली भगवान श्री महाकालेश्वर की भस्मार्ती में श्रद्धालुओं का उत्साह देखते ही बनता था। जैसे ही भगवान श्री महाकालेश्वर को भोग लगाने के पश्चात झांझ और मंजीरे के वादन के साथ उनकी आरती प्रारंभ हुई, पूरा मंदिर परिसर जय श्री महाकाल, भोले शंभू भोलेनाथ की जय-जयकार से गूंज उठा।