तुलसी के पौधे को वैज्ञानिक और आध्यात्मिक दोनों ही रूप से सबसे ज्यादा महत्वपूर्ण बताया गया है। मान्यता है कि तुलसी का पौधा भगवान विष्णु के बेहद करीब है। शायद इसीलिए हिन्दू धर्म में तुलसी की पूजा को भी सबसे अधिक महत्ता दी जाती है। इस साल तुलसी विवाह 9 नवंबर को पड़ रहा है। मान्यता है कि जिस घर में तुलसी का वास होता है वहां कभी किसी तरह का क्लेष नहीं होता।
आपको उत्तर भारत के लगभग हर घर के आंगन में तुलसी का पौधा दिख जाएगा। वहीं कार्तिक माह में तुलसी विवाह को भी हिन्दू धर्म में विशेष महत्व बताया गया है। हिन्दू धर्म के अनुसार तुलसी का विवाह शालिग्राम से करवाया जाता है जो भगवान विष्णु के अवतार हैं।
कब है तुलसी विवाह
तुलसी विवाह 2019 तिथि- 9 नवंबर 2019 तुलसी विवाह 2019 द्वादशी तिथि प्रारंभ- दोपहर 12 बजकर 24 मिनट से (8 नवंबर 2019) द्वादशी तिथि अंत- दोपहर 2 बजकर 39 मिनट से (9 नवंबर 2019)
तुलसी जी की आरती
जय जय तुलसी माता, मईया जै तुलसी मातासब जग की सुख दाता, वर दाताजय जय तुलसी माता ।।सब योगों के ऊपर, सब रोगों के ऊपररुज से रक्षा करके भव त्राताजय जय तुलसी माता।।बटु पुत्री हे श्यामा, सुर बल्ली हे ग्राम्याविष्णु प्रिये जो तुमको सेवे, सो नर तर जाताजय जय तुलसी माता ।।हरि के शीश विराजत, त्रिभुवन से हो वन्दितपतित जनो की तारिणी विख्याताजय जय तुलसी माता ।।लेकर जन्म विजन में, आई दिव्य भवन मेंमानवलोक तुम्ही से सुख संपति पाताजय जय तुलसी माता ।।हरि को तुम अति प्यारी, श्यामवरण तुम्हारीप्रेम अजब हैं उनका तुमसे कैसा नाताजय जय तुलसी माता ।।