ऐसे लोग सदैव मूर्ख कहलाते हैं, कहीं आप भी तो मूर्खों से घिरे नहीं?

By लोकमत समाचार हिंदी ब्यूरो | Updated: December 18, 2017 13:55 IST2017-12-18T13:52:07+5:302017-12-18T13:55:13+5:30

विदुर ने बताएं हैं मूर्खों के लक्षण। ऐसे लोगों ने बचकर रहना चाहिए...

Such people are always called fools, are not you even surrounded by fools? | ऐसे लोग सदैव मूर्ख कहलाते हैं, कहीं आप भी तो मूर्खों से घिरे नहीं?

ऐसे लोग सदैव मूर्ख कहलाते हैं, कहीं आप भी तो मूर्खों से घिरे नहीं?

बचपन से एक कहावत सुनते आ रहे हैं... 'मूर्खों के घर-गांव नहीं बसते, वे हमारे-आपके बीच ही होते हैं'। विदुर महाभारत के केन्द्रिय पात्रों में से एक हैं। वो हस्तिनापुर के प्रधानमंत्री, कौरवो और पांडवो के काका और धृतराष्ट्र एवं पाण्डु के भाई थे। विदुर को धर्मराज का अवतार भी माना जाता है। महाभारत कालीन विद्वान  विदुर ने मूर्खों के कुछ लक्षण बताए हैं। आप भी पढ़ लीजिए और ऐसे लोगों से बचकर रहने में ही भलाई है...

स्वयमर्थः यः परित्यज्य परार्थमनुतिष्ठति।
मिथ्या चरति मित्रार्थे यश्च मूढः स उच्यते।।

अर्थातः जो अपना कर्तव्य छोड़कर दूसरे के कर्तव्य का पालन करता है तथा मित्र के साथ असत् आचरण करता है। वह मूर्ख कहलाता है।

अनाहूतः प्रविशति अपृष्टो बहु भाषते।
अविश्वस्ते विश्वसिति मूढचेता नराधमः।।

अर्थातः मूर्ख मनुष्य बिना बुलाए ही भीतर चला आता है। बिना पूछे ही बहुत बोलता है। अविश्सनीय मनुष्यों पर भी विश्वास करता है। 

परं क्षिपति दोषेण वर्तमानः स्वयं तथा।
यश्च क्रुध्यत्यनीशानः स च मूढतमो नरः।।

अर्थातः स्वयं दोषयुक्त बर्ताव करते हुए भी जो दूसरेपर उसके दोष बताकर आक्षेप करता है। जो असमर्थ होते हुए भी व्यर्थ का क्रोध करता है। वह मनुष्य महामूर्ख है।

संसारयति कृत्यानि सर्वत्र विचिकित्सते।
चिरं कोरति क्षिप्रार्थे स मूढो भरतर्षभ।।

अर्थातः जो अपने कामों को व्यर्थ ही फैलाता है। सर्वत्र संदेश करता है तथा जल्दी होने वाले कामों में भी देर लगाता है। वह मूढ़ है।

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