राशिफल: इन 4 राशियों की किस्मत तय कर चुकी हैं मां लक्ष्मी, 11-12 मई को होगी धन वर्षा
By उस्मान | Published: May 10, 2019 04:54 PM2019-05-10T16:54:46+5:302019-05-10T17:06:27+5:30
Astrology or Rashifal in Hindi: अगले दो दिन कुछ राशियों पर उनकी विशेष कृपा बनी रहेगी। लेकिन इसके लिए आपको कुछ विशेष उपायो को ध्यान में रखकर उनके पूजा-अर्चना करनी होगी।
मां लक्ष्मी को धन, संपदा शांति और समृद्धि की देवी माना जाता है। मां लक्ष्मी के आठ रूप माने जाते हैं। हर मनुष्य की चाहत होती है कि उसे अपार धन की प्राप्ति हो, लेकिन यह धन आपको सिर्फ चाहने भर से नहीं मिल सकता। इसके लिए आपको मां लक्ष्मी को प्रसन्न करना बहुत जरूरी है। कहा जाता है कि माता अगर प्रसन्न हो, तो जातक को जीवन के हर सुख मिलते हैं। उसे दूसरों के सामने हाथ फैलाने के जरूरत नहीं पड़ती है।
वैसे तो मां लक्ष्मी की अपने हर भक्त पर कृपा बनी रहती है लेकिन शुद्ध मन से उनकी उपासना करने वालों पर उनकी असीम कृपा बरसती है। बेशक मां लक्ष्मी की पूजा अर्चना के लिए शुक्रवार का दिन शुभ माना जाता है लेकिन किसी भी वक्त सच्चे मन से उन्हें याद करने वालों की हर मनोकामना पूरी हो सकती है। अगले दो दिन कुछ राशियों पर उनकी विशेष कृपा बनी रहेगी। लेकिन इसके लिए आपको कुछ विशेष उपायो को ध्यान में रखकर उनके पूजा-अर्चना करनी होगी।
मेष, मकर, कुंभ और मीन हैं भाग्यशाली राशियां
अगर आप निवेश करने की योजना बना रहे हैं, तो पहले अच्छी तरह सोच विचार कर लें। बिना सोचे-समझे कोई निर्णय न लें। नौकरीपेशा लोगों को धन संबंधी खुशखबरी मिल सकती है। व्यापार में तरक्की होगी। आपके पारिवारिक वातावरण में सुधार आ सकता है। धार्मिक कार्यों में मन लगेगा। फिजूलखर्ची पर नियंत्रण रखें। आपका स्वास्थ्य सही रहेगा। अचानक कोई खुशखबरी मिल सकती है। धन से संबंधित मामलों में सावधान रहना होगा। किसी भी प्रकार के वाद-विवाद से दूर रहें। जीवनसाथी का पूरा सहयोग प्राप्त होगा।
मां लक्ष्मी को इन मंत्रों से करें खुश
रक्तचन्दनसम्मिश्रं पारिजातसमुद्भवम्।
मया दत्तं महालक्ष्मि चन्दनं प्रतिगृह्यताम्।।
ॐ महालक्ष्म्यै नमः रक्तचन्दनं समर्पयामि।
क्षीरसागरसम्भते दूर्वां स्वीकुरू सर्वदा।
ॐ महालक्ष्म्यै नमः दूर्वां समर्पयामि।।
अक्षताश्च सुरश्रेष्ठ कुंकुमाक्ताः सुशोभिताः।
मया निवेदिता भक्त्या गृहाण परमेश्वरि।।
ॐ महलक्ष्म्यै नमः। अक्षतान समर्पयामि।।
माल्यादीनि सुगन्धीनि मालत्यादीनि वै प्रभो।
ॐ मनसः काममाकूतिं वाचः सत्यमशीमहि।
ॐ महालक्ष्म्यै नमः पुष्पमालां समर्पयामि।।