Solar Eclipse 2020: शुभ नहीं है 18 साल बाद लगा यह सूर्य ग्रहण, जान लें ये जरूरी बातें
By गुणातीत ओझा | Published: June 11, 2020 05:41 PM2020-06-11T17:41:10+5:302020-06-21T12:37:16+5:30
आज देश इस साल के पहले और पूर्ण सूर्य ग्रहण को देख रहा है। इस ग्रहण का प्रभाव मिथुन राशि पर देखने को मिलेगा। आइये आपको बताते हैं कि ग्रहण काल के दौरान क्या करना है और क्या नहीं...
Surya Grahan 2020 (सूर्य ग्रहण २०२०:): इस महीने चंद्र ग्रहण के बाद अब सूर्य ग्रहण भी लग चुका है। यह सूर्य ग्रहण इस साल का पहला सूर्य ग्रहण है। इस सूर्य ग्रहण को रिंग ऑफ फॉयर भी कहा जा रहा है। विशेषज्ञों के मुताबिक 18 साल बाद लगा यह ग्रहण पूर्ण ग्रहण है। पूर्ण सूर्य ग्रहण के दौरान दिन में ही रात जैसा नजारा होता दिख रहा है। इस सूर्य ग्रहण में चांद सूर्य को लगभग पूरी तरह ढंक लेगा। जिससे सूर्य का किनारे का गोलाकर कुछ भाग दिखेगा, जिसे 'रिंग ऑफ फायर' कहा जाता है।
रिंग ऑफ फायर का यह नजारा कुछ सेकेंड से लेकर 12 मिनट तक देखा जा सकेगा। ज्योतिषिय दृष्टि से देखा जाए तो इस ग्रहण का सूतक काल 20 जून की रात 10 बजे से शुरू हो चुका है। सूर्य ग्रहण का मध्य 12 बजकर 24 मिनट दोपहर पर होगा। इस ग्रहण का सूतक 12 घंटे पहले लग चुका है। ग्रहण के समय खाना-पीना और पूजा करने की मनाही होगी।
आपको बता दें कि इससे पहले सूर्य ग्रहण 26 दिसंबर 2019 और 1 सितंबर 2016 और 15 जनवरी को इसी तरह का सूर्य ग्रहण दिख चुका है। यह ग्रहण सुबह सवा नौ बजे से शुरू हो गया है और दोपहर 3 बजे तक रहेगा। पूर्ण ग्रहण 10 बजकर 17 मिनट पर दृश्यमान हुआ। यह ग्रहण अफ्रीका, पाकिस्तान के दक्षिण भाग में, उत्तरी भारत और चीन में देखा जा रहा है।
आज का सूर्य ग्रहण मिथुन राशि में लगा है जिसे शुभ नहीं माना जाता है, क्योंकि कई ग्रहों की चाल इस दौरान उल्टी रहेगी। सूर्य ग्रहण पर धार्मिक अनुष्ठान और पूजा जप से राहत मिल सकती है। संबंधित ग्रहों के मंत्रों का जाप संकट से मुक्ति दिलाएगा।
मिथुन राशि के जातकों पर ग्रहण का होगा अधिक प्रभाव
मिथुन राशि के जातकों पर ग्रहण अधिक प्रभाव देखने को मिलेगा। इस दौरान मिथुन राशि के जातकों को संभलकर रहना होगा। ग्रहण के दौरान ग्रह पर ही रहें और सूर्य देव की उपासना करें। इससे आपके ऊपर ग्रहण का प्रभाव नहीं पड़ेगा।
कैसे लगता है सूर्य ग्रहण?
सूर्य ग्रहण एक खगोलीय घटना है। सरल शब्दों में कहें तो इस घटना के तहत जब चंद्रमा सूर्य और पृथ्वी के मध्य में आ जाता है जिससे सूर्य की किरणें पृथ्वी तक नहीं पहुँच पाती हैं। इस घटना को सूर्य ग्रहण कहा जाता है।