Surya Grahan 2021: चंद्र ग्रहण के बाद अगले माह लगेगा सूर्य ग्रहण, तिथि, समय के साथ जानें सबकुछ
By रुस्तम राणा | Published: November 20, 2021 11:07 AM2021-11-20T11:07:27+5:302021-11-20T11:39:21+5:30
उपछाया चंद्र ग्रहण के बाद अब दिसंबर माह में सूर्य ग्रहण लगने जा रहा है। यह सूर्य ग्रहण माह की शुरूआत में लगेगा, जो इस साल का आखिरी सूर्य ग्रहण होगा, जो उपछाया रूप में लगेगा।
साल का आखिरी चंद्र ग्रहण कार्तिक पूर्णिमा के दिन समाप्त हो गया। इस उपछाया चंद्र ग्रहण के बाद अब दिसंबर माह में सूर्य ग्रहण लगने जा रहा है। यह सूर्य ग्रहण माह की शुरूआत में लगेगा, जो इस साल का आखिरी सूर्य ग्रहण होगा, जो उपछाया रूप में लगेगा। साल का पहला सूर्य ग्रहण 10 जून को लगा था। ज्योतिष और धार्मिक दृष्टिकोण से ग्रहण को एक अशुभ समयावधिक के रूप में देखा जाता है। ग्रहण के दौरान सूर्य ग्रह पीड़ित होकर दुर्बल अवस्था में होता है, जिसके फल शुभ-अशुभ दोनों रूप में हो सकते हैं।
कब लगेगा साल का आखिरी सूर्य ग्रहण?
सूर्य ग्रहण अमावस्या तिथि पर लगता है और साल का आखिरी सूर्य ग्रहण मार्गशीर्ष अमावस्या के दिन 4 दिसंबर 2021, शनिवार के दिन लगेगा।
ग्रहण का समय क्या रहेगा?
सूर्य ग्रहण 4 दिसंबर को सुबह 10 बजकर 59 मिनट पर शुरू हो जाएगा, जो लगभग चार घंटे बाद दोपहर 03 बजकर 07 मिनट पूरा होगा।
कहां-कहां दिखाई देगा सूर्य ग्रहण?
साल का आखिरी सूर्य ग्रहण अंटार्कटिका, दक्षिण अफ्रीका, ऑस्ट्रेलिया और दक्षिण अमेरिका में दिखाई पड़ेगा, इसे भारत में नहीं देखा जा सकेगा।
क्या सूतक काल मान्य होगा?
नही, मार्गशीर्ष अमावस्या के दिन लगने वाले सूर्यग्रहण का सूतक काल मान्य नहीं होगा। आंशिक या उपछाया ग्रहण में सूतक काल प्रभावी नहीं होता है। सूर्य ग्रहण में 12 घंटे पूर्व सूतक काल लग जाता है, जो ग्रहण समाप्ति के साथ खत्म होता है।
किस राशि में लगेगा ग्रहण?
साल का आखिरी सूर्य ग्रहण वृश्चिक राशि में लगेगा। ज्योतिषीय गणना के अनुसार, मार्गशीर्ष अमावस्या तिथि पर वृश्चिक राशि में चतुर्ग्रही योग बन रहा है। इस राशि में सूर्य, बुध, चंद्रमा और पाप ग्रह केतु विराजमान होंगे। वृश्चिक राशि के जातकों को सावधान रहना होगा।
सूर्य ग्रहण के दौरान बरतें सावधानियां
धार्मिक मान्यता के अनुसार, ग्रहण के दौरान कुछ विशेष बातों का ध्यान रखना आवश्यक होता है। सूतक काल में खाने-पकाने, पूजा-पाठ से परहेज करना चाहिए। इस दौरान मन में ईश्वर की आराधना करनी चाहिए। ग्रहण के बाद स्नान जरूर करें। पूरे घर में गंगाजल छिड़कर उसे शुद्ध करना चाहिए। इस अवधि में गर्भवती महिलाओं को विशेष सावधानी बरतने की सलाह दी जाती है।